उत्तरप्रदेशगौमाता रामप्यारीमिशन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, देहात के कृषि क्षेत्रों से गौवंश कहां गायब हो गए?
हमारे साथ मिलकर इस रहस्य को उजागर करने में हमारी मदद करें ~ संजय भाटी
सुप्रीम न्यूज। 13/10/2022 गौमाता रामप्यारी मिशन
अपनी बात को आगे बढ़ाने से पहले हम सबसे पहले “गौमाता रामप्यारी मिशन” से जुड़े अभियान में सहयोग करने वाले पत्रकारों व आम जनों का आत्मिक तौर पर आभार व्यक्त करते हुए सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं। आप सब के सहयोग से हम “गौमाता रामप्यारी मिशन” को आगे बढ़ाते हुए पुनः आपका शुक्रिया अदा करते हैं।
बताते चलें कि इस मिशन में चित्रकूट के बंशीलाल जी, नोएडा के सुशील त्यागी जी, लखनऊ से निडर और साहसी महिला पत्रकार सोनी कपूर जी, अलीगढ़ से धर्मेंद्र राघव जी, सतवीर सिंह यादव जी, मुशीर खान जी, जितेंद्र गुप्ता जी, गाजियाबाद से एडवोकेट आमिर और @Cowhelpindia ( Cow Help India )
श्रीमान @narendramodi@myogiadityanath
पत्रकारों को जेल भेजोगे या फिर गौमाता की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को?@AjaiBhadauriya @TnPaD4BkF3i2YBO @Cowhelpindia धन्य है वो पत्रकार और आम जन जो ट्विटर पर गायों की वास्तविक स्थिति को उजागर कर रहे हैंhttps://t.co/1xBbRqq6pk pic.twitter.com/Nw3yrBsJbe— गौमाता रामप्यारी को समर्पित सुप्रीम न्यूज (@CowSupremeNews) October 13, 2022
हम लगातार सड़क दुर्घटनाओं व भूख प्यास के कारण गौ माताओं की मौत होते देख रहे हैं। “गौमाता रामप्यारी को समर्पित सुप्रीम न्यूज़” के ट्विटर हैंडल पर भी अनेकों ऐसे वीडियो वायरल है जिनमें कुछ गाय सड़क दुर्घटना में तो कुछ की अन्य किसी वजह से मौत हो गई हैं। यहां हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि गौ माता की मौत क्यों हुई?
इसका सही कारण क्या था?
ग्रेटर नोएडा के गांव पंचायतन के हनुमान मंदिर से (महाराज) बाबाजी गायों को भगा रहा है ये विडियो भी "सुप्रीम न्यूज के संपादक संजय भाटी" ने अपने स्वयं गाड़ी रुक कर बनाया है
(संपादक का मिशन है आवाज सुन लें)
मैं गाय हूं सीधी सादी हूं सभी मंदिरों से मुझे ऐसे ही भगा दिया जाता है pic.twitter.com/OnVCzU0nQC
— गौमाता रामप्यारी को समर्पित सुप्रीम न्यूज (@CowSupremeNews) October 12, 2022
ये पता लगाया जाना भी बहुत जरूरी है। केवल इतने भर से काम नहीं चल जाता है कि गौमाता का हमने विधिवत तरीके से दाह संस्कार कर दिया। क्योंकि गौमाता के दाह संस्कार के साथ-साथ गौमाता की मौत के रहस्य का भी दाह संस्कार हो रहा है। जी हां यह एक भयानक सच्चाई है कि गौमाता के दहा संस्कार के साथ गौ माता की मौत के रहस्य का भी दाह संस्कार हो जाता है। जो कहीं ना कहीं गौ माता की मौत पर पर्दा डाल देता है। यहां हम यह कहना चाहते हैं कि गौ माता की मौत से के रहस्य से पर्दा उठना चाहिए। आखिर गौ माता की मौत क्यों हो रही है?
ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में पुराने कासना रोड़ पर आज सुबह ये गौमाता मरी पड़ी थी
संभावना ये है कि इस गौमाता की मौत लंपी वॉयस से हुई है
आस पास दुकानों में जो लोग हैं उन में गौमाता की मौत को लेकर कोई प्रतिक्रिया नही दिखाई दे रही है
गौमाता के पास कोई भी गौभक्त नजर नही आ रहे हैं pic.twitter.com/lPQtJWN2Kv
— गौमाता रामप्यारी को समर्पित सुप्रीम न्यूज (@CowSupremeNews) October 12, 2022
कहीं-कहीं गौ माता की मौत लंपी की बीमारी से हो रही है। तो कहीं सड़क दुर्घटना से हो रही है। तो कहीं खाने और पानी की कमी से हो रही है। तो कहीं उसके पेट में पिन्नी जैसी चीजों के जमा होने के कारण उसकी मौत हो रही है। लेकिन यहां एक गंभीर रहस्य और देखने को मिल रहा है।
हम सुप्रीम न्यूज परिवार की ओर से "श्री बंशीलाल जी" को गौमाता के प्रति उनकी संवेदनशील और सत्यता को ट्विटर पर शेयर करने के लिए हृदय की अनन्त गहराइयों से धन्यवाद करते हुए सुप्रीम न्यूज के गौमाता रामप्यारी मिशन में सहयोग कर आगे बढ़ाने के लिए शुक्रिया करते हैंhttps://t.co/qoSQtGSW8M pic.twitter.com/dQ0q7TcuPx
— गौमाता रामप्यारी को समर्पित सुप्रीम न्यूज (@CowSupremeNews) October 13, 2022
पिछले कुछ दिनों से सुप्रीम न्यूज की टीम ने गौतम बुध नगर, बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद, मेरठ के देहात क्षेत्रों में जाकर भी गौमाता और गौवंशों की स्थिति को चेक करने के लिए गाड़ियां दौड़नी शुरू कर दी। इसके अजीब नतीजा दिखाई दिया। देहात क्षेत्रों के किसी भी हाईवे, सड़कों यहां तक कि गांव देहात को जोड़ने वाले रास्तों व सड़कों पर कहीं भी गौमाता और गौवंशों का जमावड़ा दिखाई नही दिया।
#गौमाता
मुझे कोई #भोजन नहीं करा सकता क्या मैं लाचारी में जीयु लगता है मुझे ऐसे ही जीना पड़ेगा।
मेरे नाम से भक्त मेरे हिस्से का पैसा लेकर खूब खा रहे हैं।
क्या में अपने घर नहीं रह सकती हूं, मुझे सड़कों पर रह भूख के कारण #कचरा_खाने पर मजबूर कर दिया है। #गौशाला @CowSupremeNews pic.twitter.com/HVihz2ohpO— Cow Help India (@Cowhelpindia) October 10, 2022
हम ने इसका कारण खोजने की कोशिश करते हुए अपने दिमाग और गाड़ियों को गांवों तक दौड़ाने का फैसला लेते हुए हम गांवों की ओर बढ़ाते हुए यह सोच रहे थे कि देहात के क्षेत्रों में खेती हो रही है। इसलिए गौमाता और गौवंश किसानों के खेतों में रहकर अपनी गुजर-बसर कर रहे होंगे। आप भी यही सोच रहे होंगे, हमने भी यही सोचा था।
जी हां, आप भी यही सोच रहे होंगे कि गांव देहात और क्षेत्रों में गोवंश किसानों के खेतों में रह कर अपना पेट पाल रहे होंगेे। हम भी यही सोच रहे थे कि गांव देहात और कृषि क्षेत्रों में गोवंश बड़ी मौज मस्ती के साथ पल बढ़ रहे होंगे। जबकि वास्तविकता बहुत भयानक थी। जो गाय दूध दे रही है। जो बैल किसान के किसी काम में जुटे हुए हैं। उनके अतिरिक्त गांव में इक्का-दुक्का गोवंश के अलावा कहीं भी आपको गोवंश नजर नही आएंगे।
