उत्तरप्रदेशगौमाता रामप्यारीमिशन

भोजन की तलाश में सड़कों पर भूखे-प्यासे कूड़ा-कचरा खाने को मजबूर गौवंशों, पशु-पक्षियों के विडियो और फोटो अपने ट्विटर अकाउंट से @CowSupremeNews पर शेयर करें

गौमाता के नाम पर वोट लेकर सत्ता में बैठे लोगों को गौमाता की याद दिलाने की जिम्मेदारी हम सब को निभानी होगी, जन-जन को गौवंशों, पशु-पक्षियों के लिए पत्रकारिता करनी होगी ~ गौमाता रामप्यारी मिशन “सुप्रीम न्यूज” 

सुप्रीम न्यूज। हाल ही में सुप्रीम न्यूज़ परिवार द्वारा “गौ माता रामप्यारी मिशन” की शुरुआत की गई है। जिसके तहत “सुप्रीम न्यूज के संपादक संजय भाटी” ने देशभर के पत्रकारों और समाजसेवियों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने आसपास जिंदगी के लिए संघर्षर कर रहे गौवंशों के फोटो खींच कर ट्विटर पर शेयर करें।

सभी जानते हैं कि अधिकांश गौवंश भूखे-प्यासे कूड़ा-कचरा खाने को मजबूर हो कर सड़कों पर भटक रहे हैं। जिसके चलते आए दिन गौमाताओं और गौवंशों की सड़क दुघर्टनाओं में मौत हो जाती हैं। इन दुर्घटनाओं में छोटे वाहन चालकों की भी मौत हो जाती हैं।

इस में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्तमान में केंद्र और अधिकांश राज्यों में भाजपा की सरकार हैं जो भगवान श्री राम और गौमाता के नाम पर लोगों की आस्था और श्रद्धा का लाभ उठाकर देश के सबसे बड़े राजनीति दल के रूप में सत्ता में आई है।

यहां पर यह भी उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो गौरक्षा के लिए देश भर का सबसे प्रभावशाली चेहरा हैं। योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मन्दिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं।

सुप्रीम न्यूज द्वारा इस मुहिम की घोषणा के तुरंत बाद सबसे पहले “गौमाता रामप्यारी मिशन” का समर्थन करते हुए नोएडा के जाने माने समाज सेवी श्री आदेश त्यागी कौशिक अध्यक्ष भारत युवा परिषद्  द्वारा “सुप्रीम न्यूज” को बधाई देते हुए “गौमाता रामप्यारी मिशन” का हिस्सा बनते हुए नोएडा के सेक्टरों में खाने-पीने के लिए सड़कों पर भूखे-प्यासे कूड़ा-कचरा खाने को मजबूर गौमाता और गौवंशों के फोटो खींच कर अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर करने के साथ-साथ सुप्रीम न्यूज को भी सभी फोटो उपलब्ध कराए।

आपको जानकारी दे देना चाहते हैं कि अकेले गौतमबुद्धनगर जिले में गौमाता और गौवंशों की अरबों रुपए की जमीन है। आंकड़े समझ लीजिए। ये आंकड़े जिले के राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज हैं खसरा खतौनी में दर्ज गोचर, जंगल और तालाब वास्तव में तो गौमाता, गौवंशों, पशु-पक्षियों और जंगली जीव जंतुओं का हिस्सा ही तो है। ये गौवंशों और अन्य पशु-पक्षियों का नही तो फिर ये किसका हिस्सा है?  गौतमबुद्धनगर का क्षेत्रफल 1442 वर्ग किमी जिले का कुल प्रतिवेदित क्षेत्रफल 125422 हेक्टेयर, जंगल 2003 हेक्टेयर व गोचर/चारागाह 486 हेक्टेयर है। राजस्व रिकॉर्ड में लगभग 1000 तालाब हैं ।

अब आप समझ सकते हैं कि यही हाल पूरे उत्तर प्रदेश का ही नही देश भर का है। देश के जिन क्षेत्रों में सरकारों द्वारा औद्योगिक विकास और शहर बसाने के नाम पर किसानों की कृषि भूमि अधिग्रहण की वहीं पर गौवंशों और दूसरे पशु-पक्षियों की दुर्दशा हो गई है। कृषि कार्यों और दुग्ध उत्पादन में कम मुनाफा होना। देश में किसानों की बदहाली भी गौवंशों की बदहाली का कारण है। दूसरे कृषि कार्यों में मशीनीकरण के चलते गौवंश की भूमिका का कम होना भी इसकी मुख्य वजह है (इन विषयों पर भविष्य में चर्चा करेंगे)

 

 

“गौमाता रामप्यारी मिशन”

 

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