गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस
गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस, क्रासिंग थाना प्रभारी व बाईपास चौकी प्रभारी देवेंद्र सिंह को ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठता के लिए धन्यवाद ~ संजय भाटी
सुप्रीम न्यूज। ब्यूरो
सुप्रीम न्यूज की ओर से गाजियाबाद क्रासिंग, बाईपास में आयोजित मेले का अचानक निरीक्षण किया गया
NCR के मेला संचालक अनिल अग्रवाल और पप्पू शर्मा द्वारा ईमानदारी की पेशकश की गई है । गाजियाबाद के क्रासिंग थाना क्षेत्र की बाईपास चौकी क्षेत्र में मेला लगाया है। जिसमें मेले संचालकों के बार-बार आग्रह पर कल दिनांक 04/02/2023 को हमारे द्वारा कुछ पत्रकारों व कुछ आमजनों लोगों को लेकर अचानक किसी को भी जानकारी दिए बिना पहले पूरे मामले का निरीक्षण किया गया। आस पास के लोगों से भी मेले में जुआ आदि चलाए जाने के बारे में जानकारी जुटाई गई तो किसी के द्वारा भी मेले में जुआ चलवाने की कोई जानकारी नही दी गई। इसके अलावा हमारे एक्सपर्ट ने भी भलीभांति निरीक्षण किया तो मेरे में कुछ भी संदिग्ध नही मिला।
गाजियाबाद क्रासिंग थाना क्षेत्र के बाईपास चौकी प्रभारी देवेंद्र सिंह सहित गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट पुलिस को कर्तव्यनिष्ठता और ईमानदारी के लिए धन्यवाद
गाजियाबाद क्रासिंग थाना क्षेत्र के बाईपास चौकी क्षेत्र में चल रहे मेले में जुआ आदि कुछ भी चलता नही मिला और न ही ऐसे कोई तथ्य मिले तो सुप्रीम न्यूज की ओर से बाईपास चौकी प्रभारी श्री देवेन्द्र सिंह को ईमानदारी से काम करने के लिए धन्यवाद दिया। इसके लिए गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट सहित क्रासिंग थाना प्रभारी भी धन्यवाद के पात्र हैं।
सुप्रीम न्यूज के संपादक संजय भाटी व अन्य साथियों से वार्तालाप के दौरान बाईपास चौकी प्रभारी SI देवेंद्र सिंह ने कहा कि यहां गरीब मजदूर हैं हमारी जिम्मेदारी है कि कुछ गलत न हो।
गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस, क्रासिंग थाना प्रभारी व बाईपास चौकी प्रभारी देवेंद्र सिंह को ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठता के लिए धन्यवाद ~ संजय भाटी @Uppolice @dgpuppi @ghaziabadpolice SI देवेंद्र ने कहा कि यहां गरीब मजदूर हैं हमारी जिम्मेदारी है कि कुछ गलत न हो
https://t.co/mIEvPfKz4M— दैनिक सुप्रीम न्यूज (@SupremeNewsG) February 5, 2023
देखना ये है कि क्या अब मेला संचालक हमेशा ईमानदारी पर कायम रहेंगे। क्या ये दूसरी जगहों पर भी ईमानदारी से काम करेंगे?
गाजियाबाद। NCR में मेला चलने वाले अनिल अग्रवाल, पप्पू शर्मा की ओर से सुप्रीम न्यूज से एक अनुरोध बारबार किया जाता रहा है कि हम स्वयं अचानक कभी भी उनके मेले में जाकर यह देखें कि क्या उनके मेले में जुआ आदि कोई गैरकानूनी गतिविधि चलाई जा रही है या फिर नही?
उनका कहना है कि मेले में यदि कुछ भी गलत चलता पाया जाता है तो शिकायत करें। लेकिन शिकायत करने से पहले स्वयं या फिर किसी अन्य के द्वारा मौके पर अवश्य देखें। इसके लिए मेले संचालक आने जाने का खर्चा भी वहन करेंगें। लेकिन मेले संचालकों से आने जाने का खर्चा लेकर उनकी गैरकानूनी गतिविधियों को बेनकाब करना किसी भी पत्रकार या समाजसेवियों के लिए एक चुनौती होगी।
यहां यह भी एक कड़वा सच है कि आने जाने के खर्चे के नाम पर मेले संचालकों द्वारा मेनेज करने का प्रयास किया जाएगा या वास्तव में जुआ चलवाना बंद कर दिया जाएगा।
आप भी बताओ कि मेलों में जुआ और गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए क्या हो?
हमारे विचार से इसके लिए एक टीम बनाई जाए और टीम के सदस्य अचानक मेले में पहुंचे और स्वयं देख कर बताएं कि मेलों में कुछ गैरकानूनी तो नही चल रहा है। यदि कुछ गलत चल रहा है तो उसकी विडियो रिकॉर्डिंग करें।
यह फार्मूला एक हद तक कामयाब भी हो सकता है। क्यों कि मीडिया के लोग यदि ईमानदारी से काम करेंगे तो वे मेलों को देखते ही यह जान जाते हैं कि यहां कुछ देर पहले जुआ या अन्य गैरकानूनी गतिविधियां संचालित की गई थी या फिर नही। मीडिया के लोग भविष्य में मेला संचालकों की जुआ चलाने की तैयारी को भी भांपकर आगे की रणनीति बना सकते हैं।
वैसे यह समस्या का समाधान बिल्कुल भी नही है कि कुछ पत्रकार या समाजसेवियों की टीम को निरीक्षण करा दिया जाएगा तो मेलों में जुआ और अश्लील डांस आदि बंद हो जाएगा।
हमारे विचार से यह सब भी पुलिस की उन औपचारिकताओं की तरह ही साबित होगा जैसे कि पुलिस के पहुंचने पर मेले संचालकों द्वारा कुछ देर के लिए गैरकानूनी गतिविधियों को बंद करवा दिया जाता है। ठीक इसी तरह जब भी पत्रकार और समाजसेवियों की कोई भी टीम मेलों में जाकर देखेगी तब कुछ देर के लिए जुआ और अश्लील डांस आदि गैरकानूनी गतिविधियों को बंद करवा दिया जाएगा।
पत्रकार या फिर आमजन आखिरकर करें भी तो क्या करें ?
यह बहुत ही संदेहास्पद है कि कुछ देर सब कुछ ठीक चल रहा है तो हमेशा सही चलेगा। इसके लिए तो जन जागरूकता से ही एक उचित विकल्प की संभावना होंगी। ऐसे हर मामले में जनता को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी तभी इस तरह की समस्याओं के समाधान निकलेंगे। कुछ लोग मौका मिलते ही गैरकानूनी गतिविधिओं को अंजाम दे देते हैं। ऐसे में सब कुछ पुलिस विभाग पर ही निर्भर करता है। पत्रकार या कोई आम नागरिक तो ऐसे मामलों को केवल उजागर ही तो कर सकते हैं।