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नोएडा मीडिया क्लब में मची अफरातफरी, गैंग को हटाने की जद्दोजहद के लिए मीटिंग का आयोजन

नोएडा में बड़े-बडे भ्रष्टाचारियों को क्लबिया गैंग का संरक्षण प्राप्त रहता है ~ संजय भाटी

सुप्रीम न्यूज के लिए मधु चमारी की खास रिपोर्ट

गौतमबुद्धनगर/नोएडा/10-12-2022

 

क्लबिया गैंग के विरोधियों द्वारा आज दिनांक 10/12/2022 को तीन बजे नोएडा स्टेडियम में एक मीटिंग बुलाई गई है जिसके लिए ये मैसेज नोएडा मीडिया क्लब के व्हाट्स एप ग्रुप में जारी किया गया है। देखें

 

क्लबिया गैंग द्वारा की गई अनियमितताओं के कारण अब बहुत से सदस्यों को मीटिंग का आयोजन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

कुछ सदस्य क्लबिया गैंग द्वारा नोएडा मीडिया क्लब में हुई अनियमितताओं के विरोध में पूर्व में एक पत्र भी जारी कर चुके हैं। ये मैसेज भी नोएडा मीडिया क्लब के व्हाट्स एप ग्रुप में जारी किया गया है। देखें

क्लबिया गैंग वालों सब को नंगा करवाना चाहते हो तो बताओ ? वरना इतने नंगेपन पर ही शर्म कर लो।

मीटिंगों से क्या होगा?  क्या क्लबिया गैंग वाले अपनी व अपने परिजनों के करतूतों को थानों और न्यायालयों से हटवा देंगे?

तीन लाख की सुपारी देकर हत्या करवाओगे या फिर सच्चाई को सामने लाने वाले पत्रकारों पर मुकदमें दर्ज कराने का इरादा है?

ये बात जगजाहिर है कि अपराधिक पृष्ठ भूमि वाले पत्रकारिता नही कर सकते। ऐसे लोग मुखबिरी और दलाली ही करते हैं। 

पाठक गण क्लबिया गैंग की तस्वीर देखें 

नोएडा मीडिया क्लब के क्लबिया गैंग द्वारा आज दिनांक 09/12/2022 को नोएडा स्टेडियम में एक सभा बुलाई गई है। क्लबिया गैंग के अध्यक्ष पंकज पाराशर जो दो-दो हत्याओं के आरोपी परिवार से ताल्लुक रखते हैं

उपाध्यक्ष भुपेंद्र सिंह के पिता एक हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। 

मनोनीत उपाध्यक्ष रिंकू यादव और उनके भाई अशोक यादव पत्रकार जिनके अखबार मालिक नोएडा मीडिया क्लब और नोएडा के एक प्रतिष्ठित अखबार के संपादक भी है जिन्होंने अपने पत्रकार को आज तक संरक्षण दिया हुआ है। इन दोनों भाइयों/क्लबिया गैंग के सदस्यों पर 420,406,506 IPC के न केवल आरोपी हैं बल्कि स्पष्ट रूप से उपरोक्त अपराध उसके द्वारा किए गए हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इनके द्वारा अपने ही मित्र को पहले पत्रकारिता से जोड़ा गया बाद में उसके साथ फर्जीवाड़ा कर दिया। वर्तमान में उसकी आर्थिक व दिमागी हालत इनके द्वारा किए गए विश्वासघात के चलते बहुत ही नाज़ुक है। 

 

अध्यक्ष पंकज पाराशर के एक और परम मित्र राकेश पंडित उर्फ रिवाल्वर राजा

 

 

और एक उपाध्यक्ष हमारे वाले छोटे भाई 🤣 रिंकू यादव के मामले में मध्यस्थता करने वाले

https://twitter.com/SupremeNewsG/status/1591632912210071553?t=177sIF7KQ-jkooJHh8i-PA&s=19

 

पुलिस-प्रशासन और मीडिया यदि सही काम करे तो आमजन के सामने कोई समस्या शायद ही आएंगी। वैसे तो बेशर्मों को यह कहते बहुत बार सुना जाता है कि पुलिस-प्रशासन और मीडिया का चोली दामन का साथ होता है। इसी वाक्य के सहारे पत्रकार बेहयाई के साथ अपने आप को पुलिस और प्रशासन का हिस्सा साबित करते जरा भी शर्म महसूस नहीं करते। बलिक पत्रकार इसी में अपनी तारीफ भी समझते हैं। अधिकांश पत्रकारों को इस वाक्य पर इतराते हुए देखा जा सकता है।

क्या वास्तव में पत्रकारिता का पुलिस-प्रशासन के चोली दामन का साथ होना चाहिए?

