अधिवक्ता-पत्रकार और पुलिस-प्रशासनकोर्ट/कचहरी

सुप्रीम न्यूज परिवार के अधिवक्ता जन हितैषी पत्रकारिता के कारण पत्रकारों पर दर्ज फर्जी मुकदमों में फीस नही लेंगें

पत्रकार पुलिस की तानाशाही और भ्रष्टाचार का खुल कर विरोध करें सुप्रीम न्यूज परिवार हमेशा जनहितैषी पत्रकारिता और पत्रकारों के साथ हैं ~ संजय भाटी

सुप्रीम न्यूज। देश भर में सरकारें व सरकारी मशीनरी पत्रकारों को गोदी मिडिया या गुलाम मिडिया में तब्दील करने के लिए जनहितैषी पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों को फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल भेजने की योजना पर काम कर रही हैं। ऐसे में पत्रकारों को न्यायपालिका में अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिए देशभर के जिला न्यायालयों से लेकर उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में अच्छे वकीलों की आवश्यकता होती है। जो छोटे और मझले समाचार पत्रों व सोशल मीडिया पर पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों के लिए एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ हो जाता है।

सुप्रीम न्यूज के संस्थापक व भ्रष्टाचार का विरोध करने वाले पत्रकारों के चाचा श्री ऋषिपाल सिंह भाटी एडवोकेट पूर्व अध्यक्ष दादरी बार एसोसिएशन

जिसके चलते छोटे स्तर पर ईमानदारी से निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों को पुलिस, प्रशासन व विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े छोटे-बड़े नेता और आर्थिक अपराध से जुड़े सफेद पोश अपराधियों द्वारा पत्रकारों को बुरी तरह बर्बाद कर दिया जाता है।

जिससे न केवल पत्रकार की पत्रकारिता प्रभावित होती है बल्कि वास्तविकता तो यह है कि उसका निजी जीवन भी प्रभावित होता है। पत्रकारों के परिजनों तक को फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल भेज दिया जाता है। कई मामलों में तो पत्रकारों की हत्या तक कर दी जाती है। क्योंकि अधिकांश व्हाईट कॉलर क्रिमिनल जो अधिकतर किसी न किसी राजनीतिक दल,समाज सेवी संस्था से जुड़े होते हैं। पुलिस-प्रशासन भ्रष्टाचार में लिप्त होने व राजनीतिक दबाव में होने के कारण ऐसे लोगों की उंगलियों पर कठपुतलियों की तरह नाचता है।

मीडिया के जाने पहचाने चेहरे एक साथ

इस सबका बड़ा कारण यह है कि पुलिस-प्रशासन से जुड़े अधिकांश अधिकारियों और कर्मचारियों का नैतिक पतन हो चुका है। अधिकांश का उद्देश्य केवल अवैध वसूली बनकर रह गया है। हालत इतने खराब हो चुके हैं कि ईमानदार अधिकारियों व कर्मचारियों को नौकरी करनी दुसवार रहती है।

ऐसी स्थिति को देखते और बारीकियों से समझते हुए सुप्रीम न्यूज ग्रुप के मालिक संजय भाटी ने ( 2006 ) पंद्रह सालों से देश भर में एक मुहिम चला रहे हैं। जिसके तहत जनहित में पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों की हौसला अफजाई करते हुए उन्हें कानूनी जानकारी व मदद उपलब्ध कराते हैं। उनकी इस मुहिम में वकालत के व्यवसाय से जुड़े उसके परिजनों द्वारा अहम भूमिका निभाई जाती है।

2011 मधु प्रकरण की नींव के समय सुप्रीम न्यूज परिवार के छोटे बच्चे श्री सुमित भाटी एडवोकेट

सुप्रीम न्यूज के साथ 2011 में पुलिसिया आतंक से जुझते हुए। गौतमपुरी दादरी निवासी दलित युवती मधु चमारी बतौर पत्रकार शामिल हुई। जो वर्तमान में सुप्रीम न्यूज के संपादक के तौर पर एक मजबूत स्तंभ बनकर पुलिसिया भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाती हैं। जो अखबार की खबरों से लेकर न्यायालयों तक पुलिस-प्रशासन के भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाती हैं।

सुप्रीम न्यूज संपादक श्री संजय भाटी के छोटे भाई श्री वरुण भाटी एडवोकेट

सुप्रीम न्यूज की इस मुहिम में श्री चेतराम एडवोकेट, श्री संदीप जोगी एडवोकेट, श्री प्रवीण कुमार एडवोकेट, श्री सुमित भाटी एडवोकेट, श्री मनोज नागर एडवोकेट, श्री जितेन्द्र मावी एडवोकेट, श्री नीरज कुमार एडवोकेट हमेशा साथ मिलकर कानूनी मदद करते हैं।

