उत्तरप्रदेशनोएडा प्राधिकरणमीडिया मैनेजमेंट

शौचालयों में पानी तक नही फिर भी नोएडा के विकास के नगाड़े दुनिया भर में बजा दिए

मिडिया मेनेजमेंट और क्लबिया पत्रकारिता गैंग का जनता से सरोकार नही है। सूचना विभाग और पुलिस के मिडिया सेल द्वारा जारी विज्ञप्तियों को पत्रकारों के नाम से प्रकाशित कर की जा रही है पत्रकारिता~ संजय भाटी

 

प्राधिकरण के सुलभ शौचालय जाएं तो डिब्बे में पानी भरकर ले जाएं, नहीं तो पड़ेगा पछताना

         करोड़ों की योजना हुई फेल 

https://twitter.com/SupremeNewsG/status/1606505451755274242?t=mVZtFCYCpPUx1lMwsgdCSQ&s=19

हमारे जैसे तुच्छ नागरिकों/पत्रकारों की पहुंच नोएडा विकास प्राधिकरण के सीईओ या अन्य जिम्मेदार अधिकारियों तक नही है। इसलिए खबर को ट्विटर के माध्यम से शेयर कर दिया है। संबंधित का जो भी कथन होगा। सार्वजनिक रूप से सामने आ जाएगा तो खबर के साथ प्रकाशित कर दिया जाएगा। ~संजय भाटी

 

सुप्रीम न्यूज़।ब्यूरो रिपोर्ट
नोएडा। प्राधिकरण द्वारा हाईटेक शहर नोएडा में सरकार के करोड़ों रुपए खर्च कर आम नागरिकों व यात्रियों के लिए सुलभ शौचालय की योजना का लाभ देने के लिए खर्च कर दिए लेकिन हाईटेक शहर नोएडा में अधिकांश सुलभ शौचालयों में पानी की व्यवस्था ही नहीं है। ना ही साफ सफाई की व्यवस्था है बल्कि इतना ही नहीं प्राधिकरण ने तो शौचालय जाने का टाइम भी फिक्स कर दिया है।

अगर आप लेट पहुंचे तो सुलभ शौचालय का इस्तेमाल भी नहीं कर पाएंगे। सुलभ शौचालय में बिना पानी के महीनों बीत जाते हैं। ऐसा ही मामला नोएडा के थाना 49 क्षेत्र के ग्राम बरौला बुध बाजार मार्केट के सुलभ शौचालय 55 का है। जबकि सुपरवाइजर अधिकारियों की तरह शौचालय पर नियुक्त लोगों को निर्देश देकर चले जाते हैं।

सुपरवाइजर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन नहीं कर रहे। यदि किसी को शौचालय जाना हो तो पानी साथ लेकर आना होगा। सरकार और नोएडा प्राधिकरण ने जनता के करोड़ों रुपया शौचालय के नाम पर बर्बाद कर दिया।

धीरे धीरे पत्रकारिता समाप्त हो जाएगी ~संजय भाटी 

“मिडिया मेनेजमेंट और क्लबिया पत्रकारिता गैंग का जनता से बिलकुल भी सरोकार नही है। इस पर जल्द ही विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे। क्यों कि इस तरह से पत्रकारिता धीरे धीरे समाप्त हो रही है। क्योंकि सभी मिडिया संस्थानों द्वारा सरकारी विज्ञापनों की होड़ में सूचना विभाग और पुलिस के मिडिया सेल द्वारा जारी विज्ञप्तियों को पत्रकारों के नाम से प्रकाशित करने को ही पत्रकारित  कहा जा रहा है” ~ संजय भाटी

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Close