गौतमबुद्धनगरराष्ट्रीय
साहेब गौमाता लंपी की चपेट में है, एक फोटो गौमाता का भी खींच लेते
साहेब एक फोटो गौमाता का भी खींच लेते। चुनाव भले ही अभी दूर है। लेकिन गौमाता भुखी प्यासी लंपी वायरस से मौत के मुंह में समा रही है। इसलिए चुनाव से पहले ही आप गौ मित्रों की नियुक्ति कर उनके साथ थोड़ा चिंतन कर लो साहब हम वादा करते हैं कि आपके अब के किये उपकार को चुनाव तक याद रखेंगे। साहेब हम भुल भी जाएं तो आप स्वयं हमें चुनाव के समय श्री राम और गौमाता की याद दिला देना। वोट गौमाता और श्री राम के नाम पर ही देंगे।
साहेब आप चीतों के साथ जितना मर्जी सेल्फी ले लो। नवरात्रों में चीतों को भैंसे का मांस खिलाओ या चीतों के ताजा भोजन के लिए जिंदा चितल और घड़ियाल चीतों के बाड़े में छूड़वा दो। हमें हमारे हिन्दुत्व की कसम हम अपनी भावनाओं को केवल वहीं आहात करेंगे। जहां आपके वोट बैंक के लिए जरूरी है।
साहेब हम साफ-साफ कह रहे हैं। हम तो केवल नवरात्रों के बहाने अपनी भावनाओं के आहात होने के नाम पर मांस की छोटी मोटी गली-मोहल्ले की दुकानों के सहारे अपनी राजनीतिक चमका लेते हैं। माई-बाप आपके चीते जितने मर्ज़ी जिंदा जीव-जंतुओं को खा जाएं। हम अपनी धार्मिक और आत्मिक भावनाओं को आहत नही करेंगे।
हां, साहेब हम कभी भी किसी बड़ी मांस की कम्पनी और बड़़े होटलों को लेकर भी अपनी धार्मिक भावनाओं को आहत नही करते। हमारे ज्ञापनों और विज्ञप्तियों का स्तर छोटी दुकानों तक ही सीमित रहता है। आप विश्वास करिए हम मांस के किसी भी बड़े मामले से अपनी भावनाओं को आहत नही होने देते हैं। हमारी भावनाओं की रेंज बहुत सीमित हैं।
सुप्रीम न्यूज। अब गौतमबुद्धनगर में लंपी वायरस अपने पांव फैल रहा है। जिसके चलते गौवंश तडप कर दम तोड रहे हैं। गौमाता के नाम पर वोट बटोरने वाले नेता और उनके समर्थित नौटंकी बाज गौ सेवक अभी कहीं नजर नही आ रहे हैं।
लेकिन जैसे ही नवरात्रे आएंगे वैसे ही सारे गौ सेवक सबसे पहले बैठकों के आयोजन कर मांस की दुकानों को बंद करने के लिए अपने-अपने फोटो छपवाने के लिए प्रेसवार्ता और विज्ञप्तियां जारी करना शुरू कर देंगे। ये नौटंकी मांस की दुकानों को बंद करने की विज्ञप्तियों और अखबारों की खबरों से होते हुए गली-मोहल्लों में खुली मांस की दुकानों को निशाना बनाने तक पहुंच जाती है।
फिलहाल गौमाता और गौवंश लगातार लंपी वायरस की वजह से मौत के मुंह में समा रहे हैं। उसकी जानकारी इन तथाकथित भक्तों के कानों तक नही पहुंच रही है। गौमाता और गौवंश पर आए लंपी वायरस के संकट से देश भर के गौ सेवक तो अनजान हैं ही। लेकिन नोएडा के हजारों गौ सेवकों का भी पता नही फिलहाल कहां गायब हैं?
