गौतमबुद्धनगरभ्रष्टाचार
उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी गौतमबुद्धनगर में शाहबेरी बना भ्रष्टाचार का अड्डा
शाहबेरी पर नजर डाल कर देखिए
ग्रेटर नोएडा के भ्रष्टाचार और शहाबेरी का इतिहास
शाहबेरी 1994 से ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिसूचित क्षेत्र में स्थित है | इसके बाद ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने दिनाँक 29-06-2013 को शाहबेरी के जमीन को अधिग्रहण करने के लिए दो नोटिफिकेशन प्रकाशित हुए और इसके बाद शाहबेरी के जमीन मालिकों ने नोटिफिकेशन को निरस्त कराने के लिए मा. उच्च न्यायालय इलाहाबाद में 25 याचिकाएँ दाखिल की जिसमे मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश, कलेक्टर गौतमबुद्ध नगर, विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी भी पार्टी थे, जिस पर मा. उच्च न्यायालय ने दिनाँक 16-10-2014 को शाहबेरी की जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया |
अपराध नगर शाहबेरी
यथास्थिति के बाद भ्रष्ट अफसरों बैंको, बिल्डरों और भू माफियाओं का आतंकवाद के चलते शाहबेरी में यथास्थिति के आदेश के बाद लगभग 500 अवैध बहुमंजिला इमारतें बन चुकी हैं, लगभग 500 अवैध विला बन चुके हैं और 1200-1500 बिना नक्शा मानकों के घर बन चुके हैं जिसमें से किसी भी मकान या इमारत का नक्शा ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने पास नहीं किया है | इसी अवैध निर्माण के चलते 17 जुलाई 2018 को बारिश के मौसम में 2 अवैध इमारतें गिर गई थी जिसमें 9 लोगों की जान चली गई थी |
झूठी आर्किटेक्ट और लीगल रिपोर्ट व् गूगल मैप के आधार पर होम लोन देकर बैंकों ने मचाई लूट
बैंको ने भ्रष्ट अफसरों, नेताओं, बिल्डरों और भू माफियाओं के साथ मिलकर आरबीआई के नियमों को पलीता दिखाकर शाहबेरी के अवैध निर्माण पर सरकारी बैंकों, प्राइवेट बैंकों व् लोन देने वाली अन्य कंपनियों ने रिश्वतखोरी करके झूठी आर्किटेक्ट और लीगल रिपोर्ट और गूगल मैप पर लोन सेंक्शन करके लगभग 1400 करोड़ का होम लोन डिस्बर्स करके 25000 से 30000 लोगों को मौत की इमारतों में मरने के लिए धकेल दिया |
शाहबेरी हत्या कांड पर योगी की प्रतिक्रिया और आदेश
शाहबेरी में दो अवैध बिल्डिंग गिरने से 9 लोगों की मौत के बाद योगी जी तक शाहबेरी हत्याकांड की बात पहुंची तो योगी जी ने भारी शोक व्यक्त किया और इसमें सम्मिलित ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, नोएडा पुलिस, जिलाधिकारी ऑफिस के जिम्मेदार और भ्रष्ट अफसरों की सूची मांगी और बिल्डरों भू माफियाओं पर सख्त कार्यवाही का निर्देश दिया और टॉप 30 बिल्डरों पर रासुका लगाने का भी आदेश दिया और भविष्य में अवैध निर्माण न हो इसके लिए भी जिम्मेदार अफसरों को आदेशित किया लेकिन उत्तर प्रदेश के तेज तर्रार और साफ़ छवि वाले मुख्यमंत्री के आदेशों को गौतमबुद्ध नगर के जिम्मेदार प्रशासन ने क़दमों तले रौंद दिया और हर रोज अवैध निर्माण, धोखाधड़ी लूटपाट करके मुख्यमंत्री जी की बेइज्जती की जाती है |
शाहबेरी कांड में अब तक हुई कार्यवाही
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शाहबेरी कांड में अभी तक शाहबेरी में हो रहे अवैध निर्माण धोखाधड़ी और लूटपाट पर 87 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं जिसमें से सिर्फ 2 एफआईआर खरीदारों की हुई है|
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नोएडा पुलिस द्वारा अभी तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी जैसे कि जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर , विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी , ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी और दादरी रजिस्ट्रार के बयान दर्ज नहीं किये गए हैं |
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नोएडा पुलिस द्वारा शाहबेरी के अवैध निर्माण की शून्य रजिस्ट्रियों को मोर्टगेज करके जनता को फंसाने पर बैंकों को नोटिस दिए गए थे और सभी बैंकों ने जबाब भी दिए थे जिसमे एक भी बैंक ने आरबीआई के नियमों का पालन नहीं किया और झूठे दस्तावेजों के आधार पर होम लोन देकर जनता को फंसा दिया ,इसके बाबजूद बैंकों पर न तो एफआईआर दर्ज की और न ही बैंक मैनेजर, बैंक आर्किटेक्ट और बैंक के वकील के बयान दर्ज किये गए |
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नोएडा पुलिस ने बैंकों से मूल रजिस्ट्री और बैंक की होम लोन फाइल भी सीज नहीं की, जिससे फर्जी फर्जी नक़्शे और फर्जी रिपोर्ट सामने आ सके और बैंकों पर कार्यवाही हो सके |
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नोएडा पुलिस ने अभी तक न तो शाहबेरी के बिल्डरों के बैंक खाते सीज किये और न ही खली पड़ी बिल्डिंग और फ्लैट |
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नोएडा पुलिस ने शाहबेरी के अवैध बिल्डरों की शाहबेरी की ही अवैध संपत्ति को जब्त करके कानून और मा. उच्च न्यायालय के आदेश यथास्थिति की धज्जियाँ उड़ाते हुए अपराध के ऊपर एक और अपराध किया है | नोएडा पुलिस ने इतना भी नहीं सोचा कि अवैध संपत्ति की नीलामी कैसे होगी ?
