कानून और संविधानमहा ज्ञान कानूनी ज्ञान

कानून के ज्ञान के साथ विधि शास्त्र के ज्ञान का महत्व समझें कि ये क्यों जरूरी है

सुप्रीम कानूनी ज्ञान/संजय भाटी 

विधि शास्त्र कानून के क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण विषय है। जो आम जन से लेकर जज, वकील, विधायक, सांसद व आम जनों को कानूनों के साथ-साथ विधि शास्त्र का ज्ञान होना आवश्यक है। विधि शास्त्र का ज्ञान ही कानून की जटिलता को सरलता पूर्वक सुलझाने के लिए अवश्य है ~ संजय भाटी 

  विधि शास्त्र का प्रत्येक समाज में विशेष महत्व विधिशास्त्र एक सामाजिक विज्ञान होने के नाते विधिशास्त्र अनेक प्रकार के सामाजिक अधिकार में सुविधा प्रदान करता है जो एक सामाजिक शास्त्र दे सकता है निसंदेह इस शास्त्र के विषय में लास्की ने कहा है कि विधिशास्त्र विधि का नेत्र है । इस लिए इसे Eye of Law भी कहा जा सकता है।

विधिशास्त्र के अनेकों महत्व हैं :- 

(1) व्यवस्थापिका सभा के लिए भी विधिशास्त्र का अध्ययन करना अत्याधक महत्वपूर्ण होता है।

(2) विधिशास्त्र कानून के विद्यार्थियों की मानसिक बुद्धि के लिए एक यंत्र का काम करता है

(3) जिस तरह भाषा के लिए व्याकरण का होना आवश्यक है उसी तरह विधान के लिए विधिशास्त्र का होना परम आवश्यक है क्योंकि विधिशास्त्र के द्वारा ही विधान के मूल सिद्धांतों पर प्रकाश पड़ता है

(4) विधिशास्त्र विधि की कमियों की पूरक है जहां विधि एकदम शांत रहती है तथा एक विधान और दूसरे विधान में कुछ अंतर रहता है विधिशास्त्र विधि को समझने में सहायता करता है।

(5) कानूनों की व्याख्या करने में वकील जज एवं जरी अपनी कल्पना की उड़ान में उड़ते हैं। यह विधि शास्त्री है जो कि ऐसे कल्पना ऊपर एक रोक लगाता है। और सही-सही विधान की व्याख्या करने के लिए बाध्य करता है।

(6) आज के युग में संपूर्ण विश्व में जहां हजारों विधानसभा हजारों कानूनों का प्रत्येक वर्ष निर्माण करती हैं, एक वकील व जज के लिए संभव नही है कि वह सभी कानूनों से अवगत हो। ऐसे स्थलों पर विधिशस्त्र के मूल सिद्धांतों के अध्ययन द्वारा कानून सरल हो जाता है । क्योंकि विधि शास्त्र के सिद्धांत बर्बर नियमों को सुलझाने में सहायता प्रदान करते हैं।

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