गौतमबुद्धनगरनोएडा पुलिस

अधिक पुलिस अधिक भ्रष्टाचार, आंकड़ों का मैनेजमेंट बेहतर, अवैध वसूली की विडियो वायरल

 

नोएडा सेक्टर 57 चौकी का सिपाही सोनू पैसे लेते हुए

 

सुप्रीम न्यूज। नोएडा कमिश्नरेट के थाना सेक्टर 58 की चौकी सेक्टर 57 पुलिस द्वारा एक व्यक्ति पर गांजा तस्करी का फर्जी दबाव बना कर उस से बीस हजार रुपए अवैध वसूली करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वायरल विडियो यहां देखें।

 

इस विडियो के वायरल होने के बाद सेक्टर 58 की चौकी सेक्टर 57 के चौकी प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं। गांजा तस्करी के आरोप में फर्जी जेल भेजने का दबाव बनाकर मारपीट करने और पैसे उगाही के मामले में थाना 58 के सिपाही सोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर हिरासत में ले लिया गया।

जब से हमारे जिले में कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया था तभी से जिले की पुलिस ने अवैध वसूली के रेट बढ़ाने के साथ-साथ अवैध धंधों का सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करना शुरू कर दिया था।

कमिश्नरेट सिस्टम से पहले जिले में एक या दो  आईपीएस और 6 से अधिकतम 10 पीपीएस अधिकारी ही पुलिस विभाग को सम्भालते थे। यहां यह समझना बहुत जरूरी है कि जहां एक तरफ जिले की पुलिस का सरकारी खर्च कम था वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार भी कम था

हम आपको जल्द ही जानकारी देंगे कि जिला पुलिस में कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने से अपराध करने वालों को संरक्षण दे कर सुनियोजित तरीके से अवैध आर्थिकरण कर दिया गया। स्वयं पुलिस द्वारा ही जिले में वास्तव में भ्रष्टाचार और अपराध कम करने के बजाए बढ़ा दिया गया है। इस सब में अपराध के आंकड़ों को कम करने पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। मीडिया मैनेजमेंट की भी इस सब में अहम भूमिका है।

आपको यह जानकर हैरानी जरूर होगी कि पुलिस अधिकारियों के कम होने से भ्रष्टाचार और अपराध कम कैसे हो सकता है? लेकिन ये वास्तविकता है।

यह भी वास्तविकता है कि सभी पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्ट नही होते। लेकिन वे चाह कर भी कुछ नही कर पाते हैं। इसलिए उन्हें भी सहकर्मियों की करतूतों के कारण बदनामी का दंश झेलना पड़ता है।

संजय भाटी (संपादक सुप्रीम न्यूज)

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