उत्तरप्रदेश
सरकार सड़क हादसे रोकने के लिए कुछ तो करें या सीएम की अपील काफी है?
देश भर पहले से मौजूद कानून के अनुपालन के आदेश देने के अलावा सीएम की कोई और जिम्मेदारी नही है ~ संजय भाटी
सवाल जनता की गलती निकालने का नही है। सवाल तो सरकारी सुरक्षा व्यवस्था के इन्तजामों को लेकर है
सवाल तो यह है कि सरकार हादसों को रोकने के लिए क्या इंतजाम कर रही है?
क्या सड़क हादसे रोकने के लिए सीएम योगी का एक ऐसा आदेश काफी है? लोडर वाहनों व ट्रेक्टर ट्राली आदि में सवारी ढोने के विषय में देश भर में पहले से ही नियम और कानून मौजूद हैं। सवारी ढोने को लेकर कानून तो व्यवसायिक वाहनों और निजी वाहनों तक को लेकर भी हैं। योगी के उन्हीं कानूनों को लेकर किये गए आदेश को मिडिया से लेकर सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा प्रचारित- प्रसारित किया जा रहा है। क्या उसमें कुछ नया हैं?
सवाल तो यह भी है कि लोडर वाहनों व ट्रेक्टर ट्राली में सवारी ढोने को लेकर पहले से ढीलाई क्यों थी?
एक तो हम जानना चाहते हैं कि क्या केवल ट्रैक्टर ट्राली और दूसरे लोडर वाहनों में सवारी बैठाने से ही हादसे होते हैं। दूसरे हम जानना चाहते हैं कि क्या योगी के आदेश से पहले ट्रेक्टर ट्राली और दूसरे लोडर वाहनों में सवारी ढोने पर कानूनी रोक नही थी? हमारा देश भर के बुद्धिजीवियों और प्रबुद्ध वर्ग से यह भी सवाल है कि क्या देश भर में पहले से ही लोडर वाहनों और ट्रेक्टर ट्राली में सवारी बैठाना कानूनी रूप से अवैध नही है?
उत्तर प्रदेश में कानून नए हो या फिर पुराने बस पुलिस की अवैध उगाही तक ही सीमित होकर रह जाते हैं। देश भर में सड़क व्यवस्था को लेकर जितने भी कानून हैं, उनकी तो पृवत्ति भी इसी तरह की है। जिनकी धौंस दिखाकर जब चाहे जहां चाहे पुलिस वसूली कर सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश में ऐसा नया क्या है जो पहले से नही था? जिसके लिए अब मुनादी करवाई जा रही है। जिसका ढोल और माइक से जगह-जगह प्रचार किया जा रहा है। क्या यह सब इसलिए हो रहा है कि जनता का ध्यान प्रदेश भर की खस्ताहाल सड़कों पर ना जाए। जनता सड़कों के किनारों पर पड़ने वाले तालाबों, झीलों और नहरों पर सुरक्षा के लिए दिवार या बाधा बनाने की मांग ना करें।
हम आपको बता दें कि ट्रेक्टर ट्राली और दूसरे लोडर वाहनों में सवारी बैठाना पहले से ही गैर कानूनी है। इस तरह का कानून केवल उत्तर प्रदेश में ही नही बल्कि पूरे देश में लागू है।
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आए दिन हो रहे सड़क हादसे कुछ तो करो ~ संजय भाटी
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क्या सड़क हादसे रोकने के लिए सीएम योगी का आदेश काफी है? एक के बाद एक सड़क हादसे होते जा रहे हैं। प्रदेश सरकार को हादसों को रोकने के लिए केवल एक आदेश के भरोसे बैठी है। या फिर सरकार की कोई और भी योजना है। इन हादसों के पीछे कुछ तथ्य सामने आए हैं जिसमें केवल एक तथ्य किसान द्वारा टैक्टर ट्राली में सवारी भर कर चलना है। जिसके लिए योगी आदित्यनाथ ने आदेश व अपील दोनों कर दिए।
सड़क के किनारों पर तालाबों, झीलों और नहरों आदि के पुलों के होने के कारण कई बार सड़क हादसे में वाहनों के पानी में गिरने से यात्रियों के डूबने से मौत के आंकड़े बढ़ जाते हैं। बहुत सी जगह नहरों की पटरियों पर सड़क मार्ग बनें हुए हैं। जिसके किनारे पर किसी भी तरह की कोई दिवाली या बाधा नही बनाई गई है। जो बड़े हादसों की वजह बन जाती हैं।
ड्राइवरों का नशे में होना भी हादसों की बड़ी वजह है। अनेकों बार तो ऐसा देखा गया है कि स्वयं पुलिस वाले भी नशे की हालत में गाड़ियां चलाते हैं। अधिकांश हादसों में ड्राइवर नशे की हालत में होते हैं।