गौमाता के लिए पत्रकारिता करने वाले सभी पत्रकार गौमाता की वर्तमान में वास्तविक स्थिति को उजागर करके ढकोसले बाज तथाकथित गौरक्षकों और गौमाता के नाम पर वोट लेकर सत्ता में काबिज सरकार की सच्चाई बेनकाब करते हुए इस मुहिम को मुकाम तक पहुंचाने में सहयोग करेंhttps://t.co/qOexJs8CzC pic.twitter.com/vxP18e2IiW
— गौमाता रामप्यारी को समर्पित सुप्रीम न्यूज (@CowSupremeNews) October 13, 2022
यह हमारे लिए एक गंभीर रहस्य है। इस पर हमारी टीम के लोगों ने स्थानीय लोगों और विषय के जानकारों से बातचीत कर कुछ जानकारी जुटाई। वैसे तो हम ने जो जानकारियां जुटाई हैं। वह सच भी है और सच के करीब भी है। लेकिन हमारे द्वारा जुटाई गई जानकारी के पुख्ता प्रमाण हमें कहीं से भी नहीं मिले।
@narendramodi @myogiadityanath@UPGovt @myogioffice गौवंश तड़प तड़प कर मर रहे हैं
क्या अब गौमाता चुनावी मुद्दा नही होगी?गौमाता की वास्तविक स्थिति को उजागर करने के लिए @SonyKapoor99 जी को बहुत-बहुत धन्यवाद https://t.co/VXZJWRyyPW pic.twitter.com/eDcX2Z56Gp
— गौमाता रामप्यारी को समर्पित सुप्रीम न्यूज (@CowSupremeNews) October 13, 2022
हमारे द्वारा जुटाई गई जानकारी को हम अपने पाठकों और गौमाता रामप्यारी मिशन से लगातार जुड़ रहे आमजनों और ट्विटर पर गौमाता और गौवंशों के विडियो शेयर कर रहे साथियों को भी बताना चाहते हैं।
वर्तमान में गांवों और देहात के कृषि क्षेत्रों में गौमाता और गौवंशों की संख्या बहुत कम नजर आ रही है। किसी-किसी गांव में एक – दो को छोड़कर गौमाता और गौवंश नजर ही नही आ रहे हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में गौमाता और गौवंशों के लिए न तो कोई गौशाला बनी हैं न ही कोई उन्हें पकड़ने के लिए कोई सरकारी अभियान चलाया गया है। ऐसे में गौमाता और गौवंशों को धरती निगल गई या आसमान सटक गया।
एक-दो साल पहले की बात करें तो गौवंश किसानों की फसलों को उजाड़ने में नंबर वन पर सुर्खियों में रहे हैं। जो कभी कॉरपोरेट मीडिया संस्थानों के समाचार पत्र-पत्रिकाओं से लेकर टीवी चैनलों पर भी छाए हुए थे।
देहात के कृषि क्षेत्रों से गौवंशों के रहस्यमई तरीके से अचानक गायब होने की पड़ताल करते वक्त जो जानकारियां देहात क्षेत्रों में निवास करने वाले जानकारों द्वारा “सुप्रीम न्यूज” को दी गई। वह वाकई मानवता को शर्मसार करने वाली हैं। इसलिए हम अपनी तफ्तीश के किसी भी प्रकार के नतीजों को सार्वजनिक करने के बजाए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गौवंशों के देहात के कृषि क्षेत्रों से अचानक रहस्यमई तरीके से गायब होने की जांच की मांग कर रहे हैं।
दूसरी ओर गौशालाओं में भी गौमाता की मौत एक रहस्य बना हुआ है। इस तरह के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए गौवंशों की मौत के कारणों का पता लगाने की जरूरत है। जिसके लिए मृत गौवंशों का पोस्टमार्टम कराया जाए। ताकि गौमाता व गौवंशों की मौत से पर्दा उठ सके।
(गौमाता रामप्यारी मिशन सुप्रीम न्यूज)
संजयभाटी संपादक सुप्रीम न्यूज