पत्रकारितापत्रकारिता और अपराध
पत्रकारिता के नाम पर अपराधियों का गठबंधन, ऐसा कोई सगा नही जिसे नोएडा क्लबिया गैंग ने ठगा नही
खबर के साथ कुछ लिंक दिए गए हैं क्लबिया गैंग का सच जानने के लिए लिंक खोल कर अवश्य पढ़ें ~ संजय भाटी
संजय भाटी/मधु चमारी
बेशर्मी की हदें पार कर नोएडा मिडिया क्लब के अध्यक्ष द्वारा संगठन के नाम पर अवैध वसूली।
अवैध वसूली के खिलाफ यू. पी. न्यूज एक्सप्रेस के संपादक ने चलाई खबर तो बौखलाहट में है मिडिया क्लब के गुंडे
संपादक द्वारा मिडिया क्लब के बुरे कार्य की खबर छापने पर किया जा सकता है गहरा षड्यंत्र।
पत्रकारों की लड़ाई लड़ने के नाम पर अवैध वसूली करते हुए धडल्ले से हो रही काली कमाई।
पत्रकारों के हितैषी बने लुटेरे, बेशर्मी की हदें पार कर मिडिया क्लब के बायलॉज को दीखा रहे ठेंगा
नोएडा मीडिया क्लब की कार्यकारिणी द्वारा लोगों से अवैध वसूली कर चौथे स्तंभ को खड़ा किया कानून के कटघरे में।
क्लबिया गैंग का सच जानने के लिए दिये गए लिंक खोल कर अवश्य पढ़ें ~ संजय भाटी
https://twitter.com/IakhanIakhan2/status/1588022093157105665?t=mbrioMJLmpedsn91I9G_ng&s=19
मीडिया क्लब के अध्यक्ष हैं पंकज पाराशर द्वारा ढाई हजार की जगह दस हजार की हो रही वसूली।
जहां क्लब के बायलॉज में ढाई हजार रूपए है आजीवन फीस वहीं सदस्यता के नाम पर दस हज़ार की हो रही वसूली
अवैध वसूली की काली कमाई ने रक्षक को बना दिया भक्षक
क्लबिया गैंग का सच जानने के लिए दिये गए लिंक खोल कर अवश्य पढ़ें ~ संजय भाटी
@myogiadityanath @Dkumarchandel @noidapolice @CP_Noida @Uppolice @dmgbnagar@diogbn @NoidaMediaClub@PANKAJPARASHAR_ @GNPC247
पंकज पराशर के पिता और परिजन हत्याओं में शामिल, शर्म और गैरत कुछ है तो क्लबिया गैंग और ट्राईसिटी टुडे वाले कहीं डूब कर मर जाए https://t.co/U4FU4Gkd95
— दैनिक सुप्रीम न्यूज (@SupremeNewsG) November 9, 2022
नोएडा। रक्षक बन गए हैं भक्षक जी हां यह कार्य वर्तमान समय में नोएडा मिडिया क्लब के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष की क्षत्र छाया मे धड़ल्ले से चलाया जा रहा है जहां पर संगठन के बायलॉज को दरकिनार कर अवैध वसूली पत्रकार को संगठन से जुडने पर वसूली जा रहा है। बताते चलें कि पत्रकारों के हितों की रक्षा करने वाले कई संगठनों के नेता मंचों से तो बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर होती है। उनकी लफ्फाजी सिर्फ पत्रकारों की तालियां बटोरने के लिए होती है। जिसके बल पर वह चंदाखोरी करते हैं। जहां पत्रकारों के हितों की बात आती है तो इन संगठनों के नेता कहीं नजर तक नहीं आते हैं।पिछले काफी समय से यही सब देखने को मिल रहा है।प्रदेश में पत्रकारों की हत्या से लेकर उनके साथ अभद्रता व हमले के कई मामले सामने आए, पर संगठनों के नेताओं ने पीड़ित परिवार की मदद करना तो दूर, उन्हे ढांढ़स बंधाने तक की जरूरत नहीं समझी।