सुप्रीम न्यूज संस्थापक श्री अनिल भाटी , संजय भाटी  संपादक सुप्रीम न्यूज व कपिल नागर  एडवोकेट के साथ अलीगढ़ पुलिस  द्वारा बर्बाद किए गए संपादक श्री जाकीर भारती

हाल ही में पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए काम करने वाले श्री तासीम अहमद (सहारनपुर) संपादक अपराध खोज व Real Help ब्यूरो एक प्रतिनिधिमंडल के साथ सुप्रीम न्यूज के संस्थापक श्री अनिल कुमार भाटी एडवोकेट पूर्व अध्यक्ष कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन गौतमबुद्धनगर से मिले जहां उन्होंने श्री अनिल कुमार भाटी एडवोकेट से पत्रकारों की कानूनी रूप से मदद करने की जरूरत पर चर्चा की। श्री अनिल कुमार भाटी एडवोकेट ने श्री तालीम अहमद और उनके साथ आए। पत्रकारों को पत्रकारिता से संबंधित मामलों में निःशुल्क कानूनी जानकारी व मदद उपलब्ध कराने के लिए आश्वस्त किया। श्री तालीम अहमद के साथ श्री कपिल ढाका, श्रीमती सविता चौधरी आदि पत्रकारों ने मुलाकात व चर्चा में शामिल रहे।

नोएडा पुलिस के भ्रष्टाचार का विरोध करने वाले सारे चहरे
नोएडा पुलिस के भ्रष्टाचार का विरोध करने वाले चहरे एक साथ हैं, पहचान लो।

इसी कड़ी में नोएडा से आए पत्रकार श्री धीरेन्द्र अवाना, श्री अनुज गुप्ता व श्री योगेश राणा आदि पत्रकारों द्वारा जानकारी दी गई कि नोएडा पुलिस और नोएडा के कुछ पत्रकारों द्वारा अपराधियों से सांठगांठ कर अवैध धंधों को संरक्षण दिया जा रहा है। जिले में पुलिस व पत्रकारों ने अवैध शराब, जुआ सट्टा, गांजा तस्करों से मंथली बांध रखीं हैं। इसलिए जब भी कोई पत्रकार या फिर कोई आम जन सोशल मीडिया पर अवैध गतिविधियों का खुलासा करता है तो पुलिस ईमानदार पत्रकारों व आम जन को फर्जी मुकदमों में फंसाकर प्रताड़ित करते हैं।

सुप्रीम न्यूज संपादक श्री संजय भाटी के छोटे भाई श्री शेखर भाटी एडवोकेट

उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर पुलिस और माफियाओं द्वारा मिली भगत कर जनहितैषी पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों पर फर्जी मुकदमें दर्ज कर उन्हें सच्चाई और जनहित की पत्रकारिता करने से रोकाने के उद्देश्य से प्रताड़ित कर खबरों के प्रकाशन में अवरोध उत्पन्न करने व पत्रकारों को भय में डाल कर पत्रकारिता से विमुख करने के विषय पर सूरजपुर कोर्ट आए पत्रकारों ने कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं से मुलाकात कर पत्रकारों पर पुलिस व माफियाओं द्वारा दर्ज होने वाले फर्जी मुकदमों को लेकर कानूनी सलाह ली।

पत्रकारों ने कई अधिवक्ताओं के चैम्बरों पर जाकर उनसे कानूनी विचार-विमर्श किया। पत्रकार ने अधिवक्ताओं को बताया कि हम पुलिस के साथ मिलकर दलाली नही करते इसलिए हमारे हमेशा पुलिस व पुलिस की सांठ-गांठ में अवैध कारोबार करने वाले अपराधियों से विवाद होते हैं हाल ही में नोएडा पुलिस ने ऐसा ही एक मामला पत्रकार श्री अनुज गुप्ता पर भी दर्ज किया है।

पत्रकारों ने बताया कि हमारे पास पत्रकारिता व अपने जमीर को गिरवी रख कर कमाया हुआ पैसा नही है। हमारे पास पत्रकारिता से कमाई हुई बड़ी गाड़ियां व करोड़ों की कोठियां नही है। हमारे बहुत से साथी वकीलों की फीस नही दे सकते। हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या तो यह होती है कि जिन गरीब और कमजोर लोगों की हम मदद करते है वे पुलिस और माफियाओं के डर से या तो कहीं दूसरी जगह चले जाते हैं या फिर वे डर से अपने साथ हुए अत्याचार की शिकायतों पर समझौते कर लेते हैं।

चहरे पहचान लो, नोएडा की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के सारे चहरे एक साथ हैं