सरकार की तरफ से उचित परिवहन के साधनों का संचालन नही किया जा रहा है। जिसके कारण गरीब मजदूर व किसान सरकारी सुविधाओं के अभाव में अपने ट्रेक्टरों आदि का प्रयोग करते हैं।
हादसों का सबसे बड़ा कारण सड़कों का टूटी-फूटी होना होता है। योगी राज में सड़कों की मरम्मत तक नही हो रही है। राष्ट्रीय राज मार्गों की हालत खस्ताहाल है। दूसरी ओर इन सड़कों के किनारों पर बिजली के खंभे आदि लगें हैं। जो हादसों का कारण बनते हैं।
सड़कों के किनारों पर नालियों और खंभे आदि के लिए गड्ढों या सिवरेज के मेन हाल के ढक्कन खुले हुए रहते हैं या फिर वे क्षतिग्रस्त हो गए होते हैं जिसके कारण हादसे होते हैं।
हादसों में सबसे अधिक जनहानि आस्था से जुड़े मामलों में होती है। दरअसल धार्मिक आस्था और श्रद्धा से जुड़े आयोजनों में परिवार के बच्चों से लेकर जवान और बुजुर्ग, महिला, पुरुष सब के सब शामिल होते हैं। ऐसे में रिस्तेदारों और गांवों में अपने कुटुम्ब और गांव के अन्य लोगों को भी शामिल किया जाता है। इस लिए धार्मिक आयोजन और आस्था से जुड़े अधिकांश मामलों में अधिक भयावह जनहानि होती है।
क्या सवारी गाड़ियों के सड़क हादसें नही होते? सड़क हादसे तो बड़ी-बड़ी और करोड़ों रुपए की लग्जरी कारों के भी होते हैं। सभी जानते हैं कि किमती गाड़ियों में सेफ्टी फीचर्स लगे होते हैं। लेकिन गरीब मजदूर और किसान खुद तो किमती गाड़ियां नही खरीद सकते। गरीब जनता के लिए परिवहन के साधनों की व्यवस्था तो सरकारों को ही करनी चाहिए। हम ट्रेक्टर ट्राली और लोडर वाहनों से सवारी ढोने या बैठाने की वकालत नही कर रहे हैं।
~ संजय भाटी
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बांदा में ट्रैक्टर ट्राली पलटने से 22 घायल 1 मासूम की मौत
________________________________ सुप्रीम न्यूज के लिए बांदा से “इकबाल खान की रिपोर्ट”
सुप्रीम न्यूज। यूपी के बाँदा में ट्रैक्टर ट्राली पलट गयी जिसमें सवार दो दर्जन लोग घायल हो गए व एक वर्षीय मासूम बच्चे की मौत हो गयी । राहगीरों व पुलिस ने घायलों को सीएचसी नरैनी पहुंचाया जहां से 9 घायलों को बाँदा जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। घटना की सूचना पर डीएम व एसपी जिला अस्पताल पहुँचे व घायलों का हालचाल जाना।
Banda-कानपुर हादसे के बाद फिर आस्था के चलते लोग ट्रैक्टर से चल देते हैं
बाँदा जनपद में टैक्टर ट्राली पलटने से हुआ फिर हादसा,1 बच्चे की मौत 22 घायल। pic.twitter.com/Ol0saiq9VN
— दैनिक सुप्रीम न्यूज (@SupremeNewsG) October 4, 2022
प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के आदेशों के बाद भी बाँदा प्रशासन सोता रहा और जनपद के नरैनी क्षेत्र के पनगरा गांव के पास एक ट्रैक्टर ट्राली पलट जाने से उसमे सवार 22 लोग घायल हो गए व एक बच्चे की मौत हो गयी। सभी घायलों को नरैनी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। जिसमें से 9 घायलों को बाँदा जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
सभी घायल मध्य प्रदेश के गोयरा गांव के रहने वाले थे। जो एक पूजा कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वापस गोयरा जा रहे थे। सूचना मिलते ही बाँदा के जिलाधिकारी अनुराग पटेल और पुलिस अधीक्षक अभिनंदन सहित भारी पुलिस बल और आला अधिकारी मौके पर पहुंचे व घायलों के हालचाल लिए। वहीं इस घटना पर जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने 22 लोगों के घायल होने व एक वर्षीय बच्चे की मौत होने की पुष्टि की है।
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कानपुर में दो बड़े सड़क हादसों में शनिवार देर रात को कुल 31 लोगों की जान गई
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क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का इतना कहना प्रयाप्त है?