पुलिस प्रशासन और मीडिया के साथ का मतलब लोग या आधुनिक पत्रकार पुलिस-प्रशासन की हां में हां मिलाना या जो पुलिस और प्रशासन बोले उसी को जनता के सामने रखने से लगाकर समझने लगे हैं। जबकि पत्रकारिता का काम पुलिस प्रशासन की हां में हां मिलाना नहीं होता पत्रकारिता का काम पुलिस प्रशासन की नाकामियों और गैरकानूनी गतिविधियों को जनता के सामने शासन के सामने सरकार के सामने रखने का होता है।

आज के दौर में पत्रकारिता का क्या काम होना चाहिए और क्या काम नहीं होना चाहिए? इसे स्वयं पत्रकारों को समझाना भी नामुमकिन हो गया है फिर बेचारी देश की भोली-भाली जनता की समझ में यह सब कैसे आ सकता है? कुछ कुछ पत्रकार तो इतने ढीठ होते हैं कि सब कुछ जानते हुए समझने को तैयार ही नहीं होते कुछ वास्तव में इतने इतने नादान भी होते हैं कि उन्हें लाख समझाया जाए उनकी समझ में आता ही नहीं है बलिक में पहले से काम कर रहे कुछ रंगे सियार ओके हुबहू नकल करने पर लग जाते हैं।

अब हम बात कर रहे हैं नोएडा ग्रेटर नोएडा यामी गौतम बुद्ध नगर जिले की। गौतम बुद्ध नगर जिले में आर्थिक अपराध चरम पर है। यहां इसलिए है कि गौतम बुद्ध नगर जिला न केवल उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी है बल्कि यह कह दिया जाए कि यह देशभर के बड़े आर्थिक हब के रूप में उभर रहा है तो भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। कहां पर लोग देश-विदेश से पैसे कमाने की होड़ के लिए आते हैं एक अंधी होड़।

अब आप समझ लीजिए कि इस आर्थिक नगरी में पत्रकार ही भला क्यों पीछे रहें? जिस जिले में सिपाही से लेकर सीपी तक जिला प्रशासन के चपरासी लेख से लेकर डीएम तक तीन-तीन प्राधिकरणों के चपरासियों से लेकर प्राधिकरण के सीईओ तक सब के सब यहां की आर्थिक होड़ में शामिल हो जाते हैं।

अब आप जिले की मीडिया को लेकर यदि यह सोचते हैं कि मीडिया ईमानदारी से काम करें तो यह बेमानी है। कहीं ना कहीं आपकी सोच के संकुचित होने का नतीजा भी हो सकता है क्योंकि मीडिया में तो  राजनीति की तरह कोई भी अपराधी, ठग, 420, भूमाफिया, बिल्डर, मादक पदार्थों और सट्टेबाजी से जुड़ा व्यक्ति दंभ भरने लगता है चाहे भले ही वह खानदानी रूप से हत्यारों का वंशज या फिर किसी हिस्ट्रीशीटर बदमाश का बैटा ही क्यों न हो।

जिले की जनता को हम यह बता देना उचित समझते हैं कि गौतमबुद्धनगर के पत्रकारों का भूमाफियाओं, बिल्डरों और शराब माफियाओं से सीधे संबंध हैं। जिसके चलते यहां के प्रेस क्लबों में वही लोग हावी हो जाते हैं जो माफियाओं और पुलिस-प्रशासन के बीच सैटिंग-गैटिंग करते हैं।

इसलिए स्वच्छ छवि के पत्रकारों को गौतमबुद्धनगर के प्रेस क्लबों से दूरी बनाकर रखने में ही भलाई है। जिन पत्रकारों के सीनियर प्रेस क्लब में शामिल होकर पदों पर बैठे हैं उनकी तो अपने सीनियरों के साथ प्रेस क्लबों में शामिल होना मजबूरी हो सकती है।

वास्तव में जो लोग क्लबिया गैंग के भ्रष्टाचार में लिप्त नही हैं उन्हें निसंकोच नोएडा मीडिया क्लब की सदस्यता से त्यागपत्र दे देना चाहिए। एक बात अच्छी तरह समझ लीजिए कि आप कभी भी प्रेस नोएडा क्लब में शामिल रह कर क्लबिया गैंग की गैरकानूनी गतिविधियों का विरोध नही कर सकते। क्यों कि यदि आप नोएडा मीडिया क्लब के क्लबिया गैंग का विरोध करोगे तो ये लोग आपको माथे पर कालिख पोत पर आपको क्लब से बहार का रास्ता दिखा देंगे।

 

 

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