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पाप में डूबे पत्रकारों को क्लबिया पापा कहें या आका कहें जिनके सामने कोई पत्रकार नही बोलता
क्लबिया पत्रकारों के पापा कहें या आका कहें क्योंकि इनके सामने कोई भी पत्रकार नही बोलता। आखिर ऐसा क्या है? जो सभी पत्रकारों के मुंह पर टेप चिपका हुआ है? क्या सभी नोएडा में हुए कब्रिस्तानों, श्मशान घाट, गोचर, जंगल, और तालाब आदि की बिक्री और कब्जे से जुड़े घोटाले बाजों से जुड़े हुए हैं? या फिर नए-नए घोटालों में हाथ आजमा रहें हैं जो सभी की जबान पर ताले लगे हुए हैं। ऐसे क्या कारण है कि सभी क्लबिया पत्रकार धृतराष्ट्र बनकर बैठे हैं।
गौतम बुद्ध नगर जिले में अधिकांश बड़े मीडिया संस्थानों के पत्रकार और तत्कालीन पुलिस-प्रशासन, प्राधिकरणों के अधिकारी, कर्मचारी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से घोटालों में शामिल रहते हैं। क्योंकि ये पत्रकार कभी भी किसी भू घोटाले की खबरें उस समय नही उठाते जब वो भूमि घोटाले हो रहे होते हैं। बल्कि सभी बड़े समाचार पत्रों के पत्रकार उस समय घोटाले बाज लोगों की शान में कसीदे पढ़ते रहते हैं।
वास्तविकता तो यह है कि जिन घोटालों में पत्रकारों द्वारा घोटालों बाजों पर कानूनी कार्रवाई होने पर लम्बी चौड़ी खबरें प्रकाशित करते हुए जनता की नजर में वाहवाही बटोरी जाती है। उन घोटालों में अधिकांश क्लबिया पत्रकारों द्वारा घोटालेबाजों के साथ मिलकर बंदरबांट में अपने व अपने सीनियरों से लेकर अपने मीडिया संस्थानों के हिस्से भी डकार लिए जाते हैं।
हमारी जांच पड़ताल में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में क्लबिया पत्रकारों के पास नोएडा प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की स्थापना के बाद से जितनी रफ्तार से क्लबिया पत्रकारों की सम्पत्ति बढ़ती जा रही है उतनी तो यहां के बड़े-बडे राजनीतिज्ञों और घोटाले बाजों की भी नही बढ़ पाई।
गौतमबुद्धनगर जिले में अधिकांश बड़े मीडिया संस्थानों व क्लबिया गैंग के पत्रकारों के एक से बढकर एक लग्जरी गाड़ियां हैं। इन क्लबिया पत्रकारों के बच्चे नोएडा के सबसे मंहगे स्कूलों में पढ़ते हैं। पांच हजार से लेकर 20-25 हजार तनख्वाह पाने वालों के पास एक-दो नही कई-कई दूकानें, फैक्ट्रिया और फ्लैट मौजूद हैं।
आपको ताज्जुब होगा कि इनमें से अधिकांश उत्तर प्रदेश के दूर-दराज के जिलों से तो कुछेक दूसरे राज्यों से पर बेरोजगारी के चलते यहां पर खाली हाथ आए थे। जिन्होंने गौतमबुद्धनगर के कुछ अपराधियों और भूमाफियाओं से गठजोड़ कर इस माया नगरी में अपना लूट-खसोट सम्राज्य स्थापित कर लिया। जिसके चलते क्लबिया गैंग के पत्रकारों ने करोड़ो रुपए की अचल संपत्तियां गौतमबुद्धनगर में पत्रकारिता से खड़ी कर ली है।
जारी…….