गौतमबुद्धनगरपत्रकारिता से धंधा नही
अधिकारी आम के बहाने पत्रकारों के साथ आमजनों को चूसने की आदत छोड़ दें, भ्रष्टाचार जड़ से खत्म
नोएडा के पत्रकारों पर आय से अधिक संपत्ति और माफियाओं से साठ-गांठ होने को लेकर चल रही चर्चित जांच के उद्देश्य को सार्थक करने के लिए "सुप्रीम न्यूज की संपादक मधु चमारी" का यह लेख मील का पत्थर साबित होगा।
नोएडा में आम चूसने में कोई भी खास व्यक्ति पीछे नहीं रहा भले ही वह अधिकारी, नेता या पत्रकार हो। लेकिन बड़े आश्चर्य की बात ये है कि जांच की जद्दोजहद में केवल पत्रकारों का ही नम्बर आया है ।
मधु चमारी/ संपादक/ दैनिक सुप्रीम न्यूज
नोएडा। पिछले साल नोएडा मीडिया क्लब में 11 जुलाई को आम उत्सव का आयोजन किया गया था। जिसमें गौतमबुद्धनगर पुलिस-प्रशासन से लेकर प्राधिकरणों के बड़े-बड़े अधिकारी आम चूसते नजर आए थे। इस आम उत्सव में जहां केसर, लंगड़ा, चौंसा, सफेदा, फजरी, दशहरी, रामकेला, न्यादर मनोटा और रटौल प्रजातियों के आम शामिल हुए। वहीं सत्तारुढ दल भाजपा के जिले भर के नेताओं के अलावा कुछ बड़े नेता भी इस आम उत्सव में शामिल थे।
खबरों में तो यह बताया गया था कि इस दौरान आम की प्रजातियों, खेती, व्यापार, खूबियों, स्वाद और ऑर्गेनिक खेती पर चर्चा हुई। वैसे इस आम उत्सव में आम की पैदावार से जुड़े माली और किसानों का दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं था। वास्तविकता तो यह है कि इस आम उत्सव के आयोजन का मकसद पत्रकारों , नेताओं और अधिकारियों द्वारा आपसी सहयोग और सामंजस्य स्थापित कर ‘आमजन को चूसकर ऑर्गेनिक धन’ की पैदावार और उसके सुखद उपयोग के अलावा और कुछ भी नहीं था।
फिर भी खबरों में आम पर हुई ये चर्चा सभी उपस्थित अधिकारियों और पत्रकारों द्वारा ऑर्गेनिक पैदावार और उसके गुणों के मामले में बहुत उपयोगी और महत्वपूर्ण बताई गई।
दरअसल इस आम उत्सव में शामिल सभी लोग आम से धन की पैदावार के विशेषज्ञ थे। जिन्होंने बगैर एक शब्द आम की पैदावार पर बोले आंखों ही आंखों में मौजूद पत्रकारों को आम की ऑर्गेनिक खेती से अधिकाधिक लाभ कमाने के गुर सिखाएं।
जिसके नतीजे पत्रकारों पर आय से अधिक सम्पत्ति और स्क्रैप माफिया रवि नागर उर्फ रवि काना के मामले में पत्रकारों पर चल रही चर्चित जांच के रूप में सामने आ रहे हैं। वैसे ये कोई नई बात नहीं है। ये एक सर्वमान्य परंपरा की तरह है। रवि नागर के भाई स्वर्ग. प्रधान हरेंद्र नागर भी पुलिस और पत्रकारों के आयोजनों में होने वाले खर्चों को उठाते थे। यहां पर यह कहा भी उचित होगा कि 11 जुलाई 2023 को नोएडा मीडिया क्लब में मिल जुलकर चूसे गए आम रवि नागर उर्फ रवि काना द्वारा भेजे गए थे या फिर किसी और माफिया द्वारा…यह भी जांच का विषय है। इस तरह के आयोजनों में अधिकांशतः किसी सेवक (जो बाद में गैंगस्टर हो सकता है) का ही खर्च होने की भी परम्परा किसी से छिपी हुई नहीं हैं। प्रायः पुलिस और पत्रकारों के सेवक आर्थिक अपराध से जुड़े हुए लोग ही होते हैं।
आपको जानकारी दे दें कि नोएडा मीडिया क्लब के इस ‘आम उत्सव’ का मूल उद्देश्य मिल जुलकर आम की तरह ‘आमजन’ को चूसने के अलावा कुछ भी नहीं था।
आपको जानकारी दे दें कि नोएडा मीडिया क्लब के पत्रकारों के इस आम उत्सव के आयोजन में आम भले ही भाजपा की वरिष्ठ नेत्री के देवर रवि काना (तब रवि काना का यही परिचय था) और अन्य दूसरे इस तरह के समाज सेवियों के लगे हों। जो अभी रवि काना की तरह पुलिस द्वारा गैंगस्टर न ठहराए गए हों।
