उत्तरप्रदेशगौतमबुद्धनगर

जनता जान ले देश भर की मीडिया मैनेजमेंट का गढ़ गौतमबुद्धनगर

जेवर में बहुत जल्द मिलेगा तीसरा प्रेस क्लब

सुप्रीम न्यूज के लिए मधु चमारी की रिपोर्ट 

पत्रकारिता के नाम पर हो रही ब्लैक मेलिंग और आम जनता के साथ धोखाधड़ी को देखते हुए पत्रकारिता के उद्देश्यों को सही दिशा में लाने के प्रयास करने के लिए न केवल गौतमबुद्धनगर में बल्कि उत्तर प्रदेश सहित सभी हिन्दी भाषी राज्यों में जनहितकारी पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों से लगातार फोन पर बातचीत और उनके साथ व्यक्तिगत रूप से और सामुहिक रूप से बैठकें करके पत्रकारिता और प्रेस क्लब, पत्रकार एसोसिएशनों आदि अनेकों संगठनों के रूप में चल रहे गैंगों से सुधरने के आग्रह के साथ प्रयास किये जा रहे हैं।

https://twitter.com/SupremeNewsG/status/1586057054753820672?t=fXJUdvMthu-WIY_Yaq5kFw&s=19

 

आपको ताज्जुब होगा कि उगाही और दलाली मतलब लाइजनिंग के लिए पत्रकारिता की आड़ में जनता के हितों से खिलवाड़ करने के लिए न जाने कितने तरह के हथकंडों के प्रयोग पत्रकारों द्वारा किए जाते रहे हैं।

जनता जान ले देश भर की मीडिया मैनेजमेंट का गढ़ गौतमबुद्धनगर 

 

 

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश भर के अनेकों पत्रकारों और पत्रकार संगठनों की मांग पर हम सबसे पहले अपने जिले गौतमबुद्धनगर से ही इसकी शुरुआत कर रहे हैं। क्योंकि देश भर में लंबे समय से जनहितकारी पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों व पत्रकारिता को हासिए पर धकेलने का गन्दा धंधा नोएडा उत्तर प्रदेश से ही होता आ रहा है।

यहां हम आपको यह भी बता देना चाहते हैं कि देश भर के बड़े मीडिया संस्थानों के मुख्यालय, बड़े-बडे छापखानों मतलब प्रिंटिंग प्रेसों से लेकर टीवी चैनलों तक के मुख्यालय और ब्रॉडकास्टिंग के अधिकांश सिस्टम नोएडा गौतमबुद्धनगर, नई दिल्ली और दिल्ली में ही हैं। इस पर आगे बहुत सी जानकारियां हम आपको देते रहेंगे। अभी के लिए इतना ही काफी है।

उपरोक्त के साथ-साथ आपको एक खास बात और भी जान लेनी चाहिए कि देश भर के तीस मारखा पत्रकार और आपको खबरों के रूप में जहर परोसने वाले टीवी चैनलों के संचालन में लगे तमाम पुरोधाओं के निवास स्थान भी गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद में ही हैं।

सपा और बसपा अभी भी नोएडा मीडिया की चाबी अपने तकियों के नीचे रखने के सपने पाले बैठे हों

मीडिया मैनेजमेंट के लिए देश भर में ग्रेटर नोएडा व नोएडा गौतमबुद्धनगर कितना महत्वपूर्ण हैं। आपको खुद भी इस पर कुछ दिमाग दौड़ाना चाहिए। वैसे हम पहेलियां नही बुझाते हैं। हम ऐसे ऐसे चक्कर व्यूह को न केवल तोड़ कर जनता के सामने तार-तार करने के लिए काम कर रहे हैं जिसे उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के दूसरे प्रदेशों के राजनीतिक दलों के बड़े-बडे राजनीतिज्ञों द्वारा तोड़ने की हिम्मत नही जुटाई या फिर यह भी हो सकता है कि उत्तर प्रदेश में बसपा और सपा जैसे दल फिर से सत्ता में लौटने के सपने के दम पर नोएडा में मौजूद चरित्रहीन मीडिया संस्थानों की चाबी गौतमबुद्धनगर में मौजूद प्राधिकरणों के माध्यम से अपने तकियों के नीचे रखने के सपने पाले बैठे हों। इसके चलते उत्तर प्रदेश के दोनों मुख्य राजनीतिक दलों द्वारा मीडिया मैनेजमेंट के इस गंदे और घिनौने खले का सब कुछ जानते हुए भी जनता के सामने उजागर न करना उनकी बदनीयती को भी उजागर करता है।

