उत्तरप्रदेश

बादा 56 सवारी लेकर जाती बस अनियंत्रित होकर पलटी

अधिकारी कह रहे हैं 25 सवारी थी

सुप्रीम न्यूज/बांदा/इकबाल खान की रिपोर्ट

 

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आते हैं परिवहन व्यवस्था पर निरंतर सुधार करने की बात कही जा रही है लेकिन राज्य परिवहन के ड्राइवरों और कंडक्टरों से बात की जाए तो कहते हैं कि जब से योगी सरकार आई है न डीजल की व्यवस्था है ना गाड़ियों का सामान आता है जिससे की रिपेयरिंग हो सके राज्य परिवहन समाप्ति की ओर जा रही है। सूत्रों की माने तो राज्य परिवहन को समाप्त करने का प्रयास हो रहा है।

जब प्राइवेट गाड़ियों का राज होगा तो सवारी भी ओवरलोड होंगी। ड्राइवर भी नशे में होगे अराजकता का बोलबाला होगा। यात्रा करने वालों की जान को खतरा हमेशा बरकरार रहेगा। धीरे-धीरे लोग समझने लगे हैं कि सरकार को सिर्फ मीडिया मैनेजमेंट करती है।

आम जनता की जान की परवाह सरकार को बिल्कुल भी नही है। सरकार केवल अखबारों के मुख्य पृष्ठों पर अपने विज्ञापनों के रंगों पर ध्यान रखती है

लोगों से बात करने पर आम लोगों का कहना है कि रामराज की लूट है लूट सके तो लूट। सभी लोग जानते हैं कि कहीं ना कहीं सारे वादे सिर्फ कागजों पर ही सीमित रह गए

जिसके कारण लगातार प्राइवेट बस संचालक के हौसले बुलंद सीमा से ज्यादा सवारी भरकर सड़कों पर फर्राटा भरते हुए नजर आते हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा किसी भी तरह की कार्यवाही नही की जाती है

आखिर हादसे में शिकार हुए उन घायलों का जिम्मेदार कौन है? आखिर उस मासूम का जिम्मेदार कौन है? जो हादसों में अपने मां-बाप तक को खो देते है।

अपर पुलिस अधीक्षक बांदा लक्ष्मी निवास मिश्र धड़ल्ले से झूठ बोलते हुए 

हम बात कर रहे हैं बांदा जनपद की जहां देर शाम एक प्राइवेट बस अनियंत्रित होकर पलट गई जानकारी के मुताबिक ड्राइवर नशे में था जिससे बस अनियंत्रित होकर पलट गई लेकिन वही यात्रियों से जानकारी करने पर पता चला ड्राइवर शराब के नशे में था और बस में 56 से ज्यादा सवारियां यात्रा कर रही थी क्षमता से ज्यादा सवारी सवार होने के कारण बस पलटी लेकिन वही जब पूरे मामले की जानकारी अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्र से की गई तो उन्होंने बताया बस में 25 यात्री सवार थे जिसमें से 13 लोग घायल हैं सभी को सीएससी अतर्रा मैं भर्ती कराया गया है सभी का उपचार जारी है लेकिन सवार यात्रियों के मुताबिक बस में एक दर्जन से ज्यादा यात्री घायल हैं जिसमें से कई गंभीर रूप से घायल हैं और कईयों को बांधा ट्रामा सेंटर भर्ती कराया गया आखिरी हादसे का जिम्मेदार कौन है आखिर वक्त रहते ओवरलोड सवारियों पर क्यों नहीं नियंत्रण लगाया गया आखिर क्या कर रहा था जिला प्रशासन क्या जिला प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है अगर लापरवाही का नतीजा नहीं है तो अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा बस में सवार 56 यात्रियों से ज्यादा के बावजूद 25 यात्री क्यों बताया जा रहा है कहीं ना कहीं अपर पुलिस अधीक्षक के बयान और उस यात्री के बयान पर एक सवालिया निशान खड़ा होता है जब पास में 56 थे तो 25 क्यों बताएंगे आखिर क्या पुलिस प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने चाहता यदि नहीं तो पुलिस प्रशासन द्वारा वास्तविकता को क्यों नहीं दर्शाया गया आखिर घायलों को जिम्मेदार कौन है।

       बांदा बस हादसे के मुख्य कारण

अधिकारी कुछ भी कहें । योगी कुछ भी संदेश जारी करें लेकिन हादसे का मुख्य कारण क्षतिग्रस्त व गड्ढेयुक्त, बैगर पिचिंग वाली सड़कों पर ओवर लोडिंग सवारियों को लेकर तेज रफ्तार होना व चालक का शराब के नशे में होना बताया जा रहा है। जिसके प्राइवेट बस रोड किनारे पानी भरी खंती में पलट गई। इस में यह जानना भी बहुत जरूरी है कि बस मालिक कौन है। वह किस पार्टी से जुड़ा हुआ है। क्योंकि बस का नियम विरुद्ध ओवर लोडिंग होना भी इस बात का सूचक है कि कहीं ना कहीं राजनीतिक संरक्षण भी मिला होता है। पुलिस का भ्रष्टाचार यानी मंथली  और इस सबसे बड़ा कारण देश का भ्रष्टाचार में शामिल पत्रकार और   बिकाऊ मीडिया संस्थान भी देश के सर्वनाश के जिम्मेदार हैं।

 

 

हमेशा की तरह योगी बिकाऊ मीडिया के सहारे नियमों  और कानूनों का पाठ्यक्रम चालू कर देंगे

 क्या कानूनों का पालन कराने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी?

अब यह देखने लायक होगा उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ इस मामले में क्या संज्ञान लेते हुए क्या बोलते हैं? भ्रष्टाचार में अकंठ डूबे अधिकारियों पर किस तरह की कार्यवाही करते हैं? या फिर बीमा कंपनियों की तरह सिर्फ अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए परिवहन के नियमों और कानूनों का पाठ्यक्रम चालू करके बिकाऊ मीडिया का सहारा लेकर बड़े-बडे संदेश जारी कर देंगे। ओवर लोडिंग और शराब के नशे में ड्राइविंग करने वाले लोगों को रोकने और कारवाही करने की जिम्मेदारी रखने वाले परिवहन विभाग और पुलिस विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर शिकंजा कसा जाएगा या फिर नही। यूं ही रोज मासूमों की जान जाती रहेगी और यूं ही राजनीतिक रोटियां सेकते रहेंगे।

उत्तर प्रदेश में सरकारी परिवहन विभाग की बसों की कमी के कारण जनता को आवागमन के लिए अच्छी व्यवस्था के न होने के चलते लोगों को मजबूर होकर टैक्टर ट्राली और निजी ट्रांसपोर्टरों की मनमानी का शिकार होते हैं।

 

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