गौतमबुद्धनगरसाहित्य
इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान पाने वाले डॉ राकेश कुमार आर्य का किया गया सार्वजनिक अभिनंदन
इस अवसर पर डॉ राकेश कुमार आर्य ने बताया कि उन्हें इस प्रकार के इतिहास लेखन की शिक्षा अपने पूज्य पिताजी से प्राप्त हुई । उन्हीं के दिए संस्कारों के आधार पर उन्होंने इतिहास का 1235 वर्ष का स्वाधीनता संग्राम रखने का संकल्प लिया।जिससे आने वाली पीढ़ी को भारत के क्रांतिकारी इतिहास की सही जानकारी मिल सके। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने इस इतिहास लेखन को छह खंडों में पूर्ण किया है। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास को भारत से शत्रु भाव रखने वाले विदेशी इतिहासकारों ने लिखा है। यह गुलामी का इतिहास हमें बर्दाश्त नहीं। जिस समय देश की हुकूमत बदली थी उसी समय देश के इतिहास को बदलने की आवश्यकता थी।