प्रिय प्रदेश वासियो,
मेरी अपील है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग सिर्फ कृषि कार्यों और माल ढुलाई के लिए ही करें। इससे सवारियों की ढुलाई कदापि न करें।जीवन अमूल्य है, कृपया लापरवाही न बरतें।https://t.co/2PNbP9QOC0
— दैनिक सुप्रीम न्यूज (@SupremeNewsG) October 4, 2022
एक अक्टूबर को कानपुर में ट्रैक्टर ट्राली हादसे में सड़क किनारे तालाब में डूबने से न की चोट लगने से 26 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें 50+ लोग सवार थे जो चंद्रिका देवी मंदिर से दर्शन कर लौट रहे थे
पीएम व सीएम ने मृतकों को 2-2 लाख व घायलों को 50-50 हजार रुपए के मुआवज़े का ऐलान किया pic.twitter.com/vwMGzCVM1J— दैनिक सुप्रीम न्यूज (@SupremeNewsG) October 4, 2022
सुप्रीम न्यूज। उत्तर प्रदेश के कानपुर में दो बड़े सड़क हादसे शनिवार देर रात को हुए हैं। जिसमें कुल 31 लोगों की जान चली गई। पहला सड़क हादसा कानपुर के साढ़ थाना क्षेत्र के कोरथा गांव निवासी श्रद्धालु ट्रैक्टर-ट्राली से फतेहपुर में चंडिका देवी मंदिर गए थे। लौटते समय साढ़ और गंभीरपुर गांव के बीच सड़क किनारे तालाब में ट्राली पलटने से 26 लोगों की मौत हो गई। ट्रैक्टर-ट्रॉली 50 लोग सवार बताए जा रहे हैं।
दूसरी घटना अहिरवां फ्लाई ओवर पर तेज रफ्तार ट्रक ने लोडर में टक्कर मार दी। हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई। वहीं, सात से आठ लोग गंभीर हैं। सभी विंध्याचल मुंडन के लिए जा रहे थे। मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद और राहत बचाव का कार्य जारी है।
तीसरी घटना में एक कार नहर में जा गिरी। यह वही इलाका है, जहां शनिवार को ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसे का शिकार हुई थी। इसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। गनीमत रही कि तुरंत ही गांव वालों ने कार सवारों को बचा लिया।
पुलिस ने बताया कि सड़क के किनारे पर बाउंड्री नही है। जिसके कारण वाहनों के गिरने का डर बना रहता है
________________________________ सीएम ने कहा ट्रेक्टर ट्राली में सफर न करें ________________________________
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस हादसे के बाद राहत कार्य की खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिये जाने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने इसके साथ ही ट्रैक्टर ट्राली पर सफर न करने की हिदायत देते हुए ट्वीट किया।
“प्रिय प्रदेश वासियो,
मेरी अपील है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग सिर्फ कृषि कार्यों और माल ढुलाई के लिए ही करें।
इससे सवारियों की ढुलाई कदापि न करें. जीवन अमूल्य है, कृपया लापरवाही न बरतें।”