ग्रेटर नोएडाप्राधिकरणविकास
ग्रेटर नोएडा की खस्ताहाल सड़कों पर अधिकारियों, नेताओं और पत्रकारों की नजर नही पड़ती
पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में थमाई गई विज्ञप्तियों से बाहर निकालने की कोशिश करनी चाहिए ~ संजय भाटी
संजय भाटी। सुप्रीम न्यूज
गौतमबुद्धनगर। ग्रेटर नोएडा में हमारे देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्र सरकार के मंत्रियों से लेकर राज्य सरकार के मंत्रियों का आना जाना लगा ही रहता है।
आप सभी आए दिन अखबारों और टीवी चैनलों से लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर भी वीवीआईपी के जिले में आने की खबरें पढ़ते रहते होंगे। जिसके साथ साथ आपको पूरे देश में कितनी तरक्की हो रही है इसकी जानकारी भी अखबारों और टीवी चैनलों के खोलते ही मिल जाती होगी
आज हम आपको उत्तर प्रदेश की शो विंडो कहें जाने वाले गौतमबुद्धनगर की हकीकत से रूबरू कराते हैं।
गौतमबुद्धनगर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटा हुआ है। गौतमबुद्धनगर को हम उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी भी कह सकते हैं।
अब हम आपको गौतमबुद्धनगर की चमचमाती सड़कों के अलावा उन सड़कों पर ले चलते हैं। जिनकी तस्वीरें भाजपा की सरकार आने के बाद से मीडिया ने आपको दिखाने की जरूरत नही समझी।
तस्वीर में आप जो सड़क देख रहे हैं वह नोएडा से दादरी की ओर जाने वाली रोड़ है। नोएडा से ग्रेटर नोएडा के एंट्री पॉइंट से लेकर दादरी तक सड़क जगह-जगह जर्जर हालत में है। यदि दस किलोमीटर में छोटे बड़े सौ से अधिक ऐसे गड्ढे होंगे जो वाहनों को क्षति पहुंंचातें हैं। इन गड्ढों के कारण हादसों की स्थिति निरंतर बनी रहती है।
अब आप समझ सकते हैं कि ये सड़कें उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी गौतमबुद्धनगर नगर की हैं। जहां तीन विकास प्राधिकरण काम कर रहे हैं।
(1) नई ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा)
(2) ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (ग्रेटर नोएडा)
(3) यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण