उत्तरप्रदेशमीडिया और पुलिस

बांदा से लेकर नोएडा तक हम हर तरह से झूठे मुकदमों में फंसाए गए पत्रकारों के साथ हैं ~ अजय सिंह भदौरिया

हम प्रदेश भर के पत्रकारों से बांदा के पत्रकारों के साथ हो रहे पुलिसिया आतंक का खुलकर विरोध करने का आह्वान करते हैं ~ संजय भाटी

सुप्रीम न्यूज। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि योगी टू में पुलिस बेलगाम हो गई है। पुलिस ने ऐसे पत्रकारों को चुन-चुनकर झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भेज रही है, जिन्होंने पुलिस और माफियाओं के गठबंधन को खोलने का प्रयास किया। योगी वन के समय पुलिस एक्का दुक्का पत्रकारों पर फर्जी मुकदमें दर्ज कर रही थी लेकिन जैसे ही योगी टू की शुरुआत हुई तो पत्रकारों पर फर्जी मुकदमों की संख्या बढ़ने लगी।

सुप्रीम न्यूज नेटवर्क के मालिक संजय भाटी के साथ फोटो में अपने अखबार की प्रति भेंट करने वाले डिटेक्टिव रिपोर्टर के संपादक श्री जाकिर भारती को देख रहे हैं अलीगढ़ निवासी संपादक पर कोतवाली नगर अलीगढ़ पुलिस ने 08/12/2021 को सट्टा संचालकों से सांठगांठ कर पोक्सो एक्ट के एक फर्जी मुकदमा अपराध संख्या 0319/2021 दर्ज कर श्री जाकिर भारती को अलीगढ़ से बर्बाद कर दिया। ये योगी वन की पुलिस थी। वैसे तो पुलिस का यह सिलसिला हर सरकार में लगातार जारी रहता है। लेकिन अब जो हो रहा है वह बहुत तेज गति से चल रहा है।‌‌ कभी नोएडा पुलिस तो कभी बांदा पुलिस पत्रकारों पर लगातार फर्जी मुकदमें दर्ज करने के रिकॉर्ड बनाने की होड़ में लगी है।

श्री अजय सिंह भदौरिया अध्यक्ष जिला पत्रकार संघ फतेहपुर

 

 

बांदा के पत्रकारों का जेल जाना व्यर्थ नही जाएगा

सुप्रीम न्यूज। उत्तर प्रदेश में आजकल पत्रकारों के साथ लगातार फर्जी मुकदमे दर्ज करने की घटनाएं सामने आ रही हैं हाल ही में बांदा जिले के थाना नरैनी में अवैध खनन को लेकर वहां के नरैनी क्षेत्राधिकारी द्वारा खनन माफियाओं के साथ मिलीभगत होने के चलते सात पत्रकारों पर रंगदारी का मुकदमा दर्ज करवा दिया ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है।

जब भी कोई पत्रकार इमानदारी से पत्रकारिता करने की कोशिश करता है तभी पत्रकार को फर्जी मुकदमा और उसके साथ मारपीट आदि करके उसके कैमरे तोड़कर उसे फंसा दिया जाता है। पत्रकारों का उत्पीड़न में चलता रहा है।

पिछले 30 सालों से पत्रकारिता में हम देखते आ रहे हैं। सरकार किसी की भी हो माफिया उसी के साथ लग जाते हैं। इसका बड़ा कारण है पुलिस-प्रशासन का भ्रष्टाचार में लिप्त होना। हमने कई सरकारें बनते और बिगड़ते और शासन करते देखी है। योगी की भी पहली सरकार देखी, लेकिन कि योगी टू में जो हालत इमानदार पत्रकारों की बनी हुई है वह अब तक की पिछली चार पांच सरकारों में कभी नही थी। योगी फर्स्ट में भी कुछ धरबर था लेकिन योगी सेकंड में तो पत्रकारों को पूरी तरीके से मुट्ठी में रखने का मिशन सरकार व सरकारी मशीनरी और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त गुंडों के द्वारा चलाया जा रहा है।

पूरे उत्तर प्रदेश में जगह-जगह अवैध धंधे चलाए जा रहे हैं। माफियाओं को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है। जिसमें अवैध खनन से लेकर निर्माण कार्य, प्लॉटों के कब्जे, जमीनों के कब्जे, सरकारी ठेका आदि में धांधली एक आम बात है। अवैध शराब की बिक्री तक सत्ताधारी दल के संरक्षण में चल रही है।

 

वास्तविकता यह है कि पत्रकार इस सच्चाई को कहने की हिम्मत नहीं जुटा रहे हैं क्योंकि लगातार एक के बाद एक पत्रकार को फर्जी मुकदमे दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है। ऐसी स्थिति में हम लोग पत्रकारों का समर्थन करने में उन्हें कानूनी मदद देने के लिए हमेशा की तरह पत्रकारों के साथ हैं।

वरिष्ठ पत्रकार श्री अजय सिंह भदौरिया अध्यक्ष जिला पत्रकार संघ फतेहपुर

 

इस मामले में उत्तर प्रदेश भर के पत्रकारों से बातचीत और सम्पर्क किया जा रहा है। यह एक गंभीर मामला है। हम किसी भी सूरत में अपने पत्रकार साथियों के साथ हो रहे अत्याचार को बर्दाश्त नही करेंगे। पत्रकारों पर लगातार दर्ज किये जा रहे फर्जी मुकदमों के मामलों में हम सड़क से लेकर न्यायालयों तक मजबूती से लड़ेंगे।

सरकार और पुलिस-प्रशासन बांदा के पत्रकारों को अकेले समझने की भुल न करें। ये आखिरी लड़ाई साबित होगी। योगी सरकार में सच्चाई सामने रखने पर पत्रकारों पर फर्जी मुकदमें दर्ज होने का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। अब ये बर्दाश्त से बाहर हो रहा है ~ पत्रकार सुरक्षा संयुक्त मोर्चा

 

 

 

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