उत्तरप्रदेशगौतमबुद्धनगरमीडिया और पुलिस

क्या लक्ष्मी सिंह के पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर बनने से भ्रष्टाचारियों से मिलेगी राहत?

यूपी में 16 आईपीएस अफसरों के ट्रांसफर

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आलोक सिंह को अखबारों में छापने वाले क्लबिया गैंग के हत्यारों, हिस्ट्रीशीटरों, ब्याजूओ और ठगों के वंशज भूमाफियाओं, बिल्डरों व अपराधियों की जमात जनता को ठगते और लूटाई-पिटाई करवाते रहे। 

नोएडा, गाजियाबाद , बनारस , आगरा, प्रयागराज में नए पुलिस कमिश्नर हुए तैनात, लक्ष्मी सिंह- पुलिस कमिश्नर नोएडा बनाई गई। अजय मिश्रा- पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद बनाए गए। प्रीतिंदर सिंह- पुलिस कमिश्नर आगरा बनाए गए। रमित शर्मा – पुलिस कमिश्नर प्रयागराज बनाए गए। अशोक मुथा जैन- पुलिस कमिश्नर वाराणसी बनाए गए

नोएडा पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ मुख्यालय भेजे गए।

SSP गाज़ियाबाद मुनिराज जी.SSP अयोध्या बनाये गए, वर्तमान एसएसपी प्रशांत वर्मा,SP बहराइच बनाए गए। SSP प्रयागराज शैलेश पांडेय SSP मथुरा बनाये गए। SSP मथुरा अभिषेक यादव,SP इंटेलिजेंस, लखनऊ मुख्यालय भेजे गए।

क्या लक्ष्मी सिंह के पुलिस कमिश्नर बनने से गौतमबुद्धनगर वासियों को मिलेगी राहत?

 

 

अब यहां एक अहम सवाल जनमानस के जहन में उभर रहा है कि क्या लक्ष्मी सिंह के पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर बनने से जिले वासियों को कोई राहत मिलेगी? गौतमबुद्धनगर में जब से कमिश्नरेट सिस्टम लागू हुआ है। जिले की कानून व्यवस्था अखबारों के पन्नों पर तो हमेशा चाटूकारों की वजह से इस तरह दनदनाते हुए दिखाई देते रही।

क्या सच्चाई रखने वाले पत्रकारों को फंसाया जाता रहेगा?

गौतमबुद्धनगर में नए कमिश्नर के आगमन से आम जन और सच्चाई से रूबरू कराने वाले पत्रकारों में असमंजस बरकरार है कि क्या नए कमिश्नर के आगमन से जिले में भ्रष्टाचार और गैरकानूनी गतिविधियों पर शिकंजा कसा जाएगा या फिर विरोध करने वाले पत्रकारों व आम जनों को फर्जी मुकदमों में फंसाकर उन्हें मुंह बंद रखने की नसीहत बरकरार रखते हुए। अपराध और भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की परम्परा जारी रहेगी। ये सब तो भविष्य के गर्भ में हैं लेकिन एक बार फिर से ईमानदार पत्रकारों के चहनए उत्साह से भरे हुए हैं।

 

क्या प्रेस क्लबिया गैंग की चमचागिरी की इंतहा का दौर समाप्त हो जाएगा?

जबकि कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद गौतमबुद्धनगर जिले की पुलिस की वास्तविक स्थिति क्या हो गई है। वह तो वे ही लोग जानते हैं। जिन्होंने पुलिस और मीडिया मैनेजमेंट को झेलते हुए भ्रष्टाचार और दबंगई से दो-दो हाथ किये हैं। विषय बहुत गंभीर और विस्तृत है। लोग पुलिस और प्रेस के गठबंधन में लूट खसोट को कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने से अब तक झेलते रहे हैं।

क्या गरीबों से इसी तरह अवैध वसूली जारी रहेगी?

 

अब कुछ लोग गौतमबुद्धनगर में लक्ष्मी सिंह के पुलिस कमिश्नर बनने से एक बार फिर उम्मीद और राहत की तरह दिखे रहें हैं।‌‌ ये तो समय ही बताएगा कि लक्ष्मी सिंह आमजनों के लिए थानों और चौकियों में कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहायक होंगी या फिर वही दलाल राज और लूट खसोट जारी रहेगी।

क्या शराब की ओवर रेटिंग से अवैध उगाही करने वाले पत्रकारों का अवैध वसूली करने का क्लबिया लाइसेंस नए कमिश्नर द्वारा भी जारी कर दिया जाएगा या फिर शराब की ओवर रेटिंग पर रोक लगाई जाएगी? वीडियो देखें

 

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