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दो वक्त की रोटी के लिए मेहनत मजदूरी करने नोएडा आए प्रवासी जागेंगे माफिया और भ्रष्टाचारी जिला छोड़कर भागेंगे ~ संजय भाटी

जब एक संपादक अखबार और घर-परिवार छोड़ कर सड़क पर आता है तो बाकी कुछ भी नही बचेगा, भ्रष्टाचारियों के सारे शीशमहल ध्वस्त होंगे ~ संजय भाटी

पढ़ेंगा इंडिया, बढ़ेगा इंडिया, हर गरीब पत्रकार बनेगा, पत्रकारिता से माफिया राज समाप्त होगा ~ संजय भाटी 

ब्यूरो रिपोर्ट 

नोएडा। गौतमबुधनगर जिले में बहार से आकर मेहनत-मजदूरी करके गुजर बसर करने वाले प्रवासी मजदूरों को नोएडा में चारों ओर से नोंच-नोंचकर खाया जाता है। इसमें कोई नई बात नही है।

सबसे पहले तो महीनों नौकरी करने के बाद कम्पनी या फिर लेबर के ठेकेदारों द्वारा सैलरी के पैसे को लेकर तरह तरह की तरकीब निकाली जाती है। गौतमबुद्धनगर के औद्योगिक क्षेत्र में पड़ने वाले थाने-चौकियों में हर रोज लेबर द्वारा काम करने के बाद पैसे मांगने पर ठेकेदारों द्वारा लेबर के साथ मारपीट करने और पैसे न देने की शिकायतें हर रोज आती रहती हैं।

बहार से आकर मेहनत-मजदूरी करके गुजर बसर कर रहे लोगों के साथ ठगी करने वाले गैंगों की नोएडा में भरमार है। कहीं फर्जी तरीके से प्लाट बेचें जाते हैं, तो कहीं किसी दूसरे बिजनेस के नाम पर मजदूरों के पैसे ठग लिए जाते हैं। बेचारे गरीब मजदूर अपने पैसे के लिए इधर से उधर पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के आगे-पीछे चक्कर लगाने को मजबूर होते हैं।‌

कोई ड्राइवरों से महीनों काम करा करके पैसे नही देता है, तो कोई टैक्सी मालिकों की गाड़ियों को कम्पनियों में चलवाकर मालिकों को पैसे नही देता। बल्कि पैसे मांगने पर कोई पत्रकारिता की धौंस देकर लड़ने झगड़ने को तैयार हो जाता है।

नोएडा में सबसे बड़ा मामला अवैध कॉलोनियों लेकर है। जिसमें हजारों लोग बिल्डरों और कॉलोनाईजरों को लेकर है। जिन्होंने कहीं डूब क्षेत्र में तो कहीं नदी और नहरों की जमीनों को बेंच दिया तो कहीं शाहबेरी कांड जैसे प्रसिद्ध कांड हुए। नोएडा में अधिकांश घोटाले जमीनों और प्लाटों को लेकर हुए जिनमें अधिकांश बहार से आकर मेहनत-मजदूरी करने वाले लोगों को ही शिकार बनाया गया।

जिसका मुख्य कारण प्रदेश में मौजूद सरकार की नीतियां और सरकारी मशीनरी में व्याप्त भ्रष्टाचार है। क्योंकि सरकारी मशीनरी और सरकार का ध्यान हमेशा पूंजी पति वर्ग को सेवा और सुविधाएं देने का रहा। सरकार व सरकारी मशीनरी का ध्यान किसी भी स्तर पर गरीब मजदूर वर्ग नही रहा। बहार से आकर मेहनत-मजदूरी करने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की कोई सुविधा, जानकारी व सहयोग देने का फर्ज सरकारी मशीनरी द्वारा नही उठाया गया। जिले में आए प्रवासी मजदूरों का चारों ओर से न केवल शोषण किया गया बल्कि उनके साथ हर किसी ने लूट-खसोट की।

इस लूट-खसोट में देश भर के भ्रष्टाचारियों और अनैतिक लोगों ने गौतमबुद्धनगर में अपने नेटवर्क फैला लिया और लोगों के साथ जमकर ठगी की गई। पुलिस-प्रशासन और पत्रकारिता जगत से जुड़े भ्रष्ट और चरित्र हीन लोगों ने भी इसे कमाई का सुअवसर मान कर मौके का फायदा उठाते हुए चांदी काटने में कोई कसर नही छोड़ी। नेतागिरी और समाज सेवा के नाम पर अनेकों छद्म चेहरों ने गौतमबुद्धनगर में प्रवासी मजदूरों के बाद और खाल उतारने में कोई कसर नही छोड़ी।

इन मामलों को लेकर अनेकों धरने प्रदर्शन किये गए। लेकिन कहीं कोई असर नही हुआ। एक के बाद एक ठगी कांड होते रहे और ये सब आज तक बदस्तूर जारी हैं। जिसे देखते हुए समाजसेवी संजय भाटी ने समाज के प्रत्येक वर्ग से ताल्लुक रखने वाले नागरिकों को जगाने का बीड़ा उठाया है। वे खुद चलकर लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं और शिकायतों को गंभीरता से सुन व समझ रहे हैं।

आपको बता दें कि संजय भाटी अपनी कर्तव्य निष्ठा और ईमानदारी के लिए शासन प्रशासन और पत्रकारिता जगत में देश भर में पहचाने जाते हैं। जिन्होंने अपने जीवन के 30-32 साल जन-जागरुकता अभियान चलाने और जन सरोकार की पत्रकारिता के लिए संघर्ष करने में गुजर दिये।

अब संजय भाटी जिले भर के गांवों और कस्बों में कभी अकेले तो कभी स्थानीय लोगों के साथ गली मोहल्ले में “भ्रष्टाचार मुक्त भारत अभियान” के लिए जन जागरुकता अभियान चलाए हुए हैं। वे इस अभियान के साथ-साथ लोगों को उनके अधिकारों, जागो ग्राहक जागो, शिक्षा, स्वास्थ्य, सफाई व्यवस्था, बिजली, नाप तौल, सड़क सुरक्षा व यातायात के नियमों, सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट, प्राइमरी स्कूलों, सरकार के फ्री राशन वितरण, शराब की ओवर रेटिंग व अन्य से संबधित अनेकों महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ देश भर में पत्रकारिता के नाम पर चलने वाले धंधे के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

हाल ही में संजय भाटी ने कुलेसरा में जाकर प्रवासी मजदूरों के साथ मिलकर जन-जागरुकता अभियान चलाने के लिए वहां के प्रवासी निवासियों के साथ एक नुक्कड़ सभा की जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। जिनमें अधिकांश महिलाएं थीं।

फिलहाल इस जन-जागरुकता अभियान के समय संजय भाटी के साथ मिलकर जागरूकता अभियान को सफल बनाने के लिए एकजुट होकर काम करने के लिए एकत्रित हुए सभी लोगों के नाम हमें उपलब्ध नही हो सके। नामों की जानकारी के आभाव में जो नाम उपलब्ध हुए हैं। वे अपने पाठकों के सामने रख रहे हैं। संजय यादव, भावेश ठाकुर, प्रदीप कुमार, सत्यवीर पाल, वसीम, विवेक, प्रयांशू , ऋषि कुनाल, नागेश्वर मंडल, कुनाल, दिलीप, धनंजय, आर के पांडेय आदि सैकड़ों लोगों संजय भाटी के साथ मिलकर जागरूकता अभियान की सफलता के लिए नुक्कड़ सभा में शामिल हुए।

 

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