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शाहबेरी की अवैध 426 बहुमंजिला इमारतों की जांच आईआईटी दिल्ली द्वारा की गई थी जिसमे से सिर्फ 3 बिल्डिंग सुरक्षित पाई गई थी लेकिन ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने शाहबेरी में सिर्फ बोर्ड लगा दिए और अवैध निर्माण आज भी बदस्तूर जारी है |
@noidapolice @OfficialGNIDA उक्त अवैध निर्माण के सम्बंध में अभी तक क्या कार्यवाही हुई? कृपया अवगत कराने का कष्ट करें। अजनारा होम्स के पीछे नॉवेल वैली में भी धड़ल्ले से अवैध निर्माण चल रहा है। @alok24 सर शाहबेरी के आसपास 3 पुलिस चौकियों का मतलब क्या बचा जब अपराध रुक ही नहीं रहा? pic.twitter.com/ZMvObfHmvR
— 𝙎𝙖𝙘𝙝𝙞𝙣 𝙍𝙖𝙜𝙝𝙖𝙫 | 🇮🇳 | सचिन राघव | (@TheSachinR) September 11, 2022
नोएडा पुलिस और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी आज भी बिल्डरों व भू माफियाओं से उगाही करके अवैध निर्माण कराती है
शाहबेरी में मा. उच्च न्यायालय के यथास्थिति के आदेश के बाबजूद लगभग 500 बहुमंजिला इमारतें बनाकर, लगभग 500 विला बनाकर, लगभग 1400 करोड़ का होम लोन घोटाला होने के बाबजूद अभी तक अवैध निर्माण रुकने का नाम नहीं ले रहा है | डीएम, विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी, नोएडा पुलिस, दादरी रजिस्ट्रार, बैंको और बिल्डरों के गठजोड़ से आज भी अवैध निर्माण करके धोखाधड़ी लूटपाट जारी है | कोई शिकायत करता है तो पुलिस उसे धमकाती है या बिल्डरों से प्रार्थना पत्र लेकर बिना जांच एफआईआर दर्ज कर देती है फिर 107/16 में चालान कर देती है या फर्जी मुक़दमे में फंसाकर जेल भेज देने की धमकी देती है | इस भ्रष्ट गठजोड़ के आतंकवाद से जनता अपनी आवाज उठाने से भी डरने लगी है और मौत की अवैध इमारतों में रहकर अपनी मौत का इंतजार कर रही है और जिम्मेदार अफसर लगातार अवैध निर्माण करा रहे हैं |
@noidapolice @OfficialGNIDA @dmgbnagar @iassurendra @alok24 सर कृपया वृंदावन हॉस्पिटल के सामने हो रहे अवैध निर्माण को रुकवाने का कष्ट करें क्योंकि मा. उच्च न्यायालय का यथास्थिति का आदेश है हैं और 17-07-2018 को शाहबेरी में 2 अवैध बिल्डिंग गिरने से 9 लोगों की जान जा चुकी है। pic.twitter.com/I1nxWPTI4d
— 𝙎𝙖𝙘𝙝𝙞𝙣 𝙍𝙖𝙜𝙝𝙖𝙫 | 🇮🇳 | सचिन राघव | (@TheSachinR) September 10, 2022
मेरे पास संलग्न फोटो भी आए हैं जो राधा स्वामी सत्संग आश्रम वाली गली में गली न. 6 में पिलर काटकर अवैध निर्माण किया जा रहा है जिससे बिल्डिंग और भी कमजोर हो सकती है। कृपया संज्ञान लेकर अवैध निर्माण को रुकवाने का कष्ट करें। @noidapolice @DCPCentralNoida @NandiGuptaBJP @Live_Gyan pic.twitter.com/C1hoQ51DG2
— 𝙎𝙖𝙘𝙝𝙞𝙣 𝙍𝙖𝙜𝙝𝙖𝙫 | 🇮🇳 | सचिन राघव | (@TheSachinR) September 10, 2022
कहने के लिए तो शाहबेरी हत्याकांड होने के बाद मॉनिटरिंग के लिए २ पुलिस चौकियां गौर सिटी २ और शाहबेरी चौकी खुल गई लेकिन कमिश्नर साहब ने चौकियों पर तैनात अफसर सिर्फ उगाही के लिए रखे हुए हैं शायद क्योंकि अवैध निर्माण तो रुक नहीं रहा है | आये दिन ट्विटर पर भी लोग फोटो वीडियो डालकर योगी जी से शिकायत करते रहते हैं लेकिन पुलिस पहले तो एफआईआर दर्ज ही नहीं करती और अगर करती भी है तो मामूली धाराओं में एफआईआर दर्ज करके तुरंत न्यूज़ निकलवा देती है |