पत्रकारों ने पत्रकारिता के नाम पर हर साल लाखों रुपये का चंदा वसूल कर आपस में बंदरबांट करने वाले पत्रकार संगठनों के मुखिया पत्रकारों के हित में कोई काम नहीं कर रहे हैं। कई जगह पत्रकारों की हत्याएं भी हुई है। कई पत्रकारों पर जानलेवा हमले हो चुके हैं, लेकिन चंदाखोरी में व्यस्त रहने वाले पत्रकार संगठनों के स्वयंभू मुखियाओं ने कभी भी पीड़ित पत्रकारों या उनके परिजनों का साथ नहीं दिया।
यह संगठन पत्रकारिता की आड़ में अपनी राजनैतिक दुकान चलाते हैं इन संगठनों के मुखिया संगठनों में सांप की तरह कुंडली मारकर बैठे हुए हैं , यह लोग ऐसे लोगों को दूर रखते हैं जो इनकी दुकान के लिए खतरा बन सकते हैं पत्रकार संगठनों के सदस्यों की सूची उठा कर देखिए अधिकांश सदस्य मात्र इन संगठनों की सदस्यता लेकर खुद को पत्रकार बताया करते हैं कुछ संगठनों के पदाधिकारी तो ऐसे हैं जो राजनीतिक दलाली में जुटे रहते उन्हें पत्रकारिता का ककहरा भी नहीं आता सिर्फ पत्रकार संगठनों के पदाधिकारी बने हुए हैं।
इन संगठनों के मुखिया जो अपने आप को संगठनों का माई बाप मानते हैं प्रदेश भर के भोले भाले पत्रकारों को लच्छेदार भाषणों की घुट्टी पिलाकर इसकी आड़ में अपनी राजनैतिक दुकान चलाते रहते हैं आज तक इन्होंने पत्रकारों के हित में ऐसा काम नहीं किया है जिससे पत्रकारों को इन संगठनों में शामिल होने पर गर्व हो सके।
ऐसा ही एक संगठन नोएडा शहर में है जो कि नोएडा मीडिया क्लब के नाम से जाना जाता है और इसके अध्यक्ष पंकज पाराशर हैं अगर इस संगठन की भी बात की जाए तो किसी प्रकार का कार्य पत्रकारों के हित में इस संगठन के द्वारा नहीं किया जाता है केवल इस संगठन के द्वारा पत्रकारों के हितों की दुकान चलाई जाती है जो भोले भाले पत्रकारों को अपनी फर्जी घुट्टी पिलाकर ठग लिया जाता है इस मीडिया क्लब में सदस्य बनाने के नाम पर अवैध कमाई जाती है ।
*बायलॉज में है 2500 रुपए वसूल रहे हैं 10 हजार*
नोएडा शहर में नोएडा मीडिया क्लब अध्यक्ष पंकज पाराशर एंव उपाध्यक्ष रिंकू यादव अपनी ऊंची पहुंच और रसूख के चलते सोसायटी डिप्टी रजिस्टार और बाबू के संरक्षण में सोसाइटी एक्ट के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं जहां मीडिया क्लब के बायलॉज में आजीवन सदस्य बनाने के लिए 2500 की फीस अंकित की गई थी लेकिन इनके द्वारा इस नियम को ताक पर रखकर खुलेआम ₹10000 वसूले जा रहे हैं , बायलॉज में किसी प्रकार का कोई भी संशोधन नहीं किया गया है। फिर भी अपनी ऊंची पहुंच व दबंगई के बल पर सदस्य बनाने के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है ।मीडिया क्लब के कार्यालय प्रभारी /उपाध्यक्ष रिंकू यादव के द्वारा सदस्यता के नाम पर 10 हजार रुपए की रशीद काटी जा रही है और रिन्युल के नाम पर 250 ओर 300 रुपए पेटीएम फोन पे के माध्यम से अपने पर्सनल मोबाईल पर वसूले गए जबकि आजीवन फीस मेंबर से वसूली गई जो कि अवैध हैं।
नोएडा मीडिया क्लब का रजिस्ट्रेशन सन 2018 में डिप्टी रजिस्टार फर्म सोसाइटी मेरठ कार्यालय से हुआ था जिसमें आजीवन सदस्य बनने के लिए जॉइनिंग फीस 2500 रुपए अंकित है लेकिन अब स्वयं अध्यक्ष ने अपना नया फर्जी बायलॉज बना लिया है जिसमें अध्यक्ष ने सदस्य बनाने के नाम पर प्रत्येक पत्रकार से 10000 रुपए अवैध रूप से वसूल करने का फरमान जारी कर दिया ।
मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है जो कि निस्वार्थ समाज की सेवा में लगा रहता है अगर कमाई की बात की जाए तो अच्छे पत्रकारों की किसी प्रकार की कोई भी कमाई नहीं होती है यह सभी विज्ञापनों के ऊपर निर्भर रहते हैं लेकिन अब सोशल मीडिया के दौर में विज्ञापन भी कम हो गए हैं ,अब अच्छे पत्रकारों की कमाई शून्य हो गई है।
अब संगठन में जुड़ने की बात की जाए तो इतने सारे रुपए कहां से आएंगे यह सोचने वाली बात है जब अच्छे पत्रकारों की कमाई शून्य है तो संगठन में सदस्य बनने के लिए भी रुपए शून्य होने चाहिए लेकिन नोएडा मीडिया क्लब ने तो पूरे भारत का रिकॉर्ड तोड़ दिया है जहां सदस्य बनाने के नाम पर खुलेआम अवैध ₹10000 वसूले जा रहे हैं।
*पत्रकारों के हितों की रक्षा करने के लिए लगातार हुई मीटिंग*
नोएडा मीडिया क्लब में लगातार पत्रकारों के हितों की रक्षा करने के लिए मीटिंग हुई लेकिन इन मीटिंगों से किसी प्रकार का कोई भी फायदा पत्रकार हित में नहीं हुआ यह मीटिंग केवल तालियां बटोरने के लिए की गई और इसके साथ ही सदस्य बनाने के नाम पर दुकान चलाने के लिए भी यह मीटिंग कारगर साबित हुई ,अध्यक्ष पंकज पाराशर इस पवित्र मिशन को कलंकित करने में लगा हुआ है ।और भोले भाले पत्रकारों को लच्छेदार भाषणों की घुट्टी पिलाकर इसकी आड़ में अपनी दुकान चला रहा है लगातार अवैध 10 हजार रुपए लेकर क्लब में पत्रकारों को जोड़ रहा है ।
पत्रकारों के हर सुख दुख में साथ देने की बात मीटिंग में होती है लेकिन बाद में कुछ नहीं होता केवल झूठ से अपनी यह दुकान अध्यक्ष चला रहा है मीडिया क्लब की आड़ में किए लाखों के खेल और आलीशान जिंदगी जी रहा है ।
*पत्रकारों के हितैषी बनकर जी रहे आलीशान जिंदगी*
नोएडा मीडिया क्लब आजकल कमाई का अड्डा बन गया है यहां के अध्यक्ष के द्वारा पत्रकारों को लगातार ठगा जा रहा है और सदस्य बनाने के नाम पर अवैध कमाई की जा रही है अब तक लाखों रुपए की कमाई नोएडा मीडिया क्लब के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष द्वारा की गई है , दोनो पत्रकारों को बड़े-बड़े सपने दिखाते है और उनको अपनी फर्जी बातों में फंसा कर सदस्य बनाने के नाम पर रसीद काट देते है इस प्रकार इसका यह कार्य काफी समय से निरंतर चलता आ रहा है अध्यक्ष और इसके साथी पत्रकारों के हितैषी बनकर एक अच्छी और आलीशान जिंदगी जी रहे हैं , भोले भाले पत्रकारों को ठगने के लिए और अपने बड़े खेल करने के लिए बड़े अधिकारियों और नेताओं के लिए बड़े बड़े प्रोग्राम करता है और पत्रकारो से कहता है कि आपके साथ खबर कवरेज के दौरान किसी प्रकार की कोई भी समस्या हो गई उसके लिए नोएडा मीडिया क्लब संगठन आपके साथ हमेशा कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है लेकिन यह सब सुनने में अच्छा लग रहा है लेकिन सब कुछ बिल्कुल विपरीत है किसी पर भी कोई भी समस्या आती है तो उस संगठन का अध्यक्ष एंव उसके पदाधिकारी किसी प्रकार की कोई भी मदद पीड़ित पत्रकार की नहीं करते हैं इस प्रकार पत्रकार अपने आप को ठगा सा महसूस करता है ।
*चंद पत्रकारों के लिए ही चल रहा है मीडिया क्लब*
