आबकारी विभागगौतमबुद्धनगर

जिले में अधिकांश ठेकों पर ओवर रेटिंग आबकारी विभाग की कार्रवाई नाकाफी

मंथली और सेटलमेंट का खेला लगातार जारी

 

नोएडा में सर्किल 4 के आबकारी विभाग निरीक्षक की मिलीभगत से शराब के ठेकों पर की जा रही ओवर रेट बिक्री व देर रात्रि तक किया जा रहा ब्लैक

आखिरकार कब तक ओवररेट की बिक्री को नजरअंदाज करते रहेंगे आबकारी निरीक्षक

सुप्रीम न्यूज । स्पेशल रिपोर्ट

नोएडा। नोएडा सेक्टर 63 पुस्ता गोल चक्कर के पास सब्जी मंडी के सामने देसी शराब के ठेके पर रात्रि में 9:00 बजते ही शराब के ठेके पर धड़ल्ले से ओवर रेट की बिक्री सेल्समैन द्वारा की जाती है।

स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के बाद इसकी जांच पड़ताल की गई तो पाया गया कि शराब के ठेके पर सेल्समैन द्वारा रात्रि 9:00 बजे के बाद या फिर प्रवासी मजदूरों को ओवर रेट शराब की बिक्री करतें हैं। इतना ही नही उसी शराब के ठेके की कैंटीन से देर रात्रि में ब्लैक में शराब की बिक्री भी पाई गई ।

आबकारी निरीक्षकों की अनदेखी के कारण गौतमबुद्धनगर में अधिकांश शराब के ठेकों पर ओवर रेट बिक्री की जाती है

आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा ठेकों पर ओवर रेटिंग और ब्लैक में बिक्री के लिए निरंतर कारवाही करने की बात कही जाती रही है। लेकिन आबकारी विभाग की ये कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरा मात्र है। दूसरे शब्दों में ये भी कहा जा सकता है कि आबकारी विभाग की कार्रवाई केवल खाना पूर्ति तक सीमित है।

इस सब में एक इमोशनल कार्ड भी खेला जाता है। मामले के जानकारों का कहना है कि शराब के ठेकों पर सेल्समेनों को बहुत कम वेतन दिया जाता है। जिससे महंगाई के दौर में उनके गुजारा नही चल पाता। इस विषय पर बहुत से सैल्समेनों द्वारा अपनी समस्याओं को रखा।

जिला प्रशासन और आबकारी विभाग को शराब ठेकों पर काम कर रहे कर्मचारियों के वेतन और उनको दी जाने वाली सुविधाओं की ओर भी ध्यान देना चाहिए। आखिर कर इसके लिए देश का कोई कानून तो काम करता ही होगा।

  “सुप्रीम न्यूज” की ओर से इस विषय पर जिला आबकारी अधिकारी राकेश बहादुर से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि ओवर रेटिंग और ब्लैक से बिक्री के मामलों में तीस से अधिक पर कार्रवाई की गई है। जिसमें गिरफ्तारी और जुर्माना भी किया गया है।

   सेल्समैनों के वेतन के विषय में उन्होंने बताया कि वैसे ओवर रेटिंग के मामले में सेल्समैनों को ठेका मालिकों द्वारा दिए जाने वाले वेतन और अन्य सुविधाओं की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। लेकिन इस विषय पर आबकारी विभाग को कोई अधिकार नही है यह पूर्णतया ठेका मालिकों और उनके कर्मचारियों की सहमति पर निर्भर है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Close