कोर्ट/कचहरी

उत्तर प्रदेश बार काउंसिल द्वारा सीओपी नवीनीकरण शुल्क बढ़ाने का विरोध बढ़ने लगा

उत्तर प्रदेश बार  काउंसिल इलाहाबाद द्वारा अधिवक्ताओं से सीओपी की रिन्यूवल फीस ₹100 से बढ़ा कर (Renewal fees) ₹500 किए जाने पर प्रदेश भर में अधिवक्ताओं में विरोध बढ़ता जा रहा है। कई जगहों पर विरोध में पहले भी एक दिन की हड़ताल की गई व करने का अल्टिमेटम दिया गया है।
        उत्तर प्रदेश बार काउंसिल इलाहाबाद द्वारा सर्टिफिकेट ऑफ प्रेक्टिस का शुल्क बढ़ाने पर गौतम बुध नगर के अधिवक्ताओं से सुप्रीम न्यूज द्वारा जानकारी की गई तो गौतम बुद्ध नगर दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुशील भाटी ने कहा कि हम बढ़े हुए शुल्क के विरोध में है।
      वहीं डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन कलैक्ट्रेट गौतमबुद्धनगर के नव नियुक्त सचिव हेमंत शर्मा ने कहा कि हम इस विषय पर अपने अधिवक्ता साथियों से सोमवार को चर्चा करेंगे।
    दादरी तहसील बार एसोसिएशन पूर्व अध्यक्ष श्री ऋषिपाल भाटी ने कहा कि इस विषय पर अधिवक्ताओं के हितों के लिए हम अपने अध्यक्ष श्री राजपाल नागर व अधिवक्ताओं के साथ मिलकर निर्णय लेंगे।
     इसी क्रम में आजमगढ़ के अधिवक्ताओं ने एक आपातकाल बैठक बुलाई और संघ के अध्यक्ष दयाराम यादव एडवोकेट व संघ के मंत्री राजेश कुमार सिंह पाराशर एडवोकेट के नेतृत्व में बार कौंसिल द्वारा बढ़ाए गए शुल्क के विरोध में सर्व सहमति से 1 दिन के लिए न्यायिक कार्यों से विरत रहने का प्रस्ताव पास कर आगे की रणनीति तय की गई। आगामी 15 सितंबर को आजमगढ़ के सभी अधिवक्ता बढ़ाई गई फीस के विरोध स्वरूप न्यायिक कार्यों से विरत रहेंगे। आजमगढ़ में पहले भी शुल्क बढ़ाने के विरोध में एक दिन की हड़ताल की जा चुकी है।
      प्राप्त जानकारी के अनुसार मैनपुरी के
अधिवक्ता देवेन्द्र सिंह कटारिया मैनपुरी, प्रदेश उपाध्यक्ष इंटरनेशनल एडवोकेट ऑग्रेनाइजेशन उत्तर प्रदेश का 01 सितम्बर 2022 से बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा जारी सीoओoपी० का नवीनीकरण होना था। पिछली बार वर्ष 2018 में सी० ओ० पी० के लिए बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने 100 रुपये शुल्क लिया गया था। किंतु नवीनीकरण के समय बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने बेतहासा शुल्क वृद्धि करके 500 रुपये कर दिया गया है। जिससे तत्काल शुल्क वृद्धि वापस ली‌ जाये, क्योंकि कोविड-19 के चलते प्रदेश के अधिवक्ता 3 वर्षो से जूझ रहे है। कोविड के समय बार काउंसिल ने कोई सहायता नही की थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी कोई फीस वृद्धि के लिए मना किया है फिर यह फीस वृद्धि क्यों? ऐसी स्थिति में शुल्क वृद्धि तत्काल वापस हो सी०ओ०पी० नवीनीकरण में शुल्क वृद्धि वापस लेने के लिए अध्यक्ष/सचिव को पत्र लिख कर रुपये कम करने की मांग की जाएगी। मैनपुरी बार एशोसिएशन के अध्यक्ष, सचिव से भी मुलाकात कर इस सम्बंध में वार्ता की जायेगी। इस मुद्दे पर चर्चा में शामिल अधिवक्ता ओमप्रकाश कठेरिया, इंद्रगोपाल वर्मा, रघुनाथ वर्मा व अन्य अधिवक्ता उपस्थित रहे।

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