दिलचस्प बात यह है कि आम चूसने में शामिल माननीय और सम्माननीयों में राज्यसभा के उपसभापति सुरेंद्र सिंह नागर, नोएडा के विधायक और उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष पंकज सिंह, मेरठ-सहारनपुर शिक्षक सीट से एमएलसी श्रीचंद शर्मा, दादरी के विधायक तेजपाल सिंह नागर, उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के चेयरमैन कैप्टन विकास गुप्ता, गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार सिंह, संयुक्त पुलिस आयुक्त लव कुमार, जिलाधिकारी सुहास एलवाई, नोएडा के एडिशनल डीसीपी कुमार रणविजय सिंह और सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश वर्मा थे।
इनके अलावा गौतमबुद्धनगर के प्राधिकरणों से आयोजन में नोएडा अथॉरिटी के प्रधान महाप्रबंधक राजीव त्यागी, विशेष कार्याधिकारी इंदु प्रकाश सिंह, हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट से आनन्द मोहन, नोएडा एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन मलहन, नोएडा एम्प्लॉयीज एसोसिएशन के अध्यक्ष कुशलपाल सिंह भी मौजूद थे।
भाजपा के महानगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राघवेन्द्र दुबे, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राकेश शर्मा, इंडियन इंडस्ट्रीज असोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एसपी शर्मा, एक्टिव सिटीजन टीम के आलोक सिंह, नोवरा के अध्यक्ष रंजन तोमर, भाजपा किसान मोर्चा के ओमवीर अवाना ने मुख्य रूप से शिरकत की।
अब आप साफ-साफ देख व समझ सकते हैं कि नोएडा मीडिया क्लब के पत्रकारों के इस ‘आम उत्सव’ में आम आदमी आपको यदि कहीं नजर आएगा तो सिर्फ चूसने के लिए प्लेटों में रखे आम के रूप में टेग लगा हुआ ही नजर आयेगा। जो चूस कर फेंक दिया जाएगा।
आपको बता दें कि नोएडा के पत्रकारों के भ्रष्टाचार का अकेला मामला केवल “रवि नागर उर्फ रवि काना ” से जुड़ा हुआ मामला ही नहीं है। नोएडा में तो वर्षों से यहां तैनात रहे पुलिस-प्रशासन और प्राधिकरणों के अधिकारियों के साथ मिलकर पत्रकारों ने भ्रष्टाचार पूरा एक मेकैनिज्म विकसित किया हुआ है।
नोएडा में हवाई चप्पल पहन कर दो वक्त की रोटी की तलाश में आए अनेकों पत्रकारों के पास करोड़ों रुपए की संपत्ति है। जिनकी शान-शौकत भरी लग्जरी लाइफ को देखकर हजारों युवा काम धंधा छोड़ कर पत्रकार बनकर पत्रकारिता के भ्रष्ट खलिफाओं की गुलामी में जुट गए।
आप समझ सकते हैं कि नोएडा में आम चूसने में कोई भी खास व्यक्ति पीछे नहीं रहा भले ही वह अधिकारी, नेता या पत्रकार हो। लेकिन जांच की जद्दोजहद में केवल पत्रकारों का ही नम्बर आया है।
वैसे यह जांच किसी बड़े नतीजे की ओर जाती नजर नहीं आ रही है । इसका उद्देश्य केवल भविष्य के मीडिया मैनेजमेंट तक ही सीमित नजर आ रहा है।
मधु चमारी/ संपादक/ दैनिक सुप्रीम न्यूज
पार्ट एक/अगले लेख में आप कारणों और परिणामों सहित आगे पढेंगे….
उत्तर प्रदेश में मीडिया, अधिकारियों और नेताओं के गठबंधन ने आम जनता को केवल कानून के नाम पर निचोड़कर पीने/ आम की तरह चूसने के अलावा कुछ नहीं किया ।
जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हिन्दू हृदय सम्राट योगी आदित्यनाथ के जलवे को मिट्टी में मिला दिया गया, जिसके परिणाम लोकसभा चुनाव के बाद सबके सामने हैं। …