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गौतमबुद्धनगर क्लबिया 420 गैंग का सरगना कौन? ठगी, अवैध वसूली करने के तरीके व संरक्षकों को समझें
हम सब कुछ खोल देंगे। आप शेयर, रिट्विट और लाइक करने से डर क्यों रहे हो? हम सुप्रीम न्यूज वाले हैं हम हर तरह की कुर्बानियों के लिए तैयार रहते हैं। हमारे अखबारों को विपक्ष में रहते हुए भाजपाइयों ने विधानसभा से लेकर संसद तक में लहराया है न हम तब मैनेज थे ना आज मैनेज हैं। -संजय भाटी
क्लबिया 420 गैंग की कार्यशैली व क्लबिया 420 गैंग के संरक्षकों के विषय में “सुप्रीम न्यूज” के लिए “मधु चमारी” की खास रिपोर्ट
https://twitter.com/SupremeNewsG/status/1587454429921308674?t=Lr-JEysbCuA3temdfhto-Q&s=19
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि नोएडा गौतमबुद्धनगर में पत्रकारिता और पत्रकारों के नाम पर कई 420 गैंग न केवल चल रहे हैं बल्कि ताज्जुब तो इस बात का है कि ऐसे 420 गैंगों को गौतमबुद्धनगर जिले के वर्तमान भाजपा कुछ विधायकों और सांसद का इस कदर संरक्षण प्राप्त है कि वे अपने चहेते क्लबिया 420 गैंग को स्वयं के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलवा कर उनके साथ अपने फोटो खींचवा कर अपने खुद के ट्विटर हैंडल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इन शब्दों के साथ वायरल करते हैं
यहां आप देखेंगे कि जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब के विषय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के समय योगी आदित्यनाथ के शब्दों का उल्लेख करते हुए यह बताने का प्रयास किया है कि मुख्यमंत्री ने कहा कि “नोएडा, प्रदेश की शो विंडो है। इसलिए यहां का प्रेस क्लब भी उसी स्तर का होना चाहिए।
तस्वीर आज खींची गई है
सुप्रीम न्यूज ने दो दिन पहले ही स्पष्ट खोल दिया था
बाकी संपादक और पत्रकार भी तो अपने मौन व्रत को तोड़े
हम तो खोलेंगे भी और बोलेंगे भी https://t.co/AgC65HQhPu pic.twitter.com/U4fB57FmOO
— दैनिक सुप्रीम न्यूज (@SupremeNewsG) October 31, 2022
भाजपा के दादरी विधायक तेजपाल से क्लबिया 420 गैंग का टाईअप नही
क्लबिया 420 गैंग के अधिकांश फोटो फ्रेम से गौतमबुद्धनगर की दादरी विधानसभा से भारी बहुमत से दूसरी निर्वाचित भाजपा विधायक तेजपाल नागर को हमेशा दूर रखने के मामले पर भी “सुप्रीम न्यूज” द्वारा जांच पड़ताल की जा रही है सटीक जानकारी हासिल करके अवश्य प्रकाशित करेंगे। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उनका क्लबिया 420 गैंग से भ्रष्टाचार, दलाली आदि अवैध धंधें के संरक्षण को लेकर समझौता नही है।
यहां हम आपको यह जानकारी देना चाहते हैं कि नोएडा और ग्रेटर प्रेस क्लब के वर्तमान पदाधिकारी और कुछ सदस्य भले ही गौतमबुद्धनगर के पुलिस-प्रशासन और वर्तमान सत्ताधारी पार्टी भाजपा के सांसदों, विधायकों और यहां तक कि भाजपा के पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारियों व जिले के कुछ लाइजनिंग और दलाली के धंधों के साथ-साथ दूसरे गैरकानूनी धंधों से सीधे तौर पर जुड़े लोगों के चहेते हो सकतें हैं लेकिन इन क्लबिया 420 गैंग से जिले की जनता बेहद दुखी है
क्लबिया 420 गैंग द्वारा जिले में अधिकांश गैरकानूनी गतिविधियों को संचालित व संरक्षित किया जाता है। क्लबिया 420 गैंग के लोगों के द्वारा खुद भी सीधे तौर पर सरकारी जमीन पर कब्जे, गरीब व कमजोर लोगों के प्लाटों पर कब्जे, फर्जी बनामे, बिल्डरों व प्रापर्टी डीलिंग के धंधे से जुड़े अधिकांश लोगों को पत्रकारिता में फाइनेंस करा कर उनकों संपादक और पत्रकार बनाकर प्रेस क्लबिया गैंग में शामिल कर उनके साथ मिलकर अवैध लाभ में हिस्सेदारी कर पत्रकारिता को तिलांजलि देने का काम करता है।