जिसके बाद पुलिस और अपराधियों द्वारा हमें परेशान किया जाता है। ऐसे मामलों में हमारे सामने गरीब मजदूर, महिलाओं और छोटे बच्चों के मामले होते हैं। जो हमें आत्मिक और नैतिक रूप से मदद करने को मजबूर कर देते हैं। कई बार ये मामले पुलिस की अवैध वसूली के लिए अवैध हिरासत और पुलिस द्वारा थर्ड डिग्री टार्चर से लेकर फर्जी एनकाउंटरों के होते हैं तो कई बार अपराधियों को पैसे लेकर छोड़ने और गरीबों को फर्जी मुकदमों में फंसकर जेल भेजने के होते हैं। कई बार तो पुलिस अवैध धंधों में लिप्त लोगों की शिकायत करने वाले लोगों को ही जेल भेज देती है।

इस कड़ी में पत्रकारों ने अधिवक्ताओं को पत्रकारिता के रास्ते में अवरोध उत्पन्न करने वाले माफियाओं से पुलिस की सांठ-गांठ की विस्तार से जानकारी देते हुए पुलिस की अवैध वसूली की जानकारी दी। पत्रकारों ने अधिवक्ताओं को यह भी बताया कि पुलिस ने अधिकांश पत्रकारों को अपने साथ शामिल कर रखा है जिसके चलते जनहित में पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों की रहा बहुत कठिन हो जाती है। क्योंकि पुलिस ने अधिकांश पत्रकारों को अपना दलाल बना लिया है। अधिकांश पत्रकार जमीन के अवैध कब्जे से लेकर नशे के अवैध धंधों से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं तो कुछ अपराधियों को संरक्षण दे कर सुनियोजित तरीके से पुलिस के साथ मिलकर अवैध वसूली करते हैं।

अधिवक्ताओं से वार्ता कर वकालत नामें लेने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के बार एसोसिएशन हाल में आए पत्रकारों ने वहां पर पर बैठ कर आपस में भी एक दूसरे की पैरोकारी करने व जनहित में पुलिस के भ्रष्टाचार के खिलाफ की जा रही पत्रकारिता करने के कारण न्यायिक हिरासत में जेल आदि जाने के दौरान एक दूसरे के परिवारों की देखरेख व पत्रकारों के परिजनों को सपोर्ट करने की रणनीति तैयार की।

‌इस मौके पर मौजूद सुप्रीम न्यूज ग्रुप के संपादक श्री संजय भाटी ने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हम हमेशा ही पत्रकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं।

श्री संजय भाटी ने पत्रकारों से कहा कि यदि जनहित में पत्रकारिता करनी है तो हमें वकालत के पेशे में आना होगा। हमें देश के कानूनों और संविधान पर मजबूत पकड़ बनाने की जरूरत है। पत्रकारों को स्वयं या अपने बच्चों को वकालत के व्यवसाय में लाना होगा।

उन्होंने जानकारी दी कि हम प्रत्येक वर्ष अपने सम्पर्क के बहुत से बारहवीं, ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट छात्र-छात्राओं और उनके परिजनों को बीए एलएलबी व एल एल बी करने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके लिए हम फार्म भरवाने से लेकर पहले से मौजूद अधिवक्ताओं के साथ मिलकर अधिवक्ता बनने तक भरपूर मदद करते हैं। ये एक मिशन है जो वर्षों से चला आ रहा है।

श्री संजय भाटी के द्वारा प्रोत्साहित करने के चलते श्री अनुज गुप्ता ने कहा कि मैं इस बार ही एल एल बी में दाखिला लूंगा और कानूनों का ज्ञान प्राप्त कर अपने वरिष्ठ पत्रकार श्री संजय भाटी के आदर्शों पर चलकर पुलिसिया भ्रष्टाचार व आतंक के खिलाफ उनकी मुहिम को आगे बढ़ाने में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करुंगा।

नोट ~ पत्रकार अजय गुप्ता पर निम्न ट्विटर व अन्य पत्रकारों के ट्विटर अकाउंट से जो विडियो वायरल हुआ है। उस विडियो को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है। सुप्रीम न्यूज द्वारा यह विडियो पत्रकार श्री अजय गुप्ता, श्री धीरेन्द्र अवाना व अन्य को समर्थन करने व भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी नोएडा पुलिस और मीडिया मैनेजमेंट के विरोध स्वरूप सुप्रीम न्यूज के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर डाली गई है।

अजय गुप्ता के द्वारा गांजा तस्कर और नोएडा पुलिस की पोल खोल दी गई है। पत्रकार श्री अजय गुप्ता द्वारा बनाई गई विडियो और उसकी खबरों से बौखला कर नोएडा पुलिस द्वारा मुकदम दर्ज किया गया है जिसकी हम घोर निन्दा करते है ~ संजय भाटी संपादक सुप्रीम न्यूज

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