उत्तर प्रदेश की सरकार दादरी तय करती है जिसे बाद में दादरी के स्थान पर नोएडा कहा जाने लगा

अब हम आपको वर्षों पुराने शब्दों को बताते हुए याद दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। जिसे यहां के बहुत से नेता भी एक कहावत समझ कर भी दौहराते हैं। इसे इस तरह भी कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश की सरकार नोएडा में तय होती है। यह बहुत पुरानी जमाने की राजनीति के दौर का रुपांतरण है जब यह कहा जाता था कि देश का प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश चुनता है। उस जमाने में इसका मतलब उत्तर प्रदेश से प्राप्त सांसदों की संख्या के कारण ऐसा कहा जाता था। लेकिन वर्तमान में ये सभी बातें नोएडा गौतमबुद्धनगर में मौजूद मीडिया मंडी के कारण कही जाती हैं। नोएडा की मीडिया मंडी अपने बिकाऊ होने और बोली में अच्छे रेट पाने के लिए ही ऐसे कसीदे पढ़ता है जो धीरे-धीरे यहां के लोगों और नेताओं की जबान पर आने लगते हैं।

    एक जिले में दो-दो मीडिया क्लब

नोएडा की मीडिया मंडी की एक-एक कड़ी खोली जाएगी 

आज की तारीख में नोएडा की मीडिया मंडी पर  भाजपा का कब्जा है। अब हम आपका ध्यान नोएडा मीडिया क्लब और ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब की और ले जाने का प्रयास करेंगे। अब आप कहेंगे कि दोनों प्रेस क्लबों को हम फिर घसीट कर ला रहे हैं। दरअसल यहीं से मीडिया मैनेजमेंट का खेला हो रहा है। एक जिले में दो-दो मीडिया क्लब दोनों के पास प्राधिकरणों द्वारा दिए गए भवन मौजूद हैं। जो अपने आप में एक अनोखा मामला है।

गौतम बुध नगर में पहले से भी नोएडा प्रेस क्लब और गौतमबुद्धनगर प्नेस क्लब नाम से दो संस्था रिजिस्टर्ड हैं जो बहुत पहले से अस्तित्व में थीं। गौतमबुद्धनगर के प्रेस क्लबों के इस मकड़ जाल को सुलझाने के लिए हमारे द्वारा RTI डालीं गई हैं। जिनके जवाब मिलते ही हम प्रेस क्लबों के बहुत से रहस्यों से पर्दा हटा देंगे। अभी तक Noida Media Club के जो नियमावली हमें प्राप्त हुई है वह वास्तविक से भिन्न भी हो सकती है लेकिन इस पर भी नोएडा मीडिया क्लब के शुरुआती सातों सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। मोबाइल नंबर पंकज पाराशर का है जो अपने आप को इस क्लब की घोषणा के समय से आज तक  अध्यक्ष पद पर काबिज है। RTI से प्रमाणित प्रति आने पर सारा खेल साफ कर दिया जाएगा।

आपको बता दें कि यह मुहिम बहुत ही पेचीदा है इसके लिए हम लगातार उत्तर प्रदेश के दूसरे जिलों में बैठे वरिष्ठ और अनुभवी पत्रकार से मार्ग दर्शन लेते हुए आगे बढ़ रहे हैं। हमारा मिशन पत्रकारिता को जिंदा रखने के एक छोटे प्रयास के तौर पर है। हमें गर्व है कि हम आज के दौर में प्रयास कर रहे हैं। हमारे  इस छोटे से प्रयास की कीमत हमें कभी भी जेल की सलाखों तक पहुंचा सकती है लेकिन हमें यह सब पहले से ही मालूम है इसलिए भ्रष्टाचार में अकंठ डूबे लोगों के ऐसे प्रयास हमारे हौसले नही तोड़ पाएंगे।  आप निश्चिंत रहें हम अपने मिशन को जेल में बैठ कर भी पूरा कर देंगे। 

जेवर में बहुत जल्द मिलेगा तीसरा प्रेस क्लब

हमारे अनुभव के हिसाब से जिले की जनता को लाइजनिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही पुराने प्रेस क्लबों में से ही एक नया प्रेस क्लब जेवर के एयरपोर्ट और यमुना विकास प्राधिकरण को ध्यान में रखते हुए बना दिया जाएगा क्योंकि माल अब जेवर की तरफ भी बहुत है। नए नए पत्रकारों को इस योजना को लेकर भी सब्जबाग दिखाए जाएंगे। फिर जल्द ही अपने चहेते अधिकारियों और नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त कर लिया जाएगा।

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