संजय भाटी संपादक
जय हो, ने किया उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचन्द की कहानी “बड़े भाई साहब” का मंचन
साहित्य के माध्यम से सामाजिक एवं पारिवारिक रिशतों को मजबूत करने का दिया संदेश
डा. विमला गुप्ता नाट्य मंच गाजियाबाद के कलाकारों के द्वारा किया गया मंचन
ग्रेटर नोएडा। जय हो एक सामाजिक संस्था द्वारा आधुनिक हिंदी साहित्य के सबसे बड़े हस्ताक्षर एवं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी “बड़े भाई साहब” पर आधारित नाट्य मंचन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन शनिवार शाम दादरी के रेलवे रोड स्थित मोहन कुंज में हुआ। कार्यक्रम के दौरान शहर के गणमान्य एवं प्रबुद्ध लोग उपस्थित रहे। कहानी का मंचन डॉ विमला गुप्ता नाट्य मंच गाजियाबाद के कलाकारों द्वारा संदीप सिंहवाल के निर्देशन में किया गया।
जय हो सामाजिक संस्था के संयोजक कपिल शर्मा ने बताया कि समाज में रिश्तों को लेकर निरंतर गिरावट देखने को मिल रही है। जिसमें भाई- भाई से और बेटा बाप से झगड़ रहे हैं। जो कि कहीं ना कहीं समाज में साहित्य चेतना की कमी को दर्शाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए जय हो सामाजिक संस्था के द्वारा समाज में साहित्य चेतना एवं सामाजिक व पारिवारिक रिश्तो में मजबूती लाने के उद्देश्य से आधुनिक हिंदी साहित्य के सबसे बड़े हस्ताक्षर एवं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी बड़े भाई साहब का मंचन किया गया। उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में संस्था मुंशी प्रेमचंद की पूस की रात, गोदान, नमक का दारोगा आदि कहानियों का भी मंचन कराएगी।
इस अवसर पर कार्यक्रम में एडिशनल डीसीपी ग्रेटर नोएडा अशोक कुमार, किशोर न्यायालय गौतमबुद्ध नगर के सदस्य पूर्व प्रधानाचार्य महेंद्र सिंह, जिला शासकीय अधिवक्ता सिविल नीरज शर्मा बतौर अतिथि कार्यक्रम में उपस्थित रहे। इस अवसर पर एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह कल्पित कहानी दर्शाती है कि मनुष्य अपनी उम्र के बजाय अपने कृत्यों और दायित्वों से बड़ा होता है। मानव जाति वर्तमान में विकसित हो रही है। प्रेमचंद ने इन जिम्मेदारियों के महत्व से सभी को अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि लोगों को रिश्तो के महत्व को समझना चाहिए। मुंशी प्रेमचंद जी की इस कहानी ने दर्शाया है कि बड़े भाई भले ही कुछ ना रहे हो लेकिन छोटे भाई के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को लेकर वह सदैव सजग रहे और उन्होंने हमेशा प्रयास किया मेरा छोटा भाई पढ़ लिख कर एक बड़ा आदमी बने और वह किसी भी तरह अपने पथ से भटक न जाए। मिलाकर कुल मिलाकर कहानी में जहां बड़े भाई की डाट और फटकार को दिखाया गया है वही उनके मन में छोटे भाई के प्रति छिपे प्रेम भाव को भी दिखाया है। कार्यक्रम में उपस्थित सभी दर्शकों ने साहित्य चेतना से परिपूर्ण सुंदर आयोजन के लिए जय हो सामाजिक संस्था बधाइयां दी और भविष्य में इस प्रकार के आयोजनों के लिए सहयोग का भी भरोसा दिलाया।
कार्यक्रम में जय हो संस्था के संरक्षक एवं व्यापारी नेता मनोज गोयल, कवि सुधीर वत्स, कपिल चौधरी, अध्यक्ष संदीप भाटी, महासचिव परमानंद कौशिक, याकूब मालिक, दिनेश भाटी, विशाल नागर, सुनील कश्यप, हारून सैफी, जावेद मलिक, दुर्रम यादव, नीरज राव, मौजीराम नागर, मास्टर मनोज नागर, सुशील प्रधान, एन के शर्मा, विक्रांत नागर, टीकाराम शर्मा, अरविंद शर्मा, अभिषेक शर्मा, डॉ उमेश शर्मा आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे।