उत्तरप्रदेशपुलिस का भ्रष्टाचार
बांदा की महिला पत्रकारों ने 14 वे दिन पुलिस-प्रशासन की अर्थी निकली
सुप्रीम न्यूज। 10/10/2022 बांदा
पत्रकारिता को जिंदा रखने के लिए शालिनी जैसी महिलाओं को आगे आना होगा ~ संजय भाटी संपादक सुप्रीम न्यूज
बांदा के पत्रकारों का संघर्ष व्यर्थ नही जाएगा@forpolicereform@the_wp_campaign
@bandapolice @Uppolice pic.twitter.com/nwGKHFDi06— दैनिक सुप्रीम न्यूज (@SupremeNewsG) October 10, 2022
बांदा जिले के नरैनी क्षेत्राधिकारी द्वारा निर्दोष 7 पत्रकारों को फर्जी तरीके से माफिया से सांठगांठ कर जेल भेजे जाने से अक्रोषित पत्रकारों ने प्रशाशन की गैरकानूनी कार्यवाही का विरोध करते हुए न्यायिक जांच की मांग कर अनशन में बैठे थे। लगातार दिन रात चल रहे अनशन में जिला प्रशासन द्वारा पत्रकारों की आवाज न सुनी जाने के कारण पत्रकारों ने अनशन के 14 वें दिन जिला पुलिस-प्रशासन की महिला पत्रकारों ने अर्थी निकाली और आक्रोश व्यक्त किया।
योगी सरकार में ऐसा कौन सा विभाग है जहां अधिकारी और कर्मचारी अवैध वसूली ना कर रहे हो?
बांदा के नरैनी क्षेत्राधिकारी नितिन कुमार सारंग की करतूत के कारण उत्तर प्रदेश सरकार की हकीक़त सामने आ रही हैउत्तर प्रदेश में बहुत से पुलिस अधिकारियों ने प्रदेश सरकार की छवि भ्रष्टाचार की बना दी pic.twitter.com/DJjwwb0dck
— दैनिक सुप्रीम न्यूज (@SupremeNewsG) October 10, 2022
पूरा मामला बांदा जनपद के अशोक लाट अनशन स्थल का जहां निर्दोष 7 पत्रकार जो ग्रामीणों की सूचना पर अवैध खनन की खबर करने जनपद की नरैनी तहसील अंतर्गत संचालित लहुरेटा निजी भूमि गए थे जहा खनन माफियाओं और नरैनी सीओ की मिलीभगत से 7 पत्रकारों पर रंगदारी की एफआईआर लिखकर बिना जांच जेल भेज दिया गया था।
बांदा पुलिस-प्रशासन कुछ तो शर्म करो
उत्तर प्रदेश में पत्रकारों द्वारा पुलिस-प्रसाशन की अर्थी निकालने का सीधा मतलब है कि योगी सरकार की अर्थी निकली जा रही है
ये घटना प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या को बयां कर रही है@forpolicereform pic.twitter.com/pHfJvxSBtH
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जिसके विरोध में जनपद के दो दर्जन से ज्यादा पत्रकार जिला अधिकारी कार्यालय ज्ञापन लेकर पहुंचे थे जहां जिला अधिकारी द्वारा उनका ज्ञापन नही लिया गया न ही उनकी बात सुनी गई जिससे आहत होकर सभी पत्रकार अनशन में बैठ गए थे लेकिन लगातार दिन रात चल रहे अनशन में प्रशाशन की चू नही रेंगी और न ही प्रशाशन का कोई अधिकारी पत्रकारों का हाल चाल लेने आया।
जिससे आहत पत्रकारों ने अनशन के 14 वें दिन जिला प्रशासन की महिला पत्रकारों ने अर्थी निकाली लेकिन पुलिस प्रशाशन द्वारा उन्हें रोकने की कोशिश की गई घंटों चली बहस बाजी के बाद पुलिस-प्रशाशन द्वारा अर्थी को जबर्दस्ती छीन कर छतिग्रस्थ कर दिया गया।