अपराधगौतमबुद्धनगर
मादक पदार्थों की तस्करी जोरो पर नोएडा पुलिस के लिए मुख्यमंत्री के आदेश महत्वहीन
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सीएम योगी सम्पूर्ण प्रदेश में अवैध तस्करों को नेस्तनाबूद करने में लगे हैं मगर नोएडा में पुलिस की नाक के नीचे चल रहा अवैध मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों का कारोबार।
थाना सैक्टर-39 pic.twitter.com/YQdO3mWIeg— पत्रकार धीरेन्द्र अवाना (@dheerenderawan1) September 1, 2022
सुप्रीम न्यूज।नोएडा। उत्तर प्रदेश में अवैध शराब और मादक पदार्थों के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कारवाई के लिए प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है। प्रदेश सरकार का कहना है कि ऐसे कार्यों में संलिप्त माफियाओं और उनके गुर्गों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी और सार्वजनिक स्थानों पर उनके पोस्टर लगाए जाएंगे, ताकि राष्ट्र के खिलाफ अपराध में शामिल ऐसे अपराधियों को सबक सिखाया जा सके।
नोएडापुलिस अपने मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन करना उचित नही समझती। ये हम इसलिए कह रहे है क्योंकि नोएडा में मादक पदार्थो की तस्करी करने वाले खुलेआम अपना अवैध कारोबार चला रहे है।शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।एक तरफ मादक तस्करों के हौसले बुलंद है वही दूसरी ओर पुलिस मूकदर्शक बन कर बैठी है।
नोएडा के थाना सैक्टर-39 क्षेत्र की तो ये क्षेत्र मादक पदार्थो की तस्करी का गढ़ बन चुका है। पुलिस इस पर अंकुश लगा पाने में अक्षम साबित हो रही है। पुलिस की यहीं नाकामी अपराधियों की पौ बारह किए हुए है। इनमें लिप्त अपराधी भी पुलिस से बेखौफ हो मादक पदार्थो की तस्करी जोर शोर से कर रहे हैं। थाना 39 क्षेत्र की एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें मादक तस्कर खुलेआम मादक पदार्थो की तस्करी करता नजर आ रहा है। विडियो में गौर करने वाली बात यह है कि तस्कर कह रहा है कि कल दिन में 11 बजे में गिरफ्तार किया था अभी अगले दिन 3 बजे छोड़ा है।
अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार व्यक्ति को कैसे छोड़ दिया गया?ऐसे मामलों में थाने से जमानत दी गई या फिर थाना पुलिस सैक्टर-39 पुलिस अपने किन निजी स्वार्थों के आरोपी को छोड़ दिया। इस सवाल का जवाब पुलिस से लेने का प्रयास किया गया तो उनके पास इसका कोई जवाब नही है या यू कहे कि पुलिस जवाब देना ही नही चाहती। पुलिस जवाब देना नही चाहती।
- थाना सैक्टर 39का ये कोई पहला प्रकरण नही। इससे पहले भी मारपीट की शिकायत लेकर थाने गये एक नाबालिक लड़के को थाने में ही बैठा लिया गया था। मामला पुलिस के उच्च अधिकारियों की नजर में आने के बाद उसे छोड़ा गया। वास्तविकता यह है कि पुलिस खुद ही कानून को ताक पर रखकर अवैध उगाही में लगी है।