उत्तरप्रदेश

चक्करव्यूह टूटेगा, ये तो केवल चिंगारी है

पत्रकारिता और जज्बे को सैल्यूट

आज ट्विटर पर कॉर्पोरेट जगत से जुड़े हुए पत्रकारों द्वारा किसानों की कवरेज कर रहे कुछ ऐसे पत्रकारों का वीडियो डाला गया है। जिनकी कार्यशैली से साफ-साफ पता चल रहा है कि वे कम पढ़े लिखे और गरीब, मजदूर, किसान या अन्य किसी मेहनतकस वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। ये पत्रकार उन किसानों की कवरेज कर रहे हैं जिन्होंने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया है।

 

आप सब की पत्रकारिता और जज्बे को सलाम

अब आप स्वयं ही इस चिंगारी को देखें जो कॉरपोरेट मीडिया संस्थानों और उनके क्लबिया पत्रकारों के कलेजे को धधका देती है। इस तरह की पत्रकारिता और पत्रकारिता करने के जज्बे को सुप्रीम न्यूज परिवार की ओर सैल्यूट करते हुए हम आप सभी देशवासियों, ट्विटर वासियों और से आग्रह कर रहे हैं कि आप भी अपने फोन के कैमरे को पत्रकारिता के लिए चलाएंगे तो कुछ अच्छा होगा।

 

विडियो में एंकरिंग कर रहे व्यक्ति से लेकर विडियो शूट करने वाली महिला एक दम देहाती। वो भी एक दो नही पूरी टीम। सबका कॉन्फिडेंस लेवल देखने लायक है। ये पत्रकारिता में क्रांति का आगाज है।

कैमरा चलाने वाली महिला अपने काम में पूरी तन्मयता से लगी हुई है। एंकरिंग कर रहे व्यक्ति जिससे देख कर विभिन्न जिलों के क्लबिया गैंगों और कॉरपोरेट मीडिया संस्थानों से जुड़े पूंजीपतियों के नौकरों ने कम पढ़े लिखे व्यक्ति के एंकरिंग करने पर एतराज़ जताया है।

 

उसके शब्द गलत हैं इस पर दलालों के पेट में मरोड़ क्यों?

एतराज भी ऐसा जिसे देखकर साफ हो जाता है कि वे अब अपने दलाली के धंधों को लेकर सहज महसूस नही रहे हैं। क्लबिया गैंगों से जुड़े पत्रकारों की चिंता लाजमी है यदि आम आदमी कैमरे चलाएंगे तो वर्षों से दलाली करते आ रहे कॉरपोरेट घरानों के नौकरों के पेट पर लात लगना लाजमी है।

एक बात समझ से बाहर है एंकरिंग कर रहा व्यक्ति कम पढ़े लिखे हैं वे “ज्ञापन” को “विज्ञापन” कह रहे हैं तो इसमें दलाली कहां से आ गई। हमें तो कुछ ऐसा लग रहा है कि क्लबिया गैंग के लोगों को अपनी दलाली के अवसरों पर खतरे की घंटी बजती है 

 

समय आभाव में अभी के लिए इतना ही आगे जारी…..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Close