नोएडा मीडिया क्लब केवल चंद पत्रकारों के लिए ही चल रहा है , इसमें जुड़े कुछ पत्रकार तो ऐसे हैं उन्हें पत्रकारिता का ककहरा भी नहीं आता फिर भी वह इस संगठन के पदाधिकारी बने हुए हैं खाली अपने कर्मों को ढकने के लिए नोएडा मीडिया क्लब से जुड़े हुए हैं , सूत्रों द्वारा जानकारी प्राप्त हुई है कि इस संगठन को केवल लाइजनिंग का मोहरा बनाया गया है इसमें जुड़े कुछ पदाधिकारी मीडिएटर का कार्य भी करते हैं और अधिकारियों से अपनी बड़ी सेटिंग बताते हैं , कोई भी व्यक्ति किसी मामले में फंस जाता है तो पुलिस और पीड़ित या आरोपी के बीच में मीडिएटर का कार्य करते हैं और सौदेबाजी करके कुछ रुपए खुद रखते हैं और कुछ पुलिस को देते हैं ,इस क्लब के पदाधिकारियों का लाइजनिंग का कार्य भी काफी समय से चलता आ रहा है ,इसलिए चंद पत्रकारों के लिए ही है मीडिया क्लब ।
*सदस्य बनने वाले पत्रकार दें ध्यान*
नोएडा मीडिया क्लब में सदस्य बनाने के लिए अवैध उगाही की जा रही है ,सदस्य बनाने के नाम पर मोटा पैसा कमाया जा रहा है मीडिया क्लब का अध्यक्ष पंकज पाराशर खुलेआम 10000 हजार रुपए लेकर मीडिया क्लब का सदस्य बना रहा है जो कि अवैध है संगठन के बायलॉज में सदस्य बनाने को लेकर केवल 2500 रुपए अंकित है ,रुपए बढ़ाने के लिए किसी प्रकार का कोई भी संशोधन संगठन के बायलॉज में नहीं किया गया है ,बिना संसोधन के अध्यक्ष एंव अन्य मुख्य पदाधिकारी अपनी दुकान चला रहे हैं और अपने शाही खर्चों को पूरा कर रहे हैं ,इसलिए आगे जो भी पत्रकार संगठन में सदस्य बने सोच समझकर बने और सारी जानकारी करने के बाद बने नहीं तो इसी प्रकार लुटते रहेंगे किसी प्रकार का कोई भी फायदा नहीं हो पाएगा ।
*बिना संसोधन लिए जा रहे रुपए को लेकर हो कार्यवाही*
नोएडा मीडिया क्लब में सदस्य बनाने को लेकर अवैध उगाही की जा रही है मीडिया क्लब को अवैध उगाही का अड्डा बना दिया है जहां संगठन पत्रकारों के हितों की रक्षा करते हैं यह संगठन हितों की रक्षा न करते हुए अध्यक्ष एंव पदाधिकारी अवैध रुपए लेकर खुद अपनी रक्षा कर रहे हैं , उच्चधिकारियों को इस बात का ध्यान देना चाहिए अधिकारी को भी नोएडा मीडिया क्लब की जानकारी लेनी चाहिए और बिना संसोधन के लिए जा रहे अवैध रुपयों को लेकर बड़ी कार्यवाही अध्यक्ष पर करनी चाहिए और संगठन का रजिस्ट्रेशन कैंसिल करना चाहिए ,यूपी में जीरो टॉलरेंस नीति कार्य कर रही है फिर भी नोएडा मीडिया क्लब में अवैध कमाई करने वाले क्यों बच रहे हैं कई सवाल पैदा करता है ।
अब देखने वाली बात यह होगी कि कब तक उच्चाधिकारियों की नजर नोएडा मीडिया क्लब पर पड़ती है और कार्यवाही होती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा ।
गौरतलब है कि इस गोरख धंधे की खबर प्रकाशित करने के बाद भी बेशर्मो द्वारा ढाई हजार रूपए बा-ईलाज में दर्शाए जाने के बाद भी दस से इग्याहर हजार रूपए की सदस्यों से अवैध वसूली की जा रही है, जिसकी न कोई सूचना जारी हुई न ही कोई बैठक बस दबंगई गुंडा गर्दी के बल पर चलाया जा रहा है यह कर्य मीडिया क्लब के बैनर पर अबैध वसूली का यह चल रहा गोरख धंधा आखिर कब तक इस तरह चलेगा भ्रष्टाचार।