वैसे उम्मीद है कि गौमाता और गौवंश के साथ फोटो खींचवा कर अपने आप को गौ सेवक बता कर समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में फोटो और वीडियो वायरल करने वाले तथाकथित गौ सेवक बस कुछ ही दिनों में बरसाती मेंढक की तरह उछल-कूद करते नजर आएंगे। क्योंकि नवरात्रों पर ही इनका हिन्दुत्व और गौ भक्ति हिलोरें मारना शुरू कर देगी।
ताज्जुब की बात तो यह है कि कि नामीबिया से आए आठों चीते जिनके नाम ओबान, फ्रेंडी, क्रेडी, सवाना, आशा, सिसिली, भैंसा और साशा को भैंसे का मांस खिलाया जा रहा है। यह बात हम सभी को भी जान लेनी चाहिए कि ये आठों चीते नवरात्रों में भी हिंदू रीति रिवाज से बर्त नही करेंगे। ये तो मासी खाएंगे।
दूसरी ओर हमारे प्रधानमंत्री चीता मित्रों से चीतों को लेकर वार्ता में कितने चिंतित हैं ये दुनिया भर के सामने है। काश गौ मित्रों की नियुक्ति कर गाय को लेकर चिंता दिखाई होती तो आज गाय सड़कों पर भूखी-प्यासी, तड़पती हुई दम नही तोड़ती।
हमारे प्रधानमंत्री ने नेताओं और पत्रकारों के विषय में चीता मित्रों से जिस अंदाज में अपने अनुभवों और चिंताओं को पेश किया है। उससे एक बात तो साफ है कि हमारे प्रधानमंत्री वास्तविकताओं से भलीभांति परिचित हैं। उन्हें सभी बारीकियों का ज्ञान है। ऐसे मे ये भी जग जाहिर हो रहा है कि हमारे प्रधानमंत्री को वर्षों से उपेक्षा का शिकार हो रही गौ माता की दुर्दशा का भी अच्छी तरह ज्ञान होगा। यहां यह भी सवाल है कि हमारे प्रधानमंत्री को हिन्दुत्व और हिन्दुओं के सभी त्यौहारों पर उनकी भावनाओं के आहात होने का भी बखूबी ध्यान होगा।
हमारा कहना बिल्कुल साफ है कि क्या मध्यप्रदेश की मामा शिवराज सिंह चौहान व केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार नवरात्रों में मिल जुलकर नामीबिया से लाएं गए आठों चीतों को फलाहार ग्रहण कराएंगे या फिर नवरात्रों में भैंसे का मांस ही परोसा जाएगा? यदि ऐसा होगा तो क्या नवरात्रों में किसी की भावनाएं आहत होंगी या फिर नही?
हमारा ये सवाल देश भर के उन सभी नौटंकी बाज नेताओं से है जो केवल अखबारों में छपने के लिए नवरात्रों पर मांस की दुकानों को बंद करने के लिए अधिकारियों को ज्ञापन देकर विज्ञप्तियां जारी करते हैं। मांस की दुकानों को लेकर दंगा फसाद कर माहौल खराब करते हैं।
दूसरा सवाल उन नौटंकी बाज गौ सेवको से है जो लंपी वायरस से मौत के मुंह में समा रहे गौवंशों से मुंह फेरे बैठे हैं। वैसे तो सभी भलीभांति समझते हैं कि ये दोनों ही तरह के विज्ञप्ति बाज एक ही DNA के हैं।
आपको जानकरी दे दें कि राजस्थान के बाद लंपी वायरस ने गौतमबुद्धनगर में भी दस्तक दे दी है। हर रोज यहां पर गौ माताएं और गौ वंश दम तोड रहे हैं। गौतमबुद्धनगर की सडकों पर लंपी वायरस की वजह से गौवंश मौत के मुंह में जाते देखे जा सकता है।
लंपी वायरस से गौवंशों को बचाने के लिए प्रशासन ने कुछ जरूरी इंताजामात भी किए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से एक अस्थायी गौशाला स्थापित की है जहां लंपी वायसर से ग्रसित गायों का रखा जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि शहर और कई गांवों में यह बामारी फैल चुकी है। जिले में अब तक 123 लंपी वायरस से ग्रसित गाये मिली हैं।
लंपी वायरस के मामले में पशु चिकित्सा विभाग भी पूरी तरह से अलर्ट है। टीकाकरण अभियान भी शुरू किया गया है। वहीं दूसरी ओर इसको लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा एक अस्थाई आइसोलेट गौशाला चूहडपुर गांव में तैयार की गई है। बीमारी से संक्रमित गायों को शेल्टर होम में रखकर इलाज किया जा रहा है। गौशाला में गायों का वैक्सीनेशन करने के अलावा गौवंशों के चारे और पानी का पूरा इंतजाम भी किया जा रहा है।
गौतमबुद्धनगर के नोएडा शहर की बात करें तो नोएडा के सेक्टर 24 थाने के सामने और हरौला सेक्टर 5 में लंपी वायरस से पीड़ित गायों के मिलने के बादे काफी दहशत का माहौल बना गया है। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल होते ही पुलिस एक्शन में आई और यहां गायों को अस्थाई आश्रय स्थल पर भेज दिया गया है।
लंपी वायरस लगातार पशुओं को अपनी चपेट में ले रहा है। लंपी वायरस को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने चुहड़पुर में एक बारात घर को अस्थाई आइसोलेट गौशाला के रूप में तब्दील किया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इस अस्थाई आइसोलेट गौशाला में करीब 100 गायों को रखा जा सकता है। उसी हिसाब से इसको तैयार किया गया है। इस गौशाला में टीन शेड लगाई गई है। उसके नीचे आसानी से 100 गाय रह सकती हैं।
ज़्यादा बीमार गाय के लिए अलग से टैंट लगाया गया है। इस गौशाला में लंपी वायरस से ग्रस्त गायों को लाया जाएगा। यहां पर डॉक्टरों की 2 टीम तैनात रहेंगी जो उन गायों की देखभाल करेंगे साथ ही यहां पर आई गायों का वैक्सीनेशन भी कराया जा रहा है।
आगे जारी …… संजय भाटी संपादक सुप्रीम न्यूज