क्लबिया 420 गैंग के महारथी अपने क्लबिया 420 गैंग के साथ मिलकर पहले पत्रकारिता के जलवे दिखाने के लिए शिकार को अपने साथ लेकर थानों से लेकर पुलिस के आला अधिकारियों तक से मुलाकात करवा करवाते हैं बाद में उसे पत्रकार बनवा कर अपने शिकार को क्लबिया 420 गैंग में शामिल करने का लालच देकर उसके क्लबिया 420 गैंग व पत्रकारिता के प्रति बढ़ते आकर्षण को कहीं न कहीं किसी न किसी ऐसे मामले में उसके पैसे ठग लेते हैं। कुछ मामलों में तो प्रोपर्टी इंवेस्टमेंट आदि का झांसा देकर ऐसे लोगों के साथ ठगी की गई है।
अब यहां हम यह भी साफ कर देना चाहते हैं कि इस तरह की ठगी में कानूनी कार्रवाई होने की स्थिति में भी सभी क्लबिया दोनों पालों में रहते हैं। जिसके चलते शिकार व्यक्ति को झांसे में लेकर शिकार करने वाले अपने क्लबिया गैंग के सदस्य को हर स्तर पर बचाव किया जाता है। जिसमें पत्रकारिता से लेकर उन मीडिया संस्थानों के नाम और गौतमबुद्धनगर के दोनों प्रेस क्लब नोएडा और ग्रेटर नोएडा का पुलिस-प्रशासन व शिकार हुए शिकायत करता को प्रभावित करने के लिए किया जाता है।
जिसमें शिकायत करता व जांच कर्ता अधिकारियों को अपने पक्ष में प्रभावित करने में क्लबिया 420 गैंग अपने मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और पुलिस-प्रशासन के उच्चाधिकारियों के साथ खींचवाई गई फोटो आदि को अखबारों व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों प्रचारित-प्रसारित करके करता है।
यह तो पूरा गिरोह है। यहां यह कहना मुश्किल कि सरगना कौन…? "खुदा मेहरबान तो गधा पहलवान" की कहावत चरितार्थ हो रही है। https://t.co/SJwpAweNV5
— Ajai Bhadauria (@AjaiBhadauriya) November 2, 2022
यहां हम आपको सामने “फतेहपुर पत्रकार संघ के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार श्री अजय भदौरिया जी” के शब्दों का भी उल्लेख करना जरूरी समझ रहे जिन्होंने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि (“यह तो पूरा गिरोह है। यहां यह कहना मुश्किल कि सरगना कौन…? ” खुदा मेहरबान तो गधा पहलवान “की कहावत चरितार्थ हो रही है।)
वास्तव में यह फैसला करना बहुत मुश्किल है कि क्लबिया 420 गैंग का सरगना कौन है?
इस सवाल का जबाब तलाशने की मशक्कत हम लंबे समय से कर रहे हैं लेकिन कौन किसका प्यादा और कौन सरगना है? कौन किसका सरदार या सरगना है? इस सवाल के सटीक जवाब देने के लिए हम लगातार सही दिशा में काम कर रहे हैं। बहुत सी जानकारियां RTI से मांगी गई जैसे ही हमें प्रमाणिक जानकारी मिलेंगी। हम अपने पाठकों और देश वासियों को अवश्य देंगे।
क्लबिया कारखाने के शेयरों की बंदरबांट के ऑफर जारी
हम अपने पाठकों और देश वासियों को यह भी बताना जरूरी समझ रहे हैं कि वर्तमान में क्लबिया 420 गैंग उन सभी क्लब के सदस्यों को साधने में लगा हुआ है जो विपक्ष के तौर पर जनवरी में क्लबिया गैंग के सामने चुनाव मैदान में थे क्लबिया 420 गैंग और उनके आकाओं में भगदड़ मची हुई है। बैठकों और मुलाकातों का दौर चल रहा है। किसी को भी कुछ समय के लिए क्लबिया कारखाने के शेयर दिए जा सकते हैं। क्योंकि अधिकांश क्लबियों का मकसद पत्रकारिता की आड़ में कमाई करना ही होता है। लेकिन हम आपको आश्वस्त कर देना चाहते हैं कि हमें उसे कोई फर्क नही पड़ता हमारे लोग बिक्री के लिए पत्रकारिता में नही आए हैं। हमारी टीम बहुत छोटी और अनुभवी हैं।
देश वासियों घासफूस की झोपड़ियों वाले पत्रकारों की भी सुन लिजिए । हमारे पास संसाधन और काम करने वाले लोगों की बहुत ज्यादा कमी है फिर भी हम सब कुछ खोल देंगे। आप शेयर, रिट्विट और लाइक करने से डर क्यों रहे हो ? हम सुप्रीम न्यूज वाले हैं हम हर तरह की कुर्बानियों के लिए तैयार रहते हैं। हमारे अखबारों को विपक्ष में रहते हुए भाजपाइयों द्वारा विधानसभा से लेकर संसद तक में लहराया जाता था, न हम तब की सरकारों से मैंनेज थे ना आज की सरकार से मैंनेज हैं। भयभीत होकर रुकने का तो सवाल ही नही उठता
-संजय भाटी