गौतमबुद्धनगरनोएडा पुलिस

आखिर मेलों में जुआ कब तक चलवाया जाता रहेगा ? महीने भर पहले सरफाबाद में और अब बहलोलपुर मेले में धड़ल्ले जुआ चालू

प्रवासी मजदूरों से लूट खसोट करने के लिए चलाया जाता है मेलों में जुआ। पत्रकारों की भी होती है चांदी।

ब्यूरो रिपोर्ट। सुप्रीम न्यूज 

नोएडा ।‌‌ महीने भर पहले नोएडा के सरफाबाद गांव में चल रहे मेले में धड़ल्ले से जुआ चलाया गया था। जिसके चलते थाना सेक्टर 113 पुलिस ने मौके पर जाकर जुआ बंद करते हुए । जुआ संचालकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था। ठीक उसी तरह अब बहलोलपुर मेले में धड़ल्ले से जुआ चलाया जा रहा है। आखिर मेले में बार बार जुआ चलाने की शिकायत क्यों आती है ? 

नोएडा में जुआ और सट्टे की खाईबाड़ी करने वाले किसी भी चलते-फिरते गली-मोहल्ले के छुट भैय्ये या छुट्टे सांडों को भी दो,चार हजार देने के लिए तैयार रहते हैं। यहां हमारा सीधा मतलब यह है कि मेले में जुआ और अश्लील डांस कराने वाले पत्रकारों और पुलिस की खिदमत करने के लिए तो पूरी तैयार तरह से तैयार रहते हैं।

नोएडा पुलिस मेलों में जुआ चलवाने में कुछ ज्यादा ही रिस्क लेती है। जब तक उच्चाधिकारियों द्वारा मेलों में जुआ चलवाने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई नही की जाएगी तब तक मेलों में जुआ चलवाने की घटनाएं सामने आती रहेगी।

 हम पत्रकारों की तरफ से कोई सफाई नही दे रहे हैं। मेले संचालकों द्वारा पत्रकारों को खुब विज्ञापन दिए जाते हैं। लेकिन हम यहां पत्रकारों से भी यही कहना चाहते हैं कि विज्ञापन की ऐवज में मेलों में चलाए जाने वाले जुआ की ओर से आंखें बंद नही करनी चाहिए।

लेकिन पुलिस के उच्चाधिकारियों से एक बात अवश्य कहना चाहते हैं कि आखिर पुलिस मेले में जुआ चलने ही क्यों देती है ? इसका सीधा मतलब यह कि जुआ चलवाने की एवज में पैसे लिए जाते हैं । 

अब आप गहराई से विचार करना जब पुलिस ही इस तरह के अपराधियों को संरक्षण देगी तो पत्रकार तो बहुत गरीब और असक्षम होता है। अधिकांश पत्रकारों को तो किसी भी तरह के वेतन आदि नही मिलते हैं। इसलिए बहुत से पत्रकारों को तो ऐसे छोटे-मोटे मेलों के चलने का इंतजार रहता है।

ऐसे में गरीब मजदूर वर्ग को इन जुआ माफियाओं से कौन बचाएगा ? मेले चलाने वाले गैंगों की नजर तो नोएडा में रहने वाले प्रवासी मजदूर वर्ग पर ही रहती है।

  अब यहां हम पत्रकारों और पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि आखिरकार मेले संचालकों से पैसे लेकर मेलों में जुआ और अश्लील डांस कब तक चलवाए जाते रहेंगे ?

 

मेले खुब लगावाओ लेकिन बार-बार शिकायतें होने के बावजूद जुआ क्यों चलवा जाता है? 14-12-2022 को सेक्टर 113 थाना क्षेत्र के सरफाबाद गांव में चल रहे मेले में जुआ चलता पाया गया था। जिसके लिए मेले संचालक पर भी मुकदमा दर्ज हुआ था। देखिए 

 

पुलिस एक बार-बार की शिकायत पर कार्रवाई नही करती है। इस लिए बार-बार वीडियो और फोटो खींचकर दिखाने पड़ते हैं। यदि पुलिस और पत्रकार दोनों ही मेले संचालकों से लालच त्याग दे तो न तो पुलिस की छवि खराब होगी और न ही पत्रकारों की

 मेलों के मामले में पत्रकारों की छवि भी बहुत बेहतर नही है। पत्रकारों को भी मेले संचालकों से विज्ञापन के नाम पर पैसा लेने की आदत पड़ी हुई। जो मेलों के चलते ही अपने हिस्से का विज्ञापन लेने पहुंच जाते हैं।

 

 

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