संविधान और कानून

बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश सजायाफ्ता और आपराधिक प्रवृत्ति के वकीलों के पंजीयन निरस्त करेगी

ब्यूरो रिपोर्ट

इलाहाबाद। उम्र कैद की सजा पाने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता खान सौलत हनीफ के चलते सजायाफ्ता अधिवक्ताओं व सौलत हनीफ की सदस्यता को लेकर बहस चल पड़ी है। जिसके चलते बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने ऐसे सभी अधिवक्ताओं की जानकारी जुटाने और सदस्यता समाप्त करने के उद्देश्य से पत्र जारी कर साफ कर दिया है कि बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ऐसे सभी अधिवक्ताओं की सदस्यता समाप्त करेगी जिनकों अपराधिक मामलों में संलिप्त के लिए सजा सुनाई गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिवक्ता खान‌ सौलत हनीफ अतीक के तमाम मामलों की विभिन्न अदालतों में पैरोकारी के करता रहा है। अधिवक्ता सौलत हनीफ को अतीक अहमद के साथ-साथ उम्रकैद की सजा हुई है जिसके कारण बार काउंसिल उसकी सदस्यता रद्द करने के लिए नियमानुसार कार्रवाई करेगी।

इसी के साथ बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने प्रदेश भर में सजायाफ्ता और आपराधिक प्रवृत्ति के वकीलों के पंजीयन निरस्त किए जाने के लिए पत्र जारी कर कहा है कि प्रदेश भर में ऐसे अधिवक्ताओं के पंजीयन निरस्त किए जाएंगे।

बार काउंसिल द्वारा शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के जिला जजों, जिलाधिकारियों व पुलिस कमिश्नरों/पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजकर अपराधिक संलिप्तता वाले अधिवक्ताओं की सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा है। सजायाफ्ता और आपराधिक रिकार्ड वाले वकीलों की बार काउंसिल सदस्यता समाप्त करेगा।

बार काउंसिल के अध्यक्ष पांचू राम मौर्य ने बताया कि किसी भी वकील के सजायाफ्ता होने पर उसकी सदस्यता स्वत: समाप्त समझी जाती है। इसलिए सौलत हनीफ के मामले में प्रक्रिया अपनाते हुए सौलत हनीफ की सदस्यता समाप्त की जाएगी।

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