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हिन्दू हृदय सम्राट को उत्तर प्रदेश की जनता ने दूसरी पारी भ्रष्टाचार से निपटने के लिए नही दी

मालूम नही आपके चहेतों के भ्रष्टाचार को जनता कब तक सहन करेगी?

 

     शायद हिन्दू हृदय सम्राट योगी श्री आदित्यनाथ को अपने पहले कार्यकाल में पनपे भ्रष्टाचार की जानकारी अभी तक भी नही हुई क्योंकि उत्तर प्रदेश की जनता ने दूसरी पारी में बहुमत भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था पर दिया ही नही है।

 

 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हिन्दू हृदय सम्राट योगी श्री आदित्यनाथ या तो अपने भाषण में भ्रष्टाचार पर बातें कर जनता को आस्वस्त करना चाहते हैं कि वे अब पिछले कार्यकाल में पनपे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने पर ध्यान दें रहें हैं। या फिर वे अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा पूर्व में किए गए भ्रष्टाचार पर अभी तक गर्जना भर रहे हैं। पता नही शायद हमारे मुख्यमंत्री अपने पिछले कार्यकाल पर बिल्कुल भी ध्यान नही दे रहे हैं। देंगे भी क्यों, दूसरी पारी जो मिली है।

वैसे उन्हें यह मालूम है कि उन्हें उत्तर प्रदेश की जनता ने जो बहुमत दूसरी पारी के लिए दिया है। वह भ्रष्टाचार से लडने के लिए दिया ही नही है। यदि उत्तर प्रदेश की जनता कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वोट देती तो मीडिया और सरकारी आंकड़े कुछ भी कहें पर वास्तव में योगी आदित्यनाथ का पहला कार्यकाल सपा और बसपा से काफी खराब रहा है।

इस बात को उत्तर प्रदेश की जनता, पक्ष-विपक्ष के राजनीतिज्ञ व मीडिया से जुड़े सभी लोग अच्छी तरह जानते थे कि हिन्दू हृदय सम्राट योगी श्री आदित्यनाथ अपनी पहली पारी में कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के मामले में अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों की सरकारों से काफी पीछे खड़े दिखाई दे रहे थे। मतलब साफ है कि योगी आदित्यनाथ की पहली पारी एक अयोग्य मुख्यमंत्री के रूप में देखी गई। बावजूद इसके हिन्दू हृदय सम्राट योगी श्री आदित्यनाथ को पुनः बहुमत मिला। आखिर क्यों?

  जनता ने बहुमत क्यों दिया?

योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में भ्रष्टाचार और अपराध अपने सभी रिकॉर्ड तोड चुके थे। फिर भी बहुमत मिला। तो कृपा कम से कम ये तो जान ही ले लीजिए कि जनता ने बहुमत क्यों दिया? जनता ने  केवल और केवल हिन्दू हृदय सम्राट योगी श्री आदित्यनाथ को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देखने के लिए उत्तर प्रदेश में बहुमत दिया है।

                  अजीब लग रहा होगा। लेकिन यही वास्तविकता है। उत्तर प्रदेश की जनता भली-भांति जानती व समझती है कि यदि योगी श्री आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश में दूसरी पारी के लिए बहुमत नही दिया जाता तो हिन्दू हृदय सम्राट योगी श्री आदित्यनाथ को देश के प्रधानमंत्री के रूप में देखने के उनके सपनों पर पानी फिर जाता। क्योंकि राष्ट्रीय स्तर की राजनीति और उनकी अपनी पार्टी में योगी श्री आदित्यनाथ का कद गिर जाता। जो उत्तर प्रदेश की जनता नही चाहती थी।

यदि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी श्री आदित्यनाथ सचमुच भ्रष्टाचार से उतर प्रदेश की जनता को निजात दिलाना चाहते हैं तो एक बात समझ लें कि जनता को सीधे तौर पर इस बात से कोई फर्क नही पड़ता कि बड़े-बड़े नेताओं और पूंजीपतियों ने कितने घोटाले कर कितने करोड़ या अरब जमा कर लिये।जनता पर इसका भी कोई प्रभाव नही पड़ता कि आपके राजनीतिक विपक्षी दलों के नेताओं का भ्रष्टाचार पकड़ा गया या फिर नही पकड़ा गया।

जनता पुलिस-प्रशासन के भ्रष्टाचार से परेशान

जनता पर उन सौ, दो सौ, पांच सौ रुपए का फर्क पड़ता है तो सड़क पर खड़े सिपाही योगी आदित्यनाथ की छत्रछाया में कानून का रोब गांठते हुए ऐंठ लेते हैं। जनता पर थानों में बैठें दरोगा, इंस्पेक्टर और उच्च अधिकारियों द्वारा कानून का रोब गांठते हुए ऐंठ गए पांच, दस हजार से लेकर लाख, दो लाख और दस, पांच लाख रुपए एनकाउंटरों और मुकदमों में फंसकर भेजने से बचाने के नाम पर हो रही अवैध वसूली से फर्क पड़ता है।

आम आदमी पर तहसीलों और जिला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा अवैध रूप से लिए जाने वाले सुविधा शुल्कों से सीधे फर्क पड़ता है। आम आदमी चपरासी, बाबू, पटवारी, कानूनगो, तहसीलदार, एसडीएम, एडीएम व उच्च अधिकारियों के भ्रष्टाचार से प्रभावित होता है। जनता सरकारी विभाग एआरटीओ, विकास अधिकारी कार्यालय, ब्लाकों व अन्य में आपके चहेतों की तैनाती से पनपे भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहती।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी श्री आदित्यनाथ तो अभी तक विपक्षियों के भ्रष्टाचार और अपराधों तक ही पहुंचे हैं। उनके इशारे वहीं तक होते हैं जबकि जनता विपक्षियों को तो भूल गई है। अब योगी श्री आदित्यनाथ अपने भाषण और वक्तव्यों में पता नही क्यों उस भ्रष्टाचार और अपराध के मुद्दे को उठा रहे हैं जो अब कहीं भी नही है। अब तो जनता उस भ्रष्टाचार और अपराध से परेशान हैं जो वर्तमान सरकार के चहेतों का है। जिसमें भाजपाई नेताओं से लेकर सरकार के चहेते चपरासी, बाबू, पटवारी, सिपाही, दरोगाओं से लेकर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी तक शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सही मायने में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को कह रहे हैं तो अपने चहेतों पर अंकुश लगाएं।

उत्तर प्रदेश की जनता हिन्दू हृदय सम्राट योगी आदित्यनाथ को देश का प्रधानमंत्री के रूप में देखने सोच रखते हुए उत्तर प्रदेश की कमान योगी आदित्यनाथ को देश कर अपनी सोच और सपने की कीमत वर्तमान में उत्तर प्रदेश में सभी सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार को झेलते हुए चुका रही है। कहीं जनता की सहन शक्ति जबाब दे गई तो जनता के सपनों का भावी प्रधानमंत्री कोई और भी हो सकता है।

 

संजय भाटी/संपादक सुप्रीम न्यूज

हमारा सम्पर्क सूत्र supremenews72@gmail.com

 

 

 

 

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