नोएडा पुलिसपुलिस का भ्रष्टाचार

पंद्रह दिन से खाईबाडी का स्थान नही ढूंढ पाए ककराला चौकी प्रभारी

 

दैनिक सुप्रीम न्यूज 16 जनवरी 2023 supreme 16 jan 2023..का अंक पढ़ने के लिए क्लिक करें।

नोएडा फेस टू क्षेत्र बना सट्टा व जुआ माफियाओं का गढ़, महीनों से हो रही शिकायतों पर कोई कार्यवाही नही। 

 

यूं तो जिले भर में अवैध धंधों की भरमार है लेकिन नोएडा फेस टू क्षेत्र बना सट्टा व जुआ माफियाओं का गढ़। हाईटेक शहर नोएडा में सट्टा व जुआ माफियाओं का मकड़जाल फैला हुआ है स्थानीय पुलिस जानबूझ नजरअंदाज करती हैं

 

यही कारण है कि जिले भर में सट्टा व जुआ चलाने वाले गैंग अनेकों जगह खाईबाडी कर कानून को चुनौती दे रहे हैं

आखिर क्यों और किसके संरक्षण में पनप रहे हैं गैरकानूनी धंधों से जुड़े हुए माफिया?

नोएडा। थाना फेस-2 क्षेत्र के अनेकों गांव और सेक्टरों में अवैध तरीके से बड़े पैमाने पर जुआ व सट्टा चलाने वाले माफिया बेखौफ होकर खाईबाडी कर सट्टा व जुआ चला रहे हैं।

 

जिसके चलते युवा और नाबालिक बच्चे लालच में आकर सट्टेबाजों से 10 रुपए के हजार रुपए जीतने के चक्कर में इनकी चपेट में आ रहे हैं। कुछ मामलों में सौ के दो सौ तो कुछ मामलों में सौ रुपए के हजार रुपए जीतने के चक्कर में जुआ माफियाओं के चुंगल में फंसाकर अपनी मेहनत की कमाई को लगातार गंवाते रहते हैं।

आपको बता दें कि थाना फेस-2 पुलिस द्वारा लोगों की बार-बार शिकायतों के बाद भी खाईबाडी करने वाले लोगों पर कार्रवाई नही की जाती है। बल्कि किसी एक स्थान पर खाईबाडी की अधिक शिकायतें हो जाने पर स्थानीय पुलिस खाईबाडी के स्थान को परिवर्तित करवा देती है।

नोएडा फेस दो थाना क्षेत्र के ककराला, नयागांव और नगला में पुलिस की मिलीभगत से इस तरह के अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहे हैं। जिसकी सूचना ककराला चौकी प्रभारी को फोन पर व मुंह दर मुंह भी दी गई लेकिन चौकी प्रभारी को पंद्रह दिन में भी सट्टेबाजों का ठिकाना नही मिल पाया। जबकि ककराला पुस्ता चौकी से सौ मीटर की दूरी पर पूरा सट्टा लिखने का काम धड़ल्ले से चल रहा है।

 

सबसे बड़ी हैरानी तो इस बात की है कि कमिश्नरेट गौतम बुध नगर की पुलिस को इन अवैध जुआ व सट्टा चलाने वाले गैंगों की जानकारी कैसे नहीं लगती है? बल्कि इतना ही नहीं कमिश्नरेट गौतम बुध नगर के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को अवैध कारोबारियों की तथ्यों के साथ सूचना भी दी जाती है तो स्थानीय पुलिस के जिम्मेदार कर्मचारियों द्वारा उच्चाधिकारियों को झूठी रिपोर्ट देकर शिकायतकर्ताओं को ही झूठा साबित कर दिया जाता है।

 

ये बात बहुत दिलचस्प है कि सब कुछ स्पष्ट होते हुए भी उच्चाधिकारियों द्वारा गुमराह होने का नाटक किया जाता है या फिर वो सचमुच गुमराह हो जाते हैं?

 

 

मामला इतने तक ही सीमित नही है। सच्चाई तो बहुत आगे है। पुलिस अवैध धंधों में शामिल लोगों को संरक्षण देते हुए शिकायतकर्ताओं के विरुद्ध झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल तक भेज देती है। जिले में ऐसे अनगिनत मामले हैं। जब अवैध शराब तस्करों, गांजा तस्करों या सट्टे की खाईबाडी करने वाले माफियाओं से साठ-गांठ कर शिकायकर्ताओं पर मुकदमें दर्ज कर जेल भेजें गए हैं। ये सब पुलिस का वर्षों पुराना दस्तूर है।

 

जब भी किसी जिले में कोई नया पुलिस अधिकारी आता है तो एक बार लोगों में पुनः उम्मीद जाग जाती है।

 

इसलिए अब देखना यह होगा कि गौतम बुध नगर पुलिस कमिश्नरेट की तेज तर्रार पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह अवैध कारोबारियों व माफियाओं के खिलाफ हो रही शिकायतों को नजरअंदाज करती हैं या फिर अवैध शराब तस्करों, गांजा तस्करों व खाईबाडी ना करने वाले पुलिसकर्मियों पर कोई एक्शन लेंगी। क्या जनपद गौतम बुद्ध नगर में बड़े पैमाने पर जगह जगह अवैध तरीके से माफियाओं द्वारा स्थानीय पुलिस से साठ-गांठ कर चलाएं जा रहे सट्टे व जुआ के धंधे और मादक पदार्थों की बिक्री पर अंकुश लगा पाएगा?

 

 

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