उत्तरप्रदेशगौतमबुद्धनगर

पंकज पराशर के पिता और परिजन हत्याओं में शामिल, शर्म और गैरत कुछ है तो क्लबिया गैंग और ट्राईसिटी टुडे वाले कहीं डूब कर मर जाए

सुप्रीम न्यूज के लिए मधु चमारी की खास रिपोर्ट 

 

ट्राईसिटी टुडे के पत्रकारों और क्लबिया गैंग को चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए

गौतम बुध नगर की जनता और पत्रकारों को अब तो नींद से जाग जाना चाहिए। गौतम बुध नगर की पत्रकारिता की कमान एक अपराधी पृष्ठ भूमि के व्यक्ति के हाथ में है। नोएडा मीडिया क्लब के अध्यक्ष पंकज पाराशर के परिजनों और उसका खुद का अपने गांव में दो हत्याओं से बहुत करीब का रिश्ता है। ऐसे परिवारों के लोग पत्रकारिता कर ही नही सकते। आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग मुखबिरी और दलाली ही करते हैं ~ संजय भाटी

 

नोएडा मीडिया क्लब के अध्यक्ष पंकज पराशर के चिट्ठे 

बागपत जिले के सिंघावली अहीर गांव और थाने के रिकॉर्ड की जांच पड़ताल से पता चला है कि मास्टर सत्यपाल शर्मा के बेटे सतीश की हत्या 4 जुलाई 2014 को गांव के लोगों ने खेत की डोलबंदी को लेकर कर दी थी जिसमें मुख्य आरोपी आनन्द और उसका बेटा मोहित जेल में बंद थे। इस मामले में पंकज पाराशर ग्रुप के नौ आरोपियों को पुलिस द्वारा तफ्तीश में आरोपी नही बनाया गया था। जिसमें पत्रकारिता का खेल ढंग से हुआ।

 

हेडमास्टर सत्यपाल शर्मा जेल में बंद दोनों बाप-बेटे की जमानत नही होने दें रहें थे। क्योंकि जमानत का विरोध करते हुए हेडमास्टर सत्यपाल शर्मा पैरोकारी कर रहे थे जिसके कारण सरकारी स्कूल के हेडमास्टर सत्यपाल शर्मा की भाड़े के हत्यारों द्वारा 23 अप्रैल को प्राइमरी स्कूल में ही हत्या कर दी। एक हत्यारे को ग्रामीणों ने भागते हुए पकड़ कर पीट-पीट कर भी मार डाला था।

 

हेडमास्टर सत्यपाल शर्मा हत्याकांड में नामजद आरोपी पंकज पाराशर, पंकज पाराशर के पिता राजकरण हमदम, माता कौशल्या, चाचा रामकरण, आनन्द, रोहित, मोहित, दीपक, महेश, शांत, अवनीश, अनिल, किरन, गौरव, सोनू, बबली और पूजा सहित 19 लोगों के नाम सामने आए थे।‌‌

जिसमें पंकज पाराशर, पंकज पराशर की मां कौशल्या, दीपक, अवनीश, शांत और महेश के नाम पत्रकारिता के दम पर निकलवा लिए गए।

नोएडा मीडिया क्लब का अध्यक्ष पंकज पाराशर व जनाब का चाचा रामकरण और पिता राजकरण हमदम पुत्र कांशीराम व अन्य परिजनों का दो हत्याओं सहित, 307, आर्म्स एक्ट, 223,452 आईपीसी व गैंगस्टर एक्ट के आदि के अपराधों से सीधे तौर पर संबंधित हैं। इस तरह पंकज पाराशर एक अपराधी पृष्ठ भूमि के परिवार से ताल्लुक रखता है।

 

अब तो जिला गौतमबुद्धनगर की जनता और पत्रकारों को जाग जाना चाहिए। एक अपराधी पृष्ठ भूमि का व्यक्ति पुलिस के साथ मिलकर मुखबिरी और दलाली के अलावा कुछ भी नही कर सकता।

हमें तो ताज्जुब इस बात पर हो रहा है कि अब तक नोएडा मीडिया क्लब के बाकी पत्रकार क्या कर रहे थे ? उपाध्यक्ष और उसका भाई 420 तो अध्यक्ष के परिजन हत्यारें षड़यंत्रकारी। क्लबिया गैंग के दो बड़े चहरे सबके सामने बेनकाब हो गए हैं। हमारी मुहिम लगातार जारी रहेगी। 

 

आखिर गौतमबुद्धनगर के पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता डर के साए में  क्यों?

हम अपने पाठकों को जानकारी देना चाहते हैं कि गौतमबुद्धनगर जिले के पत्रकारों और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं में पंकज पाराशर के गैंग के खिलाफ अपने मीडिया संस्थानों में लिखने व आवाज उठाने का दम नही है। सुप्रीम न्यूज द्वारा जल्द ही इस रहस्य से पर्दा उठाया जाएगा ~ संजय भाटी

 

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