अपराधउत्तरप्रदेश
उत्तर प्रदेश के जंगल राज को छुपाने के प्रयास में औरैया पुलिस नाबालिग लड़की के शव को लेकर भागती हुई
उत्तर प्रदेश सरकार व पुलिस की पोल खोलोगे तो बांदा के पत्रकारों की तरह जेल जाओगे। यदि चमचागिरी करोगे तो मोटी आमदनी के साथ बड़े-बडों के साथ आम भी खाओगे और मौज मस्ती भी करोगे ~ संजय भाटी
सुप्रीम न्यूज। 03/10/2022 मधु चमारी की रिपोर्ट।
सुप्रीम न्यूज। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक लड़की का शव बिना कपड़ों के बरामद किया गया है. पुलिस के मुताबिक परिजनों ने बताया था कि मृतक लड़की सुबह शौच के लिए खेत में गई थी। दो घंटे बीत जाने पर भी जब लड़की नही आई तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरु कर दी। इस दौरान उसका शव अर्धनग्न अवस्था में खेत में पाया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में शव को पोस्टमार्म के लिए भेज दिया।
@Uppolice वाले लाश लेकर भाग रहे ताकि जंगलराज की कलई न खुल जाए@auraiyapolice आनन-फानन में शव लेकर भागने लगी, औरैया में नाबालिग लड़की की निर्वस्त्र लाश खेत में मिली
पीडि़त परिवार पीछे दौड़ रहा हैकोई दिन ऐसा नहीं गुजरता जब कानून व्यवस्था का जनाजा न निकालता हो@forpolicereform pic.twitter.com/LVuNRBfMY1
— दैनिक सुप्रीम न्यूज (@SupremeNewsG) October 3, 2022
वहीं कांग्रेस ने ट्वीट कर इस वारदात को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए इसे जंगल राज करार दिया है
यूपी के औरैया में एक 17 साल की लड़की का निर्वस्त्र शव खेत में मिला। पुलिस पहुंची और शव को आनन-फानन में लेकर भागने लगी। बदहाल परिवार पीछे दौड़ रहा है। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में ‘यूपी नंबर 1’ है।
क्या कोई पत्रकार या मीडिया संस्थान उत्तर प्रदेश में "जंगल राज" बताने की हिम्मत जुटा पाएगा?
दशहरा और दीपावली जेल में बिताने का इरादा हो तो रि-ट्वीट और कॉमेंट कर सकते हो ~ संजय भाटीhttps://t.co/z0LGk03Uvx pic.twitter.com/njtVaLaOyc
— दैनिक सुप्रीम न्यूज (@SupremeNewsG) October 3, 2022
क्या कोई पत्रकार या मीडिया संस्थान योगी राज को ‘जंगलराज’ कहने की हिम्मत जुटा पाएगा? शायद इसका जबाव नही में ही आएगा। कह भी मत देना। नही तो दशहरा और दीपावली जेल में बितानी पड़ेगी। आपको जानकारी देना चाहते हैं कि नोएडा पुलिस ने पत्रकार अजय गुप्ता पर केवल इसलिए मुकदमा दर्ज कर दिया क्योंकि अजय गुप्ता ने नोएडा में गांजा तस्कर की पुलिस से सांठगांठ होने का खुलासा करते हुए विडियो वायरल कर दी थी। वहीं दूसरी ओर बांदा जिले के 7 पत्रकारों को नरैनी क्षेत्राधिकारी द्वारा खनन माफियाओं से साठ-गांठ कर जेल भेज दिया गया। बांदा के पत्रकारों की गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने नरैनी थाना क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन की खबर कवरेज करने के बाद क्षेत्राधिकारी का वर्जन लेने के लिए उससे सम्पर्क किया था।
जिससे क्षेत्राधिकारी को पत्रकारों द्वारा अवैध खनन की कवरेज करने की जानकारी हो गई। जिस पर उसने खनन माफियाओं को बचाने और पुलिस की संलिप्तता पर पर्दा डालने के लिए पत्रकारों पर 3500 रुपए रंगदारी वसूलने का मुकदमा दर्ज करा दिया। ये 3500 रुपए पत्रकारों की अपनी जेब के थे। पत्रकारों के मोबाइल और कमरों से कवर की गई खबरों को डिलीट कर दिया गया था। फिलहाल सातों पत्रकार जेल में हैं। ~